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Hindenburg Research: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने देश में पैदा कर दिया था सियासी भूचाल, अडानी ग्रुप को लेकर संसद में हुआ था भारी हंगामा

Hindenburg Research: अपने छोटे से सफर के दौरान हिंडनबर्ग ने पूरी दुनिया के कई बड़े दिग्गजों के कारोबारी साम्राज्य को हिला दिया। हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरसन ने अपनी उपलब्धियां को बताते हुए इसका जिक्र भी किया है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 16 Jan 2025 12:16 PM IST
Hindenburg Research: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने देश में पैदा कर दिया था सियासी भूचाल, अडानी ग्रुप को लेकर संसद में हुआ था भारी हंगामा
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Gautam Adani Nathan Anderson  (PHOTO: social media )

Hindenburg Research: अडानी ग्रुप समेत दुनिया भर के कई बड़े दिग्गजों के साम्राज्य को हिला देने वाली अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी दुकान बंद करने का फैसला किया है। हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरसन ने कंपनी को बंद करने का ऐलान किया है। 2017 में स्थापित इस कंपनी ने अपने छोटे से सफर के दौरान प्रसिद्ध उद्योगपति गौतम अडानी और सेबी की माधवी पुरी बुच समेत दुनिया भर के कई दिग्गजों को अपना निशाना बनाया मगर अब इस कंपनी का शटर गिरने जा रहा है।

2023 में अडानी ग्रुप के संबंध में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने पूरे देश में सियासी भूचाल पैदा कर दिया था। इस कारण देश की संसद में बजट सत्र के दौरान भारी हंगामा हुआ था और संसद की कार्यवाही कई दिनों तक ठप रही थी। इसके बाद 2024 में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में सेबी की चीफ माधवी पुरी बुच पर कई गंभीर आरोप लगाए थे गए थे जिसे लेकर पूरे देश में भारी हंगामा हुआ था। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में किए गए खुलासे ने भाजपा और पूरे विपक्ष को आमने-सामने खड़ा कर दिया था।

कई दिग्गजों का हिला दिया साम्राज्य

अपने छोटे से सफर के दौरान हिंडनबर्ग ने पूरी दुनिया के कई बड़े दिग्गजों के कारोबारी साम्राज्य को हिला दिया। हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरसन ने अपनी उपलब्धियां को बताते हुए इसका जिक्र भी किया है। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी ने दुनिया भर के कई बड़े साम्राज्यों को हिला दिया।

उन्होंने कहा कि मुझे लगता था कि इन्हें हिलाने की जरूरत है और इसलिए मैंने इस दिशा में कदम उठाया। दिग्गज उद्योगपति गौतम अडानी से लेकर ब्लॉक इंक समेत दुनिया भर के कई अरबपतियों को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने भारी नुकसान पहुंचाया।


अडानी ग्रुप को लगी थी भारी चोट

साल 2023 में प्रसिद्ध उद्योगपति गौतम अडानी के अडानी ग्रुप के संबंध में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने पूरे देश में सियासी भूचाल पैदा कर दिया था। इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर हेराफेरी और धोखाधड़ी करने के बड़े आरोप लगाए गए थे। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक गौतम अडानी उस समय दुनिया के चौथे सबसे रईस आदमी थे। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी को 99 अरब डॉलर का बड़ा झटका लगा था जबकि उनकी सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनियों का मार्केट कैप 173 अरब डॉलर घट गया था।

वैसे गौतम अडानी ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर तीखी प्रतिक्रिया जताई थी। उनका कहना था कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट का मकसद सिर्फ उनके कारोबार को अस्थिर करना ही नहीं था बल्कि भारत की शासन व्यवस्था को भी राजनीतिक रूप से बदनाम करना था।


हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर संसद में भारी हंगामा

अडानी ग्रुप को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर संसद में भारी हंगामा हुआ था। इस रिपोर्ट को लेकर विपक्ष ने आक्रामक रवैया अपना लिया था और संसद की कार्यवाही कई दिनों तक ठप रही थी। कांग्रेस समेत के अन्य विपक्षी दलों ने इस मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति से करने की मांग की थी।

कांग्रेस ने इस मामले को लेकर देशभर में प्रदर्शन का ऐलान भी किया था। कांग्रेस का कहना था कि सरकार को देशभर में आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण घटनाओं पर चर्चा करनी चाहिए मगर लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष की इस मांग को खारिज कर दिया था।


सेबी चीफ को लेकर खुलासे पर भूचाल

2024 में अडानी प्रकरण में हिंडनबर्ग की एक और चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई थी। इस रिपोर्ट में सेबी की चेयरमैन पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में किए गए खुलासे ने बीजेपी और पूरे विपक्ष को आमने-सामने खड़ा कर दिया था। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत अन्य विपक्षी दलों ने इस रिपोर्ट को लेकर मोदी सरकार और भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।


कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्ष के अन्य नेताओं ने इस मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन करने की मांग की थी। कांग्रेस का कहना था कि जनवरी 2023 की हिंडनबर्ग रिपोर्ट के खुलासे के बाद सेबी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहयोगी अडानी को सुप्रीम कोर्ट ने क्लीन चिट दे दी थी। हालांकि, सेबी प्रमुख से जुड़े एक लेन-देन के बारे में नए आरोप सामने आने के बाद इसकी जेपीसी से जांच करने की जरूरत है। वैसे सरकार ने विपक्ष की यह मांग नहीं मानी थी और बाद में सेबी चीफ माधवी पुरी बुच ने भी अपनी सफाई पेश की थी।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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