TRENDING TAGS :
इस त्योहारी सीजन में क्रिप्टो करेंसी गिफ़्ट देने की कंपनियों की बड़ी तैयारी
एक साल पहले बिटकॉइन जैसी करेंसियों में 20 करोड़ डॉलर का निवेश था वहीं आज की तारीख में ये 40 अरब डॉलर का हो चुका है।
लखनऊ : भारत में क्रिप्टोकरेंसी के प्रति लोगों की दीवानगी दिनों दिन बढ़ती जा रही है। आलम यह है कि साल भर में क्रिप्टोकरेंसियों में निवेश 19,900 फीसदी बढ़ गया है। एक साल पहले तक जहां बिटकॉइन जैसी करेंसियों में 20 करोड़ डॉलर का निवेश था वहीं आज की तारीख में ये 40 अरब डॉलर का हो चुका है। क्रिप्टो या डिजिटल करेंसियों के प्रति लोगों के क्रेज़ को देखते हुए अब डिजिटल करेंसी एक्सचेंजों ने त्योहारी सीजन को भुनाने की प्लानिंग की है।
वैसे तो उपभोक्ता सामान बनाने वाली कम्पनियाँ हर त्योहारी सीजन में तरह तरह की स्कीमें लाती हैं। ग्राहकों को खींचने की पूरी कोशिशें करती हैं। इस बार अलग यह होने वाला है कि पहली बार डिजिटल करेंसी कम्पनियाँ लोगों के बीच पैठ बनाने के लिए प्रचार-प्रसार पर मोटी रकम खर्च करने जा रही हैं।
जनता के बीच उपहार बांटने के लिए तैयारी
इन कंपनियों ने मल्टीमीडिया विज्ञापनों के अलावा जनता के बीच उपहार बांटने के लिए तैयारी कर रखी है। डिजिटल करेंसियों को सबसे बढ़िया गिफ्ट के तौर पर प्रमोट किया जाएगा। कंपनियों का इरादा घर-घर तक डिजिटल करेंसियाँ को पहुंचाने का है।
भारत में 10 सितम्बर को गणेश चतुर्थी के साथ ही त्योहारी सीज़न शुरू हो चुका है। अब दशहरा, दुर्गा पूजा, दीपावली, आदि अनेक त्यौहार आने वाले हैं। त्योहारी सीज़न में उपहारों के आदान-प्रदान की परम्परा रही है। लोग खुशियाँ मनाते हैं।
नए नए सामान खरीदते हैं । अपनों के बीच गिफ्ट बांटे जाते हैं। भारत में डिजिटल करेंसी एक्सचेंजों के लिए यह एक बड़ा मौक़ा है। इन्हें लग रहा है कि अगर सही तरीके से कदम बढाए गए तो उनके यूजर बेस को कई गुना बढ़ाया जा सकता है।
ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों के साथ मिलकर डिजिटल करेंसी एक्सचेंजों ने सघन मार्केटिंग अभियान छेड़ भी दिया है। इनके जरिये डिजिटल करेंसी में पेमेंट करने की पेशकश की जा रही है। त्योहारी सीजन में काम बढ़ने की सम्भावना को देखते हुए इन कंपनियों ने विस्तार की प्लानिंग की है। इस सीज़न के दौरान नए प्रोडक्ट्स की लॉन्चिंग की जा रही है।
कानूनी मान्यता मिलना बाकी
क्रिप्टोकरेंसियों का भारत में स्टेटस अभी तक अनिश्चित है। रिजर्व बैंक कई बार इन पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दे चुका है। क्रिप्टोकरेंसियों का क्या भविष्य होगा, कुछ तय नहीं है। रिजर्व बैंक तो अप्रैल, 2018 में इस हद तक आगे बढ़ गया था कि उसने लोकल वित्तीय संस्थानों पर क्रिप्टो कंपनियों को सहायता देने पर रोक लगा दी थी।
लेकिन बाद में आरबीआई अपने रुख से पीछे हट गया। उसने बैंकों से कह दिया वे 2018 के सरक्यूलर को नजरअंदाज कर सकते हैं। क्रिप्टोकरेंसियों के प्रति सरकार का रुख भी कुछ हद तक नरम होता दिख रहा है।
वित्त मंत्री ने संकेत दिया है कि क्रिप्टोकरेंसी के साथ प्रयोग करने की अनुमति दी जाएगी। सरकार ने एक्सपर्ट्स का एक पैनल भी बनाया है जो क्रिप्टोकरेंसियों के नियमन पर विचार करेगा। सरकार का तर्क है कि निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी के भारी उतार चढ़ाव से सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक विधेयक लाया जाएगा।
बहरहाल, 'चेनालिसिस' के डेटा से पता चलता है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी के प्रति सबसे ज्यादा क्रेज 18 से 35 उम्र वालों में है। यह वर्ग जबर्दस्त ढंग से क्रिप्टो को न केवल फॉलो कर रहा है बल्कि उसमें लगातार निवेश बढ़ाता जा रहा है।
भारत एक एक लोकल क्रिप्टो एक्सचेंज
