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RBI के केंद्रीय बोर्ड के निदेशकों की बैठक में बोले गवर्नर शक्तिकांत दास, मुद्रास्फीति की गति नीचे की ओर

आज भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि "मुद्रास्फीति की गति नीचे की ओर है और केंद्रीय बैंक मूल्य वृद्धि को नियंत्रित करने और आर्थिक विकास सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बीच एक नाजुक संतुलन बनाना जारी रखेगा।

Deepak Kumar
Written By Deepak KumarPublished By Network
Published on: 14 Feb 2022 1:18 PM GMT
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RBI गवर्नर शक्तिकांत दास। 

आज भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने कहा कि "मुद्रास्फीति की गति नीचे की ओर है और केंद्रीय बैंक मूल्य वृद्धि को नियंत्रित करने और आर्थिक विकास सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बीच एक नाजुक संतुलन बनाना जारी रखेगा। ये बात रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड के निदेशकों की बैठक के बाद दास ने कही है। इस बैठक को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने संबोधित किया।

तेल की कीमतें डाउनसाइड और अपसाइड जोखिमों पर निर्भर

दास (Governor Shaktikanta Das) ने कहा कि रिजर्व बैंक के मुद्रास्फीति अनुमान मजबूत हैं, लेकिन वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से जुड़े डाउनसाइड और अपसाइड जोखिमों पर निर्भर हैं। गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने कहा कि आरबीआई एक विशेष सीमा को ध्यान में रखता है, जिसके भीतर कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव की उम्मीद की जा सकती है, जो कि सभी कारकों पर विचार कर सकता है और आज की तरह की भविष्यवाणी की जा सकती है।

अगले वित्तीय वर्ष के लिए उधार कार्यक्रम पर काम

दास ने (Governor Shaktikanta Das) यह भी कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) अगले वित्तीय वर्ष के लिए उधार कार्यक्रम पर काम कर रहा है, जबकि वैश्विक बॉन्ड इंडेक्स में देश का समावेश भी कार्य प्रगति पर है। दास ने कहा कि हमारे मुद्रास्फीति अनुमान पर मैं कहूंगा कि यह काफी मजबूत है और हम इसके साथ खड़े हैं। उन्होंने आगे कहा कि कच्चे तेल की कीमतें एक वजह हैं, जिससे मुद्रास्फीति के ऊपर जाने का जोखिम बन सकता है।

पिछले साल अक्टूबर से मुद्रास्फीति का रुख नीचे की ओर

शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर से मुद्रास्फीति का रुख नीचे की ओर है। उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से सांख्यकीय कारणों की वजह से विशेषरूप से तीसरी तिमाही में मुद्रास्फीति ऊंची दिख रही है। इसी आधार प्रभाव का असर अगले कुछ माह के दौरान भी दिखेगा। वहीं, दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह कहा था कि सकल मुद्रास्फीति चालू वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में ऊपर जाएगी।

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