Credit Score Banane Ka Tarika: नहीं है कोई क्रेडिट हिस्ट्री? बनाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके

Tips to Build Credit Score In Hindi: क्रेडिट हिस्ट्री न होने पर आपके लोन/क्रेडिट कार्ड के विकल्प सीमित हो सकते हैं और उन्हें प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है।

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Published on: 30 July 2024 7:12 AM GMT
Credit Score Banane Ka Tarika: नहीं है कोई क्रेडिट हिस्ट्री? बनाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके
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Credit Score (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Credit Score Kaise Banaye: जब आप किसी क्रेडिट कार्ड (Credit Card) या लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो बैंक/NBFCs सबसे पहले आपका क्रेडिट स्कोर (Credit Score) और क्रेडिट रिपोर्ट (Credit Report) देखते हैं। इसके ज़रिए बैंक यह पता लगाते हैं कि आप अपने कर्ज़ का भुगतान (Loan Payment) कितनी ज़िम्मेदारी से करेंगे। अगर आपने कभी लोन या क्रेडिट कार्ड नहीं लिया है, तो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री (Credit History) नहीं होगी। क्रेडिट हिस्ट्री न होने पर आपके लोन/क्रेडिट कार्ड के विकल्प सीमित हो सकते हैं और उन्हें प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए, बेहतर क्रेडिट कार्ड या कम ब्याज दरों पर लोन पाने के लिए अच्छा क्रेडिट स्कोर (Good Credit Score) होना ज़रूरी है। अगर आप अपनी क्रेडिट जर्नी शुरू कर रहे हैं, तो कुछ ऐसे तरीकों के बारे में जानिए जिनकी मदद से आप अपना क्रेडिट स्कोर आसानी से बना सकते हैं।

1- क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करें

क्रेडिट कार्ड आपके क्रेडिट स्कोर को बनाने का सबसे आसान और आम तरीका है। यूं तो ज़्यादातर क्रेडिट कार्ड कंपनियां और बैंक अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री वाले कस्टमर्स को क्रेडिट कार्ड ऑफर करते हैं। लेकिन, कुछ बैंक ऐसे भी हैं, जो न्यू-टू-क्रेडिट (NTC) या बिना क्रेडिट स्कोर वाले कस्टमर्स को एंट्री लेवल क्रेडिट कार्ड ऑफर करते हैं। ऐसे आवेदकों को उनकी इनकम और एंप्लॉयमेंट के आधार पर बेहतर क्रेडिट कार्ड ऑफर्स भी मिलते हैं। वहीं, जिन कस्टमर्स ने क्रेडिट स्कोर (Credit Score) बनाना शुरू किया है, अगर उनका बैंक के साथ रिलेशनशिप है यानी बैंक में एफडी या सैलरी अकाउंट हैं, तो उन्हें क्रेडिट कार्ड मिलने की अधिक संभावनाएं होती हैं।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

2- सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड ले सकते हैं

कई बार न्यू-टू-क्रेडिट कस्टमर्स को रेगुलर क्रेडिट कार्ड नहीं मिल पाता है। ऐसे में ‘सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड’ (Secured Credit Card) उनके लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। यह एफडी (FD) के बदले में मिलने वाला एक कार्ड है यानी इस क्रेडिट कार्ड का लाभ उठाने के लिए आपको बैंक में एफडी खुलवानी पड़ती है। आमतौर पर, सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड की लिमिट एफडी रकम के 80% से 90% तक होती है, जो कि बैंक के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। क्रेडिट स्कोर बनाने में यह कार्ड काफी मददगार साबित सकता है। बशर्ते आप समय पर इसके बिल का भुगतान करें।

3- बार-बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन न करें

यह बात बेहद कम लोग जानते हैं कि एक साथ कई क्रेडिट कार्ड या लोन के लिए आवेदन करने से क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है। क्योंकि लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करने पर लेंडर आपकी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करते है, जिसे हार्ड इन्क्वायरी (Hard Inquiry) कहा जाता है। हार्ड इन्क्वायरी आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में दिखती है। एक हार्ड इन्क्वायरी का प्रभाव शायद आपके क्रेडिट स्कोर पर कुछ खास न हो, लेकिन कम समय में कई हार्ड इन्क्वायरी आपके क्रेडिट स्कोर को अस्थायी रूप से (थोड़े समय के लिए) कम कर सकती है। इसका कारण है कि बहुत सारे क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करना आपके क्रेडिट-हंगरी व्यवहार को दर्शाता है जिससे लेंडर्स को लगता है कि आप अपने लोन को जिम्मेदारी से संभाल नहीं पा रहे हैं।

