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क्रिप्टो मालिकों की नई सूची ने भारत के बारे में एक अद्भुत डेटा का किया खुलासा, जानें क्रीप्टो लेनदेन में भारत का क्या है स्थान
देश की आबादी के मुताबिक यूक्रेन सार्वजनिक क्रिप्टोकरेंसी मालिकों के सर्वाधिक प्रतिशत वाला देश है।
Cryptocurrency price in india : भारत में अभी तक क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency Law) पर कानून भले ही स्पष्ट नहीं हो सका हो। लेकिन ऑनलाइन (Online) माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency meaning) खरीदने वाले लोगों की देश में कोई कमी नहीं है। बिटकॉइन (Bitcoin) और एथेरियम (Ethereum) जैसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने वाले लोगों में भारतीय पहले पायदान पर हैं । जो जल्द से जल्द अपने निवेश के माध्यम से मुनाफा कमाने की चाह रखते हैं। हाल के आंकड़ों के अनुसार, भारत में बिटकॉइन के मालिकों की संख्या दुनिया भर में किसी भी अन्य देश की तुलना में सर्वाधिक है। अनेक क्रिप्टोकरेंसी वेबसाइट (Cryptocurrency website) जैसे ब्रोकरचूस (brokerchoose) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत में व्यक्तिगत क्रीप्टो धारकों अर्थात व्यक्तिगत रूप से क्रिप्टोकरेंसी मालिकों (मोबाइल ऐप की मदद से क्रीप्टोकरेंसी खरीदना) की संख्या सबसे ज़्यादा है।
ब्रोकर खोज और तुलनात्मक प्लेटफॉर्म (broker discovery and comparison platform)
ब्रोकरचूस की रिपोर्ट के अनुसार वार्षिक प्रसार सूचकांक (annual proliferation index) द्वारा यह दिखाया गया है कि किन देशों में व्यक्तिगत बिटकॉइन मालिकों की संख्या ज्यादा है (राशि के अनुसार), इस सूची में सबसे ऊपर भारत का कब्जा है, जिसके बाद क्रमानुसार संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) और रूस (Russia) का स्थान है। इस रिपोर्ट के अनुसार इन देशों में बिटकॉइन के खरीददार बड़ी संख्या में मौजूद हैं। यदि कुल जनसंख्या के आधार पर बात करें तो बिटकॉइन खरीदने की दर में भारत का 5वाँ स्थान है, वहीं भारत बिटकॉइन खरीदने की दर में अमेरिका और चीन से थोड़ा पीछे है।
क्रिप्टो मालिकों का प्रतिशत (देश अनुसार)
देश की आबादी के मुताबिक यूक्रेन सार्वजनिक क्रिप्टोकरेंसी मालिकों के सर्वाधिक प्रतिशत वाला देश है। यूक्रेन की कुल आबादी का 12.73 प्रतिशत क्रिप्टोकरेंसी की मालिक है। इसके बाद रूस की कुल आबादी का 11.91 प्रतिशत, केन्या की 8.52 प्रतिशत, संयुक्त राज्य अमेरिका की 8.31 प्रतिशत और भारत की लगभग 7.3 प्रतिशत आबादी क्रिप्टोकरेंसी की मालिक है। विश्व बैंक के डेटा के अनुसार क्रीप्टो मालिक में जनसंख्या के आधार पर भारत सर्वोच्च स्थान पर काबिज़ है, जिसमें भारत की 10.7 मिलियन,अमेरिका की 2.74 मिलियन और रूस की 1.74 मिलियन आबादी किसी भी दर के रूप से क्रिप्टोकरेंसी की मालिक है।
क्रीप्टो खोज रैंकिंग में शीर्ष पर अमेरिका
क्रिप्टोकरेंसी पर किये गए अध्ययन में यह भी शामिल है कि किन देशों में बिटकॉइन खोज अर्थात क्रीप्टो करेंसी के बारे में जानकारी एकत्र करने को लेकर अधिक महत्त्व दिया जा रहा है, इसमें अमेरिका शीर्ष पर काबिज है । संयुक्त राज्य अमेरिका उन देशों की सूची में पहले स्थान पर है । जहां इंटरनेट का उपयोग कर क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सीखने और जानने को लेकर देशवासी सबसे अधिक रुचि रखते हैं। भारत, यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom- England, Scotland, Wales and Northern Ireland) और कनाडा में भी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानकारी बटोरने के लिहाज से इंटरनेट द्वारा सर्वाधिक खोजें की गईं। वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया भर में प्रचार प्रसार के बाद भारत में अधिक से अधिक लोग क्रिप्टोकरेंसी में रुचि ले रहे हैं। इस पर भरोसा कर इसे खरीदने में भी अपनी इच्छा ज़ाहिर कर रहे हैं।
भारत में तेज़ी से बढ़ रहे क्रिप्टोकरेंसी निवेशक
सर्वे और क्रीप्टो जांच एजेंसी Chainalysis की एक हालिया रिपोर्ट से यह सामने आया है कि वैश्विक क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स (global crypto adoption index) में भारत 154 देशों में से दूसरे स्थान पर काबिज़ है। इस सर्वे में कुल 154 देशों ने भाग लिया था। शोध के निष्कर्षों के अनुसार भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि हुई है। भारत में बिटकॉइन लेनदेन का कुल 42 प्रतिशत हिस्सा मौजूद है, वहीं इसी के साथ क्रिप्टोकरेंसी क्षेत्र के विकास में कुल 64.1 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। हालांकि, में क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन को नियंत्रित करने के लिए सरकार और कानून अभी भी काम कर रही है, वर्तमान में क्रीप्टो लेनदेन सम्बन्धी कोई भी नियमावली ठीक तरीके से लागू न होने के बावजूद भारत में क्रीप्टो में निवेश करने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन तेज़ी से बढ़ती का रही है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला कर सकता है नया खेल
भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2020 में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध हटा दिया था । जिससे यह तो साफ है कि अब क्रिप्टोकरेंसी खरीदना या उनका उपयोग करना और क्रीप्टो का लेनदेन भारत में गैरकानूनी नहीं है। मुख्य तौर पर क्रीप्टो के लेनदेन में कोई भी बिचौलिए के शामिल ना होने की वजह से क्रिप्टोकरेंसी में सहायता प्राप्त भुगतान (assisted payments) पारंपरिक भुगतानों (traditional payments) की तुलना में सुरक्षित और कम खर्चीले दोनों हैं। साथ ही क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में लगातार उछाल आना और क्रिप्टोकरेंसी बेंचने पर बेहतर कीमत मिलना भी लोगों का इसकी ओर रूझान बढ़ने का कारण बना है।