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केवल डीजल-पेट्रोल नहीं, खाने वाले तेलों का भी तेजी से बढ़ रहा दाम, जानिए क्यों व कितना

Cooking Oil Prices: आम जनता को रसोई में इस्तेमाल होने वाले कुकिंग ऑयल (Cooking Oil Price) की बढ़ी कीमतों से तगड़ा झटका लगा है।

Shivani
Published By Shivani
Published on: 20 May 2021 8:22 AM GMT
केवल डीजल-पेट्रोल नहीं, खाने वाले तेलों का भी तेजी से बढ़ रहा दाम, जानिए क्यों व कितना
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खाद्य तेल की बिक्री (Photo Social Media)

Cooking Oil Prices: देश में पेट्रोल-डीजल के दामों (Petrol Diesel Price Hike) में आई बढ़ोतरी से जनता पहले ही बेहाल है। वाहन चालकों की जेब का बोझ फ्यूल (Fuel Rate In India ) की मंहगी कीमतों से ही बढ़ता जा रहा है। वहीं इस बीच रसोई में इस्तेमाल होने वाले कुकिंग ऑयल (Cooking Oil Price) ने भी उपभोक्ताओं का तगड़ा झटका दिया है।

उपभोक्ता रोज सुबह जारी होने वाले पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर पैनी नजर बनाए रखता है। पेट्रोल डीजल के दाम भी लगातार बढ़ते रहते हैं, जिसकी वजह से फ्यूल की बढ़ी कीमतें हमेशा चर्चा में रहती है, हालाँकि भारत में पेट्रोल-डीजल के अलावा रसोई में इस्तेमाल होने वाला मस्टर्ड और रिफाइड आयल भी कोई खास सस्ता नहीं है। कुकिंग आयल या खाने में इस्तेमाल होने वाले तेल के दामों में भी बढ़ोतरी हुई है।

आम आदमी को झटकाः

भारत में जारी तेल के खेल में आम आदमी पूरी तरीके से हारा नजर आ रहा है। सरसों तेल की कीमतों पर बात करें तो पिछले कुछ महीनों में सरसों के तेल ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी को भी पीछे छोड़ दिया है।

बता दें कि पिछले एक साल में सरसों तेल की कीमत लगभग दोगुनी हो गई है। सरसों का तेल भी देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली खाद्य सामग्री है। ऐसे में बीते एक साल में सरसों के तेल के दाम बढ़ने से आम आदमी के घर का बजट ही बिगड़ गया है। एक साल में लगभग दोगुने कीमत में बाजार में बिक रहे सरसों तेल ने लोगों की कमर तोड़ दी, वो भी उस दौर में जब कोरोना संकट के कारण लोगों की आर्थिक हालत पहले ही खराब है।


एक साल में दोगुना हुआ खाद्य तेल का दाम

सरसों तेल के अलावा सोयाबीन, मूंगफली, सूरजमुखी, डालडा और रिफाइंड के दामों में भी जमकर इजाफा हुआ और कुकिंग आयल कंपनियों ने बढ़े दामों से खूब मुनाफा कमाया। यहां ये बात जान लेना अहम है कि रसोई में इस्तेमाल होने वाले खाद्य तेलों की कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे खास वजह है।

दरअसल, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी आई, जिसका असर भारतीय बाजार पर पड़ा। ऐसे में रेट बढ़ने से आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ा। वर्तमान में सरसों तेल की कीमत 170-180 रुपये लीटर है।

खाद्य तेल की कीमत बढ़ने का सालभर का आंकड़ाः

अगर सरसों तेल की बढ़ी कीमत को लेकर एक साल के डाटा पर गौर करें तो जिस सरसों के तेल की कीमत आज 170-180 रुपये लीटर है, वही साल भर पहले तक 120 से 130 रुपये लीटर में बिक रहा था। ध्यान दें कि ब्रांड के हिसाब से तेल के दाम में कुछ अंतर देखने को मिल सकता है।

एक साल का विश्लेषणः

मई-2020 में सरसों तेल 120 से 130 रुपये लीटर बिक रहा था। इसमें वनस्पति तेल की कीमत 100 रुपये लीटर के आसपास थी, तो सोयाबीन रिफाइंड ऑयल के दाम 120 रुपये लीटर रहे। साथ ही सूरजमुखी तेल करीब 132 रुपये लीटर बिकता था।


हालांकि एक साल बाद अब मई-2021 में सरसों तेल के दाम बढ़कर 170 से 180 रुपये लीटर हो गया है। इसमें ब्रांडेड कंपनियां कच्ची घानी सरसों का तेल ऑनलाइन मार्केट में 175 से 180 रुपये लीटर बेच रही हैं।

वहीं ब्रांडेड सोयाबीन रिफाइंड ऑयल 160 रुपये लीटर है, जबकि सूरजमुखी तेल 200 रुपये लीटर के आसपास है। इसके अलावा वनस्पति तेल कम से कम 140 रुपये लीटर बिक रहा है।

साल 2020 में जब लाॅकडाउन लगा, उसके पहले खुदरा बाजार में सरसों तेल का भाव करीब 85 से 95 रुपये प्रति लीटर था। इस साल मार्च में सरसों तेल की कीमत करीब 140 रुपये लीटर के आसपास पहुंच गई। बाद में अप्रैल में बढ़कर 160 से 170 रुपये प्रति लीटर तक हो गई और मई में 180 रुपये लीटर में तेल बिका। ऐसे में पिछले एक साल में सरसों तेल की कीमत 95 रुपये से बढ़कर 180 रुपये तक पहुंच गई। यानी करीब दोगुनी।

Shivani

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