इसलिए, आपको एक क्रेडिट कार्ड से अपनी क्रेडिट जर्नी शुरू करनी चाहिए और ऐसा क्रेडिट कार्ड चुनना चाहिए जो आपके खर्चों के मुताबिक हो। किसी भी कार्ड के लिए आवेदन करने से पहले यह ज़रूर सुनिश्चत करें कि आप उसकी योग्यता शर्तों को पूरा करते हैं। इसका पता लगाने के लिए आप पैसा बाज़ार मार्केट प्लेस की मदद ले सकते हैं जहां आप आसानी से कई क्रेडिट कार्ड की तुलना करने के साथ ही अपने लिए बेस्ट कार्ड चुन सकते हैं।

एक बार जब आप अपनी क्रेडिट यात्रा शुरू कर दें, तो ग्रोथ देखने के लिए समय-समय पर अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें। अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को अच्छी तरह से पढ़ने से आपको गलतियों को पहचानने और उन्हें जल्द से जल्द ठीक करने में भी मदद मिलेगी। इसके लिए आप साल में एक बार किसी भी क्रेडिट ब्यूरो से मुफ्त में रिपोर्ट डाउनलोड कर सकते हैं।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

4- शॉर्ट टर्म पर्सनल लोन या कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन लें

आप शॉर्ट टर्म पर्सनल लोन (Short Term Personal Loan) या कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन (Consumer Durable Loan) लेकर भी अपना क्रेडिट स्कोर बना सकते हैं। कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन टीवी, प्रिज, वाशिंग मशीन और फर्निचर जैसे घरेलू उपकरणों की खरीद के लिए दिया जाता है। इसमें प्रोडक्ट की कॉस्ट को 3, 6,12 या 24 महीनों की ईएमआई में कंवर्ट किया जा सकता है, जिससे एक बार में पैसे खर्च करने का बोझ कस्टमर पर नहीं रहता।

शॉर्ट टर्म पर्सनल लोन, रेगुलर पर्सनल लोन की तरह ही होते हैं, बस यह पर्सनल लोन की तुलना में कम अवधि के लिए दिए जाते हैं, जो आमतौर पर एक साल या उससे कम होती है। कम लोन राशि और छोटी अवधि की वजह से बैंक/NBFC लंबी अवधि के पर्सनल लोन की तुलना में इन्हें कम जोखिम भरा मानते हैं। इसलिए ऐसे लोन न्यू-टू-क्रेडिट कस्टमर्स को सामान्य पर्सनल लोन की तुलना में ज़्यादा आसानी से मिल जाते हैं।

आप शॉर्ट टर्म पर्सनल लोन या कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन लेकर और इनकी EMIs का समय पर भुगतान कर एक मज़बूत क्रेडिट हिस्ट्री बना सकते हैं। लेकिन लोन तभी लें जब आपको उसकी ज़रूरत हो क्योंकि आमतौर पर ऐसे लोन अधिक ब्याज दरों के साथ आते हैं।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

5- समय पर क्रेडिट कार्ड बिल और लोन की ईएमआई भरें

पेमेंट हिस्ट्री (Payment History) आपकी क्रेडिट प्रोफाइल का सबसे ज़रूरी फैक्टर है। इसलिए चाहे क्रेडिट कार्ड बिल हो या कंज्यूमर लोन की EMIs, क्रेडिट स्कोर बनाने के लिए इनका समय पर और पूरा भुगतान करना ज़रूरी है। ऐसा न करने पर आपको न सिर्फ भारी ब्याज भरना पड़ेगा बल्कि यह आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में डेज़ पास्ट ड्यू (DPD) के सेक्शन में भी नज़र आएगा जिसका नकारात्मक प्रभाव आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ेगा।

Shreya

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