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Digital Rupee vs UPI: E-Rupee और UPI के बीच होता है ये बड़ा अंतर, जानिए कैसे काम करती है डिजिटल मुद्रा
Digital Rupee vs UPI: ई रूपी खुद डिजिटल लेनदेन को सक्षम करने वाली एक डिजिटल मुद्रा है, जबकि यूपीआई एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जिसके माध्यम से लेनदेन डिजिटल रूप से होता है।
Digital Rupee vs UPI: भारत में डिजिटल ई रूपी की शुरूआत हो चुकी है। केंद्रीय बैंक यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने हाल के दिनों में पहले होलसेल ई-रुपी और बाद में रिलेट ई-रुपी को बाजार में लॉन्च कर दिया है। फिलहाल, यह दोनों ई-रुपी देश में पायलट प्रोजेक्ट के तहत बाजार में उपयोग किया जा रहा है। इसके आते बाजार में लोगों के मन सवाल उठाने लगे कि आखिर अगर यह डिजिटल मुद्रा है तो जो लोग पहले से फोन के माध्मय यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिये लेनदेन कर रहे वो क्या है? इन सवालों को जबाव बाजार विशेषज्ञों ने दिया है कि ई-रुपी यूपीआई से कितना लग है।
जानिए ई-रुपी और यूपीआई के बीच का अंतर
क्लियर के संस्थापक और सीईओ अर्चित गुप्ता ने कहा कि ई रूपी और यूपीआई के बीच सबसे बड़ा अंतर यह है कि ई रूपी खुद डिजिटल लेनदेन को सक्षम करने वाली एक डिजिटल मुद्रा है, जबकि यूपीआई एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जिसके माध्यम से लेनदेन डिजिटल रूप से होता है। हर बैंक यूपीआई लेनदेन में मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है। परिणामस्वरूप, यूपीआई ऐप में, बैंक खाते को डेबिट किया जाता है और प्राप्तकर्ता के बैंक को पैसा भेजा जाता है। स्पेस मंत्रा की फाउंडर निधि अग्रवाल ने कहा कि आप बैंक से पेपर मनी में रकम निकाल सकते हैं। इसे अपने वॉलेट में रख सकते हैं और स्टोर पर खरीदारी करने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं।
हालांकि CBDC works like this में आप वर्चुअल पैसे निकालेंगे और इसे अपने मोबाइल वॉलेट में रखेंगे। जब आप किसी स्टोर पर या किसी और को भुगतान करते हैं, तो पैसा आपके वॉलेट से उनके वॉलेट में ट्रांसफर कर दिया जाता है। बैंक भुगतान को रूट या बीच के माध्मय से रुप में कोई कार्य नहीं करेगा।
क्लियर के संस्थापक गुप्ता का कहना है कि फिजिकल कैश की तरह ही आप अपने बैंक खाते से ई-रुपया निकाल सकते हैं। इसे अपने फोन वॉलेट में डाल सकते हैं और वॉलेट से पैसे किसी भी दुकान पर खर्च कर सकते हैं, जबकि यूपीआई का उपयोग करते समय आप अपने बैंक को निर्देश देते हैं कि आपके खाते से वेंडर के बैंक खाते में पैसा ट्रांसफर किया जाए। उन्होंने कहा कि UPI एक भुगतान मंच है। भुगतान करने के लिए डेबिट या क्रेडिट कार्ड, नेट-बैंकिंग, मोबाइल वॉलेट आदि का उपयोग किया जा सकता है। ई रूपी इस संबंध में अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके डिजिटल रूप में भौतिक धन खर्च करने जैसा है।
जीसीएल के सीईओ रवि सिंघल ने कहा कि जब हम रुपये में भुगतान करते हैं तो आपके बैंक से राशि काट ली जाती है। दूसरी ओर, ई रुपये में, राशि सीधे आपके ई रुपये से काट ली जाती है।
1 दिसंबर को लॉन्च हुई रिटेल ई-रुपी
आपको बता दें कि रिटेल डिजिटल ई-रुपी का पायलट चरण भारत में 1 दिसंबर, 2022 से शुरू हो चुका है। इसको पहले चरण में चार शहरों मुंबई, नई दिल्ली, बैंगलोर और भुवनेश्वर में उतारा गया हैं और केंद्रीय बैंक ने चरण में चार बैंकों इसके उपयोग के लिए शामिल किया है, जिसमें SBI, ICICI, YES Bank और IDFC हैं।