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Crude Oil Ka Rate: क्रूड ऑयल काफी सस्ता हुआ, पेट्रोल डीजल के दाम घटने की उम्मीद

Crude Oil Ka Rate: इस दिनों क्रूड ऑयल के दामों में काफी गिरावट दर्ज की गई है। क्रूड ऑयल सस्ता होने से अब उम्मीद जगी है कि भारत में भी तेल कंपनियां पेट्रोल डीजल का दाम घटा सकती हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Chitra Singh
Published on: 22 Nov 2021 7:39 AM GMT
crude oil ka rate
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क्रूड ऑयल (फोटो- सोशल मीडिया)

Crude Oil Ka Rate: यूरोप में कोरोना की नई लहर आने के कारण कच्चे तेल (kacha tel) के इंटरनेशनल दाम तेजी से घट गए हैं। क्या आपको पता है कि क्रूड ऑयल का रेट क्या है (crude oil ka rate kya hai)? दस दिन पहले ब्रेंट क्रूड ऑयल प्रति बैरल 84 डॉलर (brent crude oil price) से ज्यादा था, वो अब 78.89 डॉलर पर आ गया है। क्रूड ऑयल सस्ता होने से अब उम्मीद जगी है कि भारत में भी तेल कंपनियां पेट्रोल डीजल का दाम (Petrol Diesel Ka Dam) घटा सकती हैं। ब्रेंट क्रूड पहली अक्टूबर के बाद ओनली बार 80 डॉलर के नीचे आया है। भारत में पेट्रोल डीजल के दाम (petrol diesel price) 4 नवम्बर से ज्यों के त्यों हैं। उसी दिन केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी (excise duty) घटा दी थी।

आयल इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि इंटरनेशनल बाजार (International Market) में तेल का दाम (Tel Ka Dam) सप्लाई घटने की आशंका में नीचे आये हैं। अभी तक तेल उत्पादक देश व कंपनियां सप्लाई सीमित करके कृत्रिम रूप से तेल के दाम बढ़ाये हुए थीं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकारी तेल कंपनियों को सस्ते क्रूड ऑयल का फायदा उपभोक्ताओं को देना चाहिए क्योंकि सैद्धांतिक रूप से तो पेट्रोल डीजल की कीमत (Petrol Diesel Ki Kimat) रोजाना इंटरनेशनल दामों के अनुरूप रिवाइज होते रहते हैं। कच्चे तेल के दाम घटे हैं और आगे भी घटने के सिलसिला जारी रहने की संभावना है सो भारतीय तेल कंपनियों को फुटकर दाम घटा देना चाहिए। इससे लोगों को राहत मिलेगी, डिमांड और खपत बढ़ेगी जिसका इम्पैक्ट आर्थिक ग्रोथ पर पड़ेगा।


इंटरनेशनल क्रूड ऑयल दामों (international crude oil price) में वृद्धि से अमेरिका भी परेशान रहा है। अमेरिका (America) ने तो जापान से आग्रह किया था कि वह अपने रिज़र्व स्टॉक से तेल सप्लाई शुरू करे ताकि दाम नीचे लाये जा सकें। जापान के प्रधानमंत्री इस आग्रह पर राजी भी हो गए हैं। अमेरिका ओपेक देशों (OPEC countries) पर सप्लाई बढ़ाने का दबाव लगातार बनाये हुए है। अमेरिका ये भी चाहता है कि बड़े देश अपने रणनीतिक रिज़र्व से तेल का स्टॉक जारी करें ताकि कच्चे तेल के दाम नीचे आएं।

क्रूड ऑयल पर कोरोना का इम्पैक्ट इसलिए पड़ा है क्योंकि यूरोप में महामारी की नई लहर आ गई है। जर्मनी, ऑस्ट्रिया, नीदरलैंड, आयरलैंड में लॉक डाउन लगने की नौबत है। लीगों को घर से कम करने को कहा गया है। आवगमन प्रतिबंधित कर दिया गया है।

Chitra Singh

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