TRENDING TAGS :
International Price of Edible Oils: खाद्य तेलों के अंतरराष्ट्रीय दामों में भारी कमी, जनता को राहत का इंतजार
International Price of Edible Oils: खाद्य तेलों की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में इधर काफी गिरावट आई है लेकिन भारत में उपभोक्ताओं को इसका फायदा नहीं मिल रहा है।
International Price of Edible Oils: खाद्य तेलों (Edible Oils) की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में इधर काफी गिरावट आई है लेकिन भारत में उपभोक्ताओं को इसका फायदा नहीं मिल रहा है। सरकार ने इंडस्ट्री से कीमत में 15 रुपये प्रति लीटर की कमी करने को कहा है लेकिन उसका भी असर अभी नहीं आया है। पैक्ड पाम तेल, सोयाबीन, सूरजमुखी, मूंगफली, और सरसों जैसी वस्तुओं के लिए घरेलू खाद्य तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे पाम तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल की कीमतों से प्रभावित होती हैं। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों कीमतें मार्च से अपने चरम पर थीं और मई-जून में नरम हुईं थीं।
खाद्य तेल की कीमतों (International Price of Edible Oils) के कारण महंगाई के रुझान ने साल की पहली तिमाही में नरम और कठोर तेलों की घरेलू और औद्योगिक मांग दोनों को प्रभावित किया था। लेकिन अब खाद्य तेल (Edible Oil) उद्योग इस बात को लेकर आशान्वित है कि अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट के कारण घरेलू कीमतों में गिरावट आएगी और आगामी त्योहारी सीजन के कारण मांग बढ़ेगी। मार्च 2022 में पाम तेल अंतरराष्ट्रीय कीमतें लगभग 2,000 डॉलर प्रति टन से गिरकर लगभग 1,200 डॉलर प्रति टन हो गई हैं, जबकि आरबीडी पामोलिन का भाव मार्च 2022 में 1,900 डॉलर प्रति टन से गिरकर लगभग 1,200 डॉलर प्रति टन हो गया है।
जून में घरेलू बाजार में पैक्ड पाम तेल की कीमतें हुई थी गिरावट
इसके जवाब में, पिछले एक महीने में, घरेलू बाजार में पैक्ड पाम तेल की कीमतें जून में 160 रुपये प्रति किलो से गिरकर अब 145 रुपये प्रति किलो, पैक सोयाबीन तेल के लिए 170 रुपये प्रति किलो से 60 रुपये प्रति किलो, सूरजमुखी तेल 190 रुपये प्रति किलो से 182 रुपये प्रति किलो और मूंगफली तेल180 रुपये प्रति किलो से 175 रुपये प्रति किलो हो गया है। इंटरनेशनल दामों में कमी की तुलना में देश में खुदरा दामों में उतनी कमी नहीं दिखाई दे रही है। वर्तमान में कच्चे पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल पर प्रभावी आयात शुल्क 5.5 फीसदी है, जबकि रिफाइंड पामोलिन के लिए यह 13.75 फीसदी है।
उद्योग जानकारों के अनुसार, घरेलू कीमतों पर प्रभाव आमतौर पर अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुरूप नहीं होता है। मिसाल के तौर पर यदि अगर पाम तेल की कीमतें 25-30 रुपये प्रति लीटर कम हो जाती हैं, तो कॉटन सीड तेल 10 रुपये प्रति लीटर और मूंगफली तेल 5 रुपये प्रति लीटर कम हो जाएगा।
कच्चे पाम तेल का उपयोग वनस्पति घी और मार्जरीन जैसे हाइड्रोजनीकृत फैट बनाने के लिए या ब्रेड, बिस्कुट, केक, नूडल्स, फ्रोजन मिठाई, साबुन और सौंदर्य प्रसाधन बनाने में प्रमुख सामग्री के रूप में किया जाता है। दूसरी ओर, सोयाबीन, सूरजमुखी, सरसों और मूंगफली जैसे नरम तेल, सीधे खाना पकाने या तलने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
अप्रैल-मई में खाद्य तेलों की मांग और बिक्री में लगभग 50 प्रतिशत की गिरावट आई थी
अप्रैल-मई में ऊंची कीमतों के कारण खाद्य तेलों की मांग और बिक्री में लगभग 50 प्रतिशत की गिरावट आई थी। जून से कीमतों में गिरावट शुरू हुई है।अंतरराष्ट्रीय कीमतों में ताजा गिरावट का असर घरेलू बाजार में आने में कुछ समय लगेगा। जानकारों के अनुसार,अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट का असर पाम तेल के मामले में 15-20 दिन में जबकि सोयाबीन तेल के मामले में 45 दिन में आता है। यानी इस अवधि के बाद घरेलू कीमतों में और अधिक कमी होने की उम्मीद अभी बाकी है।