'जेबपे' के संस्थापक संदीप गोयनका कहते हैं कि युवाओं को सोने की तुलना में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना बहुत आसान लगता है । इसका प्रोसेस भी बहुत आसान है। आप ऑनलाइन जा क्रिप्टो खरीद लीजिये, किसी तरह की जांच पड़ताल की जरूरत नहीं है।
लेकिन चेनालिसिस की एक अन्य रिपोर्ट बताती है कि जहां तक बिटकॉइन पर निवेश से मुनाफे की बात है तो भारत काफी पीछे है। टॉप 25 देशों में भारत 18वें स्थान पर है। यहां सिर्फ 24 करोड़ 10 लाख डॉलर मुनाफा कमाया गया।
तुलनात्मक रूप से देखें तो 4.1 अरब डॉलर के प्रॉफिट के साथ अमेरिका टॉप पर है। अन्य शीर्ष देश हैं - चीन (1.1 अरब डॉलर), जापान (90 करोड़ डॉलर), यूनाइटेड किंगडम (80 करोड़ डॉलर) और रूस (60 करोड़ डॉलर)।
चेनालिसिस की रिपोर्ट के अनुसार भारत में डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोग क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग या निवेश में लगे हुए हैं। तुलनात्मक रूप से देखें तो अमेरिका में 80 लाख लोग क्रिप्टो करेंसी से जुड़े हुए हैं। मुनाफ़ा कम होने की एक वजह यह है कि भारत में लोग ट्रेडिंग बहुत ज्यादा नहीं करते बल्कि बिटकॉइन खरीद कर रखे रहते हैं।
क्या है क्रिप्टो करेंसी
बिटकॉइन या कोई भी क्रिप्टोकरेंसी दरअसल कंप्यूटर कोड की एक सीरीज है। यह जब भी एक यूजर से दूसरे के पास जाता है तो इस पर डिजिटल सिग्नेचर किए जाते हैं। लेन देन खुद को गोपनीय रख कर भी किया जा सकता है।
इसी वजह से यह अच्छे और बुरे, दोनों लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। इस करेंसी का कोई भौतिक स्वरूप नहीं होता है। इसे डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है । जिसे या तो बिट बीएनएस, कॉइनबेस, वज़ीरक्स जैसे एक्सचेंज के जरिए ऑनलाइन हासिल किया जा सकता है या फिर ऑफलाइन हार्ड ड्राइव में एक खास सॉफ्टवेयर के जरिए। क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू इसलिए है क्योंकि यह सीमित संख्या में है। इस पर किसी सरकार या बैंक का कंट्रोल नहीं है।
खरीदें की नहीं
दुनिया के किसी भी निवेश की तरह क्रिप्टो करेंसी में भी प्रॉफिट या बढ़िया रिटर्न की कोई गारंटी नहीं है। इसमें निवेश से पहले इस करेंसी और बाजार की जानकारी और समझ बढ़ाना महत्वपूर्ण है। क्रिप्टो बाजार बहुत उतार चढ़ाव वाला होता है सो इसे समझना जरूरी है।
हां, एक जरूरी बात यह है कि किसी भी क्रिप्टोकरेंसी को बहुत छोटे टुकड़े में खरीदा या बेचा जा सकता है। मिसाल के तौर पर अगर एक बिटकॉइन 28 लाख रुपये का है लेकिन आपके पास 100 रुपये ही हैं तो क्या करें? कोई बात नहीं, आप बिटकॉइन का छोटा सा टुकड़ा 100 रुपये में खरीद सकते हैं। यह इस करेंसी खासियत है।
हो जाइये तैयार
बिटक्वाइन एक्सचेंज के सीईओ सात्विक विश्वनाथ के अनुसार, "भारतीय बाजार में त्योहारी मौसम में गिफ्ट बहुत चलते हैं। अगर सही तरीके से कदम उठाया गया तो बिटकॉइन और गिफ्ट वाउचर को ग्राहकों के सामने एक आकर्षक विकल्प के तौर पर प्रस्तुत किया जा सकता है। इससे डिजिटल कर्रेंसी के प्रति लोगों में जागरूकता भी बढ़ेगी।"
सात्विक ने कहा कि उनकी कंपनी अपने प्लेटफार्म को फेस्टिवल सीज़न के लिए तकनीकी रूप से तैयार कर रही है। उनकी कंपनी ने 10 सितम्बर को अपने यूजरों को 200 रुपये का कूपन बतौर गिफ्ट बांटा था। इसके अलावा उनीकॉइन ने डिजिटल करेंसी में पेमेंट करने के लिए ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स के साथ करार किया हुआ है।
अन्य एक्सचेंजों ने भी इस सीजन में लोगों द्वारा रुचि दिखाए जाने की बात स्वीकारी है। मिसाल के तौर पर वजीरएक्स ने बताया है उनके यूजर बेस में इजाफा देखा जा रहा है। इस एक्सचेंज ने क्रिप्टो गिफ्टिंग को अपने एक प्रोडक्ट के तौर पर पेश भी किया हुआ है।
एन अन्य एक्सचेंज कॉइनस्विच ने भी इस सीज़न से ढेरों उम्मीदें लगा रखी हैं। कॉइनस्विच भारत का एक अग्रणी एक्सचेंज हैं जिस पर एक करोड़ से ज्यादा यूजर जुड़े हुए हैं। इस कंपनी को उम्मीद है कि वह त्योहारी सीज़न में अपने यूजर बेस को चौगुना कर देगा।