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Business on Dhanteras: दो दिन बाजारों में हुई घनघोर धन वर्षा, खुले बटुए तो सोने सा दमका बाजार
Business on Dhanteras: दिवाली पर 1 लाख हजार करोड़ रुपये अधिक बाजारों से व्यापार होने की संभावना है। इस दिवाली पर चीन को 75 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।
Business on Dhanteras: दो साल 2021 और 2022 कोरोना वैश्विक महामारी के चलते देश का दिवाली बाजार काफी फीका रहा था। जैसे ही देश में कोरोना का प्रकोप खत्म हुआ तो इस साल पड़ने वाले दीपोत्सव त्यौहार के बाजार में रौनक आ गई। हिंदू पंचांग तिथि के मुताबिक 2022 में धनतेरस का पर्व दो दिन 22-23 अक्टूबर तक मनाया गया। दो दिन बाजार में लोगों ने जमकर खरीदारी की,जिसके चलते बाजार सोने सा दमकने लगा। एक अनुमान के मुताबिक, दो दिन तक धनतेरस के पर्व पर भारतीय बाजार में करीब 45 हजार करोड़ रुपए का व्यापार हो हुआ है,ऐसा अनुमान लगया है। इसमें 25 हजार करोड़ रुपए ज्वेलरी का और 20 हजार करोड़ रुपए अन्य चीजों का व्यापार शामिल है, जबकि इस पूरे दिवाली पर बाजार में 1 लाख हजार करोड़ रुपये से अधिक व्यापार होने की संभावना है।
बाजार में ग्राहकों की जोरदार वापसी
कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने बाजार में हुए कारोबार की जानकारी दी। कैट के नेशनल अध्यक्ष बी सी भरतिया ने कहा कि 22 अक्टूबर और 23 अक्टूबर को देश भर के बाजारों में ग्राहकों की उमड़ी भीड़ और भारतीय सामान खरीदने की उत्सुकता का आंकलन इस बात की पुष्टि होती है कि दो वर्ष कोरोना के कारण बाजार से दूर रहने वाले ग्राहकों ने फिर से जोरदार वापसी का अपना सबूत दिया है, जिसके चलते दो भारतीय बाजार में करीब 45 हजार करोड़ का व्यापार हुआ है।
चीन को 75 हजार करोड़ हो नुकसान
कैट ने कहा कि धनतेरस के दो दिनों जहां 45 हजार करोड़ रुपये का व्यापार होने की उम्मीद जताई गई है तो वहीं 2022 के पूरे दीतोत्सव पर्व पर त्योहारी की बिक्री का आंकड़ा 1 लाख 50 हजार करोड़ के पार जाने की पूरी संभावना बनी हुई है। कैट ने बताया कि इस बार ग्राहक ऑनलाइन बिक्री को छोड़ लोग बाजार में सामना खरीदने के साथ भारतीय बनी चीजों पर ज्यादा फोकस किया है। लोगों की इस जागरुकता के चलते इस दिवाली में चीन को त्योहार संबंधित सामान से 75 हजार करोड़ रुपये से अधिक होने का आकंलन लगया गया है।
सर्राफा बाजार उभरा दो दिन 25 हजार करोड़ का व्यापार
कैट के सहयोगी संगठन आल इंडिया ज्वेलर्स एवं गोल्ड स्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने बताया कि भारतीय स्वर्ण उद्योग कोरोना संकट से पूरी तरह उबर चुका है। देश में सोने की मांग अपने उच्चतम स्तर पर आ गई है। आर्थिक गतिविधियों में जोरदार उछाल और उपभोक्ता मांग में सुधार के बाद जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की सोने की मांग में सालाना आधार पर घरेलू बाजार में 80% तक की बढ़ोतरी हुई है। 2021 के मुकाबले 2022 में भारत में स्वर्ण आयात लगभग 11.72% की कमी आयी है। पिछले वर्ष जहां भारत में पहली छमाही में 346.38 टन सोना आयात किया गया, जो अब कि 308.78 टन रह गया, जिसकी भरपाई कोरोना काल से उत्पन्न संकट के रिजर्व स्टॉक से की गई। उन्होंने बताया कि दो दिन के धनतेरस त्योहार के चलते देश भर में लगभग 25 हजार करोड़ रुपये के सोने-चांदी एवं डायमंड की बिक्री हुई है। इसमें गहनों के साथ सोने-चांदी के सिक्के, नोट, मूर्तियां और बर्तन की शामिल है।
और व्यापार होने की उम्मीद
कैट के महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि दो दिन के धनतेरस पर ऑटोमोबाइल सेक्टर में लगभग 6 हजार करोड़, फर्नीचर में लगभग 1500 करोड़, कंप्यूटर एवं कंप्यूटर से संबंधित सामानों में लगभग 2500 करोड़, एफएमसीजी में लगभग 3 हजार करोड़, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान में लगभग 1 हजार करोड़, स्टेनलेस स्टील, एल्युमीनियम एवं पीतल के बर्तनों में लगभग 500 करोड़, किचन के उपकरण एवं किचन के अन्य सामन में लगभग 700 करोड़, टेक्सटाइल, रेडीमेड गारमेंट एवं फैशन के कपडे में लगभग 1500 करोड़ का व्यापार हुआ है। व्यापारियों को उम्मीद है कि दिवाली त्योहार के बचे हुए दिनों में भी बिक्री में बेहद वृद्धि होगी।