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करोड़पति बने बच्चे: क्रिप्टोकरेंसी बना कर कमाए सवा करोड़ रुपए, पढ़ें पूरी खबर

Cryptocurrency News: क्रिप्टो माइनिंग के मायने हैं स्पेशल कोडिंग करना जो एक जटिल काम है। दोनों ने पहले दिन की माइनिंग में 3 डॉलर कमाए।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Monika
Published on: 14 Nov 2021 9:42 AM GMT (Updated on: 14 Nov 2021 10:10 AM GMT)
Siblings became millionaires
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बच्चे बने करोड़पति (फोटो : सोशल मीडिया )

Cryptocurrency News: 14 साल का ईशान ठाकुर (Ishaan Thakur) और उसकी 9 साल की बहन आन्या (sister Anya) ने क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency se kamaye crore ) बना कर सात महीने में सवा करोड़ रुपए कमा लिए हैं। ईशान और आन्या ने अप्रैल में क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग (cryptocurrency mining ) शुरू की थी। क्रिप्टो माइनिंग (cryptocurrency mining meaning) के मायने हैं स्पेशल कोडिंग (special coding) करना जो एक जटिल काम है । दोनों ने पहले दिन की माइनिंग में 3 डॉलर कमाए (3 doller kamaye ) । लेकिन उसके बाद बीते सात महीनों में उन्होंने अपना काम बहुत बढ़ा लिया है और अकेले अक्टूबर महीने में 64 हजार डॉलर कमा लिए। दोनों बच्चे अब तक 1 लाख 60 हजार डॉलर कमा चुके हैं। दोनों के लिए क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग एक बेहतरीन बिजनेस बन गया है और उन्होंने इसका नाम रखा है फिल्फेर टेक्नोलॉजीस। ईशान ने बताया कि वे सबसे ज्यादा ईथर की माइनिंग करते हैं। इसके बाद बिटकॉइन और रैवेनकॉइन का नम्बर आता है। मार्केट वैल्यू के हिसाब से बिटकॉइन सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है। इसके बाद ईथर आता है। रैवेनकॉइन टॉप 100 अल्टरनेटिव कॉइन में शुमार है।

ईशान और आन्या अमेरिका में टेक्सास के फ्रिस्को (frisco) में रहते हैं। ईशान के अनुसार वो और आन्या प्रति सेकेंड ईथर के 15 अरब अल्गोरिदम प्रोसेस कर सकते हैं। ईशान के अनुसार वे कमाई तो बहुत कर रहे हैं लेकिन उनका असली इनाम पैसा नहीं बल्कि नई टेक्नोलॉजी को सीखना है। ईशान और आन्या इस बिजनेस को आगे बढ़ाते हुये अपनी कालेज की पढ़ाई के लिए पैसे भी बचाना चाहते हैं।

ऐसे सीखा माइनिंग करना (How Does Bitcoin Mining Work)

शुरुआत में ईशान और आन्या ने यूट्यूब के वीडियो देख कर और इंटरनेट पर सर्च करके माइनिंग करना सीखा। लेकिन माइनिंग का असली प्रोसेस बहुत कठिन काम था। माइनिंग के लिए बेहद जटिल गणनाएँ करनी होती हैं जिसमें अत्यधिक कम्प्यूटर पावर और बिजली की जरूरत होती है। ये सब मिला कर माइनिंग का काम बहुत खर्चीला हो जाता है।

ईशान और आन्या के पास 200 प्रोसेसर हैं। उनके पिता मनीष राज ने ये खरीदने के लिए बच्चों को पैसा दिया। उन्होंने सही रकम तो नहीं बताई लेकिन ये एक अच्छी खासी मोटी रकम होगी। सभी कंप्यूटर ईशान ने खुद असेम्बल किये हैं।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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