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Elon Musk Twitter: ट्विटर खरीदने के लिए मस्क ले रहे सऊदी अरब और कतर की मदद

Elon Musk Twitter: मस्क ने ट्विटर की अधिग्रहण की योजना के लिए नए फाइनेंसरों का खुलासा किया है

Neel Mani Lal
Report Neel Mani LalPublished By Ragini Sinha
Published on: 6 May 2022 11:10 AM IST
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एलोन मस्क (Social media)

Elon Musk Twitter: ट्विटर को खरीदने के लिए एलोन मस्क सऊदी अरब और कतर की मदद लेने की प्लानिंग कर रहे हैं। मस्क को ट्विटर के साथ सौदा पूरा करने के लिए 44 अरब डॉलर की दरकार है। ट्विटर की खरीद में मदद करने अन्य समर्थकों में ओरेकल के सह-संस्थापक लैरी एलिसन शामिल हैं, जो 1 बिलियन डॉलर का निवेश कर रहे हैं। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बिनेंस भी है जो 500 मिलियन डॉलर डाल रहा है।

मस्क ने ट्विटर की अधिग्रहण की योजना के लिए नए फाइनेंसरों का खुलासा किया है जिसमें सऊदी प्रिंस अलवलीद बिन तलाल और कतर के सॉवरेन वेल्थ फंड शामिल हैं। जब एलोन मस्क ने पिछले महीने ट्विटर को खरीदने की घोषणा की थी तब उन्होंने कहा कि वह सोशल नेटवर्क को मुक्त अभिव्यक्ति की एक मिसाल बनाना चाहते हैं। लेकिन अब उन्हीं को अभिव्यक्ति की आज़ादी को प्रतिबंधित करने वालों से हाथ मिलाना पड़ रहा है।

ये दोनों ऐसे देश हैं जो किसी प्रकार की असहमति को खत्म करने के लिए दोनों देश कठोर सेंसरशिप लगाये हुए हैं। एक कतरी कानून कहता है कि "झूठी या दुर्भावनापूर्ण खबर" फैलाने से आपको पांच साल की जेल हो सकती है, जबकि सऊदी अरब में सरकार के आलोचकों को गिरफ्तारी और यहां तक ​​कि हत्या का सामना करना पड़ा है। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के अनुसार, सऊदी अरब वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में 180 में से 166 वें स्थान पर है, जबकि कतर 119 वें स्थान पर है।

प्रिंस अलवलीद ने ट्विटर पर एक कमेंट किया है कि निवेश फर्म किंगडम होल्डिंग कंपनी मस्क की "इस रोमांचक यात्रा" में शामिल होने के लिए ट्विटर में अपने मौजूदा 1.9 बिलियन डॉलर निवेश को आगे जारी रखेगा। यह कदम अलवलीद द्वारा पिछले महीने एक ट्वीट में मस्क की योजना को ठुकराने के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि टेस्ला के सीईओ की पेशकश कंपनी के "आंतरिक मूल्य" के करीब नहीं थी। केएचसी 2011 से ट्विटर का स्टेकहोल्डर यानी हितधारक रहा है।

प्रिंस अलवलीद के उस ट्वीट के बाद मस्क ने ट्विटर में किंगडम की हिस्सेदारी के आकार के साथ-साथ "पत्रकारिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता" पर सऊदी अरब के विचारों के बारे में सवाल पूछा था। दरअसल, वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की 2018 की हत्या सहित सेंसरशिप और मानवाधिकारों के हनन के लिए सऊदी अरब की खूब आलोचना की गई है।

प्रिंस अलवलीद ने सार्वजनिक रूप से मस्क के सवालों का जवाब नहीं दिया, लेकिन 5 मई को अपने ट्वीट में मस्क को "नया" दोस्त और उत्कृष्ट नेता कहा।

मस्क के अधिग्रहण सौदे में कतर का सॉवरेन वेल्थ फंड भी 375 मिलियन डॉलर का योगदान देगा। 2020 में कतर ने एक कानून जारी किया था जो "राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से, देश या विदेश में झूठी या पक्षपातपूर्ण अफवाहें, बयान, या समाचार, या भड़काऊ प्रचार प्रसारित, प्रकाशित या पुनर्प्रकाशित करने वाले किसी भी व्यक्ति को कैद करने का प्रावधान देता है। इसके अलावा सामाजिक व्यवस्था या राज्य की सार्वजनिक व्यवस्था का उल्लंघन भी दंडनीय है।

पिछले साल, कतर सरकार ने अपने चुनावों के दौरान झूठी खबरें फैलाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने के आरोप में सात लोगों को गिरफ्तार किया था। देश में फ्री स्पीच को दबाने का भी इतिहास रहा है। 2012 में, सरकार की आलोचनात्मक कविता पढ़ने के बाद एक कतरी कवि को 15 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। जब 2020 का कानून जारी किया गया था, तो एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इसे देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए एक और कड़वा झटका कहा था। एमनेस्टी ने कहा था कि यह अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का घोर उल्लंघन है।

वैसे, मस्क ने कहा है कि जब तक यह स्थानीय कानून का उल्लंघन नहीं करता है, तब तक वह ट्विटर पर स्वतंत्र अभिव्यक्ति सुनिश्चित करना चाहते हैं। इसलिए कतर की वित्तीय भागीदारी ने उन्हें संभावित रूप से अनिश्चित स्थिति में डाल दिया है। मस्क ने पिछले महीने कहा था कि वह ट्विटर को डिजिटल टाउन स्क्वायर के रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा है कि यह एक सार्वजनिक मंच होना चाहिए जो कि अधिक से अधिक विश्वसनीय और व्यापक रूप से समावेशी है। ये सभ्यता के भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।



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Ragini Sinha

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