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Dhanteras Gold Rate: साल भर में 30 फीसदी उछाल, अब एक लाख पर नज़र
Dhanteras Gold Rate: इस दिवाली से पहले सोने के दाम 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल को पार करने की संभावना है। इसके बाद भी त्योहारी सीजन में सोने की डिमांड कम नहीं हुई है।
Dhanteras 2024 Gold Rate: धनतेरस आने वाला है। बहुत से लोग सोना और सोने के आभूषण खरीदने की प्लानिंग में हैं। चर्चा यही है कि सोने के दाम आखिर जा कहाँ रहे हैं? पिछले एक साल में घरेलू सोने की कीमतों में करीब 30 फीसदी की तेजी आई है और अब यह पिछले एक हफ्ते से 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास घूम रहा है। इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल 10 नवंबर को दिवाली के बाद से सोने की कीमत 60,750 रुपये से बढ़कर 78,700 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है यानी करीब 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बावजूद इस त्योहारी सीजन में सोने की डिमांड कम नहीं हुई है और इस दिवाली से पहले दाम 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल को पार करने की संभावना है। इसी साल यानी 2024 में अब तक घरेलू सोने की कीमतों में 23 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। इस मामले में सोने ने शेयरों से मिलने वाले रिटर्न को काफी हद तक पीछे छोड़ दिया है। बता दें कि सेंसेक्स ने इस साल 10.79 फीसदी का रिटर्न दिया है।
अगले साल क्या होगा?
अगर सोने के दामों में इसी तरह तेजी जारी रहती है तो अगले धनतेरस और दिवाली तक इसकी कीमत आसानी से 1 लाख रुपये के लेवल को पार कर जाएगी। जिस तरह बीते एक साल में इसकी कीमत 30 फीसदी बड़ी है उसी तरह अगले साल भी ऐसे रिटर्न की उम्मीद है। माना जा सकता है कि सोना सबसे बढ़िया लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट में से एक है जो अपने निवेशकों को सुरक्षा और अच्छा रिटर्न दोनों प्रदान करता है। पिछले पांच वर्षों में घरेलू सोने की कीमतों में दो गुना वृद्धि हुई है और दो दशकों से भी कम समय में 10 गुना वृद्धि हुई है। चांदी तो 12 साल के नए शिखर पर पहुंच गई है।
दाम बढ़ क्यों रहे?
पिछले कुछ वर्षों में सोने और चांदी की कीमतों को बढ़ाने के लिए घरेलू और वैश्विक, दोनों तरह की कई वजहें जिम्मेदार हैं। इसने से एक है दुनिया के विभिन्न हिस्सों में संघर्ष और तनाव। 2022 की शुरुआत में रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ गया जिससे ग्लोबल स्तर पर निवेशकों के बीच सोने की सुरक्षित पनाहगाह की मांग बढ़ गई और अक्टूबर 2023 से पश्चिम एशिया के तनाव ने इस तेजी को और बढ़ा दिया है। जानकारों का कहना है कि ब्रिक्स और अन्य देशों द्वारा संभावित डी-डॉलरीकरण प्रयासों से सोने को लाभ होगा।