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Edible Oil Prices: महंगे खाद्य तेल से मिल सकती है राहत, सरकार ने तेल कंपनियों से दाम घटाने को कहा
Edible Oil Prices: केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने एडिबल ऑयल एसोसिएशन और दूसरे स्टेकहोल्डर्स से 15 दिनों के भीतर तेल की कीमतों में कमी करने को कहा है।
Edible Oil Prices: रसोई गैस, सब्जियां और अनाज के साथ-साथ खाद्य तेल के महंगा हो जाने से आम लोगों के किचन का बजट बुरी तरह बिगड़ चुका है। महीने भर का राशन जमा करने में लोगों के पसीने छूट रहे हैं। ऐसे में इस मोर्चे पर सरकार लोगों को हल्की राहत देने जा रही है। कल यानी गुरुवार चार अगस्त को केंद्रीय खाद्य सचिव और खाद्य तेल (Union Secretary Food and Edible Oils) बनाने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों के बीच एक बैठक हुई।
जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में सरकार ने खाद्य तेल कंपनियों (edible oil companies) से खाद्य तेल का दाम करने को कहा है। सरकार का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार (International Government) में खाद्य तेल की कीमतें नीचे आई हैं, लिहाजा इसका फायदा घरेलू उपभोक्ताओं को भी मिलना चाहिए। माना जा रहा है कि तेल की कीमतों में 10 से 12 रुपये की कटौती हो सकती है। सरकार अगर खाद्य तेलों के दाम कम करने में सफल रहती है, तो त्योहारी सीजन में आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
15 दिनों के अंदर कम करें कीमतें
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को नई दिल्ली में बुलाई गई बैठक में केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडे (Union Food Secretary Sudhanshu Pandey) ने एडिबल ऑयल एसोसिएशन (Edible Oil Association) और दूसरे स्टेकहोल्डर्स से 15 दिनों के भीतर तेल की कीमतों में कमी करने को कहा है। पांडे ने दामों में 10 से 12 रुपये तक की कमी करने को कहा है। बता दें कि दाम करने को लेकर सरकार और तेल कंपनियों के बीच ये तीसरी बैठक थी।
पहले भी घट चुके हैं दाम
केंद्र सरकार (Central Government) के आदेश पर खाद्य तेल कंपनियां पहले भी कीमतें कम कर चुकी हैं। पिछले महीने ही सरकार ने एडिबल ऑयल एसोसिएशन (Edible Oil Association) को दामों में 15 रूपये तक की कटौती करने का आदेश दिया था। जिसके बाद पतंजलि से लेकर अडाणी विल्मर समेत कई खाद्य तेल कंपनियों ने खाद्य तेल की कीमतों में कटौती की थी।
बता दें कि भारत खाद्य तेल की अपनी खपत का अधिकांश हिस्सा विदेशों से मंगवाता है। जब विदेशी बाजार में तेल महंगा होता है तब इसका असर घरेलू बाजार पर भी पड़ता है। एक आंकड़े के मुताबिक, भारत अपनी जरूरत का 60 प्रतिशत खाद्य तेल विदेशों से आयात करता है। यही कारण है कि विदेशी दाम पर भारत के दाम भी निर्भर करते हैं।