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खुशखबरी! 15 हजार से ज्यादा वेतन वालों को भी कर्मचारी पेंशन योजना में लाने पर विचार

एम्प्लाइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन संगठित क्षेत्र के उन श्रमिकों के लिए एक नया पेंशन उत्पाद लाने पर विचार कर रहा है, जिन्हें प्रति माह 15,000 रुपये से अधिक का मूल वेतन मिल रहा है और जो इसकी कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत अनिवार्य रूप से कवर नहीं हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Deepak Kumar
Published on: 20 Feb 2022 5:12 PM IST
Employees Provident Fund Organization
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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन। (Social Media) 

New Delhi: एम्प्लाइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (Employees Provident Fund Organization) संगठित क्षेत्र के उन श्रमिकों के लिए एक नया पेंशन उत्पाद लाने पर विचार कर रहा है, जिन्हें प्रति माह 15,000 रुपये से अधिक का मूल वेतन मिल रहा है और जो इसकी कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (ईपीएस-95) के तहत अनिवार्य रूप से कवर नहीं हैं। वर्तमान में संगठित क्षेत्र के वे सभी कर्मचारी जिनका मूल वेतन (मूल वेतन और महंगाई भत्ता) सेवा में शामिल होने के समय प्रति माह 15,000 रुपये तक है, अनिवार्य रूप से जीपीएस-95 के तहत कवर किए जाते हैं।

दरअसल कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organization) के सदस्यों के ने उच्च योगदान पर उच्च पेंशन की मांग की है। नए पेंशन उत्पाद पर निर्णय लेने का प्रस्ताव 11 और 12 मार्च को गुवाहाटी में ईपीएफओ के शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (central board of trustees) की बैठक में चर्चा के लिए आ सकता है। बैठक के दौरान पेंशन संबंधी मुद्दों पर सीबीटी (central board of trustees) द्वारा गठित एक उप-समिति भी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organization) के ऐसे सदस्य जिन्हें 15,000 रुपये से अधिक मासिक मूल वेतन मिल रहा है वे पेंशन पोर्शन में कम योगदान ही कर सकते हैं। ईपीएस -95 में प्रति माह 15,000 रुपये के 8.33 प्रतिशत की दर से योगदान होता है और इस तरह उन्हें कम पेंशन मिलती है। जब योगदान ज्यादा होगा तो रिटायरमेंट के बाद ज्यादा पेंशन