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Electronics Companies: चीनी की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियां कर सकती हैं भारत में कारोबार, सरकार ने बनाया यह नियम
Electronics Companies: साझेदारी के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों का काम शुरू कर सकती है, लेकिन पार्टनरशिप में भारतीय कंपनियों का शेयर अधिक होना जरूरी है।
Electronics Companies (सोशल मीडिया)
Electronics Companies: भारत में चीन की उच्च इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। केंद्र सरकार भारत में चाइनीज इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों के कारोबार के बारे में विचार कर रहा है। हालांकि इसके लिए सरकार की ओर से इन चीनी कंपनियों के लिए एक शर्त रखी गई है। इस शर्त के मानने के बाद ही उन्हें भारत के बाजार में एंट्री मिलेगी। एक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार के जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि लोकल कंपनियों के साथ जॉइंट वेंचर पर ही घरेलू बाजार में कारोबार के लिए प्रवेश मिलेगा। केंद्र सरकार ने यह नियम केवल चीन के लिए अन्य देशों के लिए भी बनाया गया है।
सरकार से जुड़े एक अधिकारी ने कही यह बात
एक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब चाइन सहति दक्षिण कोरिया, ताइवान और वियतनाम की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों को भारत में करोबार करने के लिए यहां की लोकल कंपनी के एक जॉइंट वेंचर बनाना होगा। सरकार से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि सरकार उच्च तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में चीनी कंपनियों के प्रवेश की अनुमति देने के लिए तैयार है, यदि वे स्थानीय कंपनियों के साथ साझेदारी में देश में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करते हैं। सरकार उद्योग के साथ-साथ उन भारतीय कंपनियों की पहचान करने की कोशिश कर रही है, जो न केवल चीन की कंपनियों के साथ, बल्कि दक्षिण कोरिया, ताइवान और वियतनाम की कंपनियों के साथ भी इलेक्ट्रॉनिक्स संयुक्त उद्यम करना चाहती हैं।
इनके पास रहेगा जॉइंट वेंचर का नियंत्रण
एक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साझेदारी के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों का काम शुरू कर सकती है, लेकिन पार्टनरशिप में भारतीय कंपनियों का शेयर अधिक होना जरूरी है। जॉइंट वेंचर का पूरा नियंत्रण भारतीय कंपनी के बोर्ड के पास ही रहेगा। फिलहाल, इसको लेकर अभी कोई अंतिम निर्यण नहीं लिया गया है। जॉइंट वेंचर के नियम बनते ही इस पर फाइनल निर्णय लिया जाएगा।
यह है सरकार की योजना
स्थानीय कंपनियों के कारोबार में असर न पड़े इसलिए इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के सारे प्रपोजल भारत में फाइनल नहीं होंगे। केवल हाई टेक्नोलॉजी वाली कंपनियों के प्रपोजल पर सरकार जॉइंट वेंचर के लिए विचार करेगी। सरकार का ध्यान ताइवान, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और यूरोपीय देशों की हाईटेक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के जॉइंट वेंचर के प्रपोजल पर है। देश में हाईटेक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों की संख्या कम है। इसलिए कंपनियों की पहचान की जाएगी,ताकि इलेक्ट्रॉनिक्स सेगमेंट के जॉइंट वेंचर में लिया जा सकता है।