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Cryptocurrency News: मल्टीनेशनल कम्पनियां कर रहीं क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट, मिलता है अधिक मुनाफा

Cryptocurrency News: एक वैश्विक सर्वे में पता चला है कि 57.6 फीसदी मल्टीनेशनल कंपनियां कम से कम एक क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कर रही हैं और इसमें भी बिटकॉइन सबसे लोकप्रिय है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shreya
Published on: 30 Nov 2021 11:18 AM IST
Cryptocurrency News: मल्टीनेशनल कम्पनियां कर रहीं क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट, मिलता है अधिक मुनाफा
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क्रिप्टोकरेंसी (फोटो साभार- सोशल मीडिया)  

Cryptocurrency News: क्रिप्टोकरेंसियों के बारे में भले ही कुछ कहा जा रहा हो । लेकिन मल्टीनेशनल कम्पनियों ने सीमापार भुगतान (Cryptocurrency Se Bhugtan) के लिए क्रिप्टोकरेंसियों (Cryptocurrency) को अपनाना शुरू कर दिया है। एक वैश्विक सर्वे में पता चला है कि 57.6 फीसदी मल्टीनेशनल कंपनियां (Multinational Companies) कम से कम एक क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कर रही हैं और इसमें भी बिटकॉइन (Bitcoin) सबसे लोकप्रिय है।

'सर्किल' और 'पेमेंट्स' की एक स्टडी के अनुसार, 31 फीसदी कम्पनियां बिटकॉइन (Bitcoin), 29 फ़ीसदी कम्पनियां किसी अन्य स्टेबलकॉइन (Stablecoin) और 24 फीसदी कम्पनियाँ ईथर (Ether Currency) का उपयोग करती हैं। ये स्टडी सालाना कम से कम एक करोड़ डालर की कमाई करने वाली 250 मल्टीनेशनल कंपनियों में की गयी है। स्टडी के अनुसार ग्लोबल कम्पनियाँ स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट और सीमा पार के पेमेंट्स के लिए क्रिप्टोकरेंसियों और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) का इस्तेमाल कर रही हैं।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन से फायदा?

कंपनियों के अधिकारियों के अनुसार, पारंपरिक सीमा पार के इंटरनेशनल भुगतान (International Payments) विकल्पों की तुलना में क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन (Blockchain) के इस्तेमाल से लेनदेन की लागत बचती है और फंड ट्रान्सफर (Fund Transfer) करना बहुत आसान होता है। स्टडी के अनुसार, 'ईथर' क्रिप्टो के उपयोग में और बढ़ोतरी होने की संभावना है क्योंकि 21 फीसदी ऐसी कम्पनियां जो ईथर का इस्तेमाल नहीं करती हैं उन्होंने इसमें दिलचस्पी दिखाना शुरू कर दिया है।

ग्राहकों को कंपनियां नहीं देती ये सुविधा

मल्टीनेशनल कम्पनियाँ सीमा पार के भुगतान क्रिप्टोकरेंसियों में कर रही हैं। लेकिन अपने ग्राहकों को ये सुविधा देना अभी शुरू नहीं किया है। ऐसा करनी वाली कंपनियों सिर्फ एक फीसदी हैं यानी सौ में एक। जबकि ग्राहक ऐसी सुविधा चाहते हैं। स्टडी में इसका कारण यह बताया गया है कि ग्राहकों को ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी की सुविधा देने के लिए बैंक जैसे वित्तीय संस्थानों के पास तकनीकी, कमर्शियल और नियामक समाधान होने जरूरी हैं। इसके बाद ही वे मददगार हो सकती हैं।

इसका मतलब यह है कि अगर क्रिप्टोकरेंसियों के बारे में नियम (Cryptocurrency Rule) कायदे स्पष्ट कर दिए जाएं तो ज्यादा से ज्यादा कम्पनियां इनका इस्तेमाल करने लगेंगी। यानी कंपनियों को इस टेक्नोलॉजी पर भरोसा है और वे इसका उपयोग सभी लेनदेन में करना चाहती हैं।

बिटकॉइन (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

खास बातें

- दस से ज्यादा देशों में ऑपरेट करने वाली कंपनियों में से 69 फीसदी क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन का इस्तेमाल करती हैं। छह से दस कंपनियों में ऑपरेट करने वाली कंपनियों में 61 फीसदी ऐसा करती हैं।

- 52 फीसदी कंपनियों का कहना है कि उनके लिए क्रिप्टो संबंधी नियमों की स्पष्टता सबसे जरूरी है।

- 40 फीसदी से ज्यादा कंपनियों का कहना है कि वे पेमेंट के नए स्रोत के बारे में खोज करती रहती हैं, इसलिए उनका इंटरेस्ट क्रिप्टो में है।

- 34.4 फीसदी कंपनियों के अनुसार क्रिप्टो और ब्लॉकचेन के इस्तेमाल से उन्हें अधिक मुनाफा होता है।

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