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Health Insurance Claim: इन वजहों से रिजेक्ट हो जाते हैं हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम, पॉलिसी लेते वक्त दें इन बातों का ध्यान

Health Insurance Claim: एक कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्‍योरेंस आपको अचानक मेडिकल और हॉस्पिटाइलेजशन के खर्चों को कवर करता है। हालांकि हेल्थ पॉलिसी लेते वक्त कुछ बातों का ध्यान भी रखना जरुरी होता है

Viren Singh
Published on: 29 Nov 2023 10:15 AM IST (Updated on: 29 Nov 2023 10:15 AM IST)
Health Insurance Claim
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Health Insurance Claim (सोशल मीडिया) 

Health Insurance Claim: कोई बीमा हो या न हो...विशेषज्ञ कहते हैं कि हेल्थ इंश्योरेंस होना बहुत जरूरी है। यह इसलिए क्योंकि किसी भी बड़ी बीमारी के चपेट में आने पर जीवन की कमाई का अधिकांश हिस्सा खर्च हो जाता है। कभी कभी तो लोगों के इलाज में सारी संपत्ति खत्म हो जाती है, ऐसे में अगर आपके पास कोई हेल्थ पॉलिसी है तो इन चीजों के लिए दिन दिखाना नहीं पड़ता है। एक कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्‍योरेंस आपको अचानक मेडिकल और हॉस्पिटाइलेजशन के खर्चों को कवर करता है। हालांकि हेल्थ पॉलिसी लेते वक्त कुछ बातों का ध्यान भी रखना जरुरी होता है, ताकि पॉलिसी का क्लेम लेते वक्त बीमा कंपनी आपका हेल्थ पॉलिसी रिजेक्ट न करे। तो आइये आपको बता दें कि हेल्थ पॉलिसी किन कारणों से क्लेम लेने वक्त रिजेक्ट कर दी जाती है।

ये हैं रिजेक्ट होने की असली वजहें

पहले से मौजूद बीमारियां को छुपना

दरअसल, पूरी बॉडी का चेकअप कराने में कई हजारों रुपयों का खर्चा होता है, इसलिए अधिकांश हेल्थ इंश्योरेंस देने वाली कंपनियां पॉलिसी बिना चेकअप कराए दे देती हैं। हालांकि वह इस दौरान लोगों से पुरानी बीमारियों के बारे में पूछती हैं, क्योंकि बीमा कंपनियां पहले से मौजूदा बीमारियों का हेल्थ इंश्योरेंस नहीं कवर करती हैं। ऐसे में अगर आप पहले मौजूद बीमारियों को छिपाकर बीमा करा लेते हैं और बाद में उस बीमारी के इजाल के लिए क्लेम मांगते हैं तो आप क्लेम रिजेक्ट हो जाएगा।

वेटिंग पीरियड

अगर आप हेल्थ पॉलिसी खरीद रहे हैं तो इसका वेटिंग पीरियड जरूर पता कर लें, क्योंकि हर हेल्थ पॉलिसी का वेटिंग पीरियड होता है। इस वेटिंग पीरियड के बाद ही कोई पॉलिसीधारक इसका लाभ ले सकता है। वेटिंग पीरियड के दौरान ग्राहक किसी तरह का क्लेम नहीं कर सकता है। अगर आपने किसी मेडिकल इमरजेंसी में समय सीमा से पहले क्लेम किया यह दावा खारिज कर दिया जाएगा।

क्लेम प्रोसेस

हेल्थ पॉलिसी का क्लेम लेते वक्त इसका प्रोसेस बड़ी सावधानी पूर्वक भरें, न तो आपकी पॉलिसी का क्लेम रिजेक्ट हो जाएगा। कोशिश करें की इसका प्रोसेस करते हुए बीमा कंपनी से संपर्क करें और सारे नियमों और शर्तों तो ध्यान से समझते हुए भरें,ताकि आपका क्लेम रिजेक्ट न हो।

पॉलिसी पीरियड

अपनी पॉलिसी पीरियड अवधि का ध्यान जरूर रखें,क्योंकि अधिकांश लोगों एक साल के लिए हेल्थ बीमा पॉलिसी लेते हैं। क्लेम आपको एक साल के अवधि में ही मिलता है। बीमा पॉलिसी खत्म होने के बाद आपको कंपनी हेल्थ क्लेम नहीं प्रदान करती है। अगर आप समय पर पॉलिसी रिन्यूवल नहीं कराते तो मेडिकल इंमरजेंसी होने पर आपका क्लेम रिजेक्ट हो सकता है। इसलिए ये हमेशा याद रखें कि आपकी हेल्थ पॉलिसी की आखिरी डेट कब खत्म हो रही है।

ये बीमारियां नहीं होती कवर

अधिकतर बीमा कंपनी कई हेल्थ प्रॉब्लम को कवर नहीं करती हैं। इस बात की जानकारी बीमा एंजेट पहले ही देते हैं। कंपनियां डेंटल प्रॉब्लम, कॉस्मेटिक सर्जरी, नजर का ऑपरेशन, इनफर्टिलिटी और Abortion और HIV/AIDS को कवर नहीं करती हैं। ऐसे में आप जब भी किसी भी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी की पॉलिसी लें तो यह जरूर पूछ लें कि आपकी पॉलिसी में कौन कौन सी बीमीरियों कवर नहीं हैं।



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Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

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