TRENDING TAGS :
Gas Price Hike in October: दिवाली से पहले लोगों को महंगाई का एक और झटका, CNG-PNG के बढ़ेंगे दाम
Gas Price Hike: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में बढ़ोतरी कर मिडिल क्लास को जोरदार झटका दिया। CNG-PNG की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है।
Lucknow: देश का एक बड़ा तबका महंगाई (inflation) की मार से इन दिनों त्रस्त है। सरकार भी तमाम कोशिशों के बावजूद इस मोर्चे पर लोगों को राहत नहीं दे पाई है। शुक्रवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में बढ़ोतरी (Reserve Bank of India hikes repo rate) कर मिडिल क्लास को जोरदार झटका दिया। ईएमआई (EMI) के महंगे होने के शॉक से लोग उबरे भी नहीं थे कि अब नेचुरल गैस ने टेंशन बढ़ा दी है। प्राकृतिक गैस की कीमत में बेतहाशा वृद्धि के बाद अब CNG-PNG की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है।
अगर ऐसा होता है तो त्योहारी सीजन में ये लोगों के लिए महंगाई का डबल झटका साबित होगा। सीएनजी और पीएनजी के दाम बढ़ने से न केवल गाड़ी का ईंधन और खाना पकाना महंगा होगा बल्कि बिजली और खाद भी महंगे होंगे। प्रकृतिक गैस का उपयोग बिजली के उत्पादन से लेकर उर्वरक के प्रोडक्शन तक में होता है। यानी इससे न केवल आम बिजली उपभोक्ता प्रभावित होंगे बल्कि किसानों भी प्रभावित होंगे।
नेचुरल गैस की कीमत में भारी वृद्धि
नेचुरल गैस का उपयोग गैस बेस्ड प्लांट चलाने से लेकर सीएनजी और पीएनजी बनाने के लिए होता है। इन्हें भी ऑयल फील्ड से निकाला जाता है। देश में जो कुल गैस का उत्पादन होता है, उनका दो-तिहाई हिस्सा इन्हीं ऑयल फील्ड से आता है। इसे गैस के लिए जिस कीमत का भुगतान किया जाता है, उसे नेचुरल गैस प्राइस कहते हैं।
केंद्र सरकार ने घरेलु प्राकृतिक गैस के दाम 40 फीसदी तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। नेचुरल गैस की कीमत को 6.1 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू से बढ़ाकर 8.57 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू कर दिया गया है। इससे पहले अप्रैल में नेचुरल गैस की कीमत में वृद्धि की गई थी। केंद्र सरकार हर छह माह में घरेलु नेचुरल गैस की कीमतों की समीक्षा करती है।
नेचुरल गैस की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बढ़ी
बता दें कि रूस –यूक्रेन जंग के कारण नेचुरल गैस की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बढ़ी है। रूस दुनिया में नेचुरल गैस के बड़े उत्पादकों में है। यूक्रेन के खिलाफ जंग छेड़ने के कारण उसके गैस निर्यात पर पाबंदियां लगा दी गई हैं, जिसके कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में उछाल आ गया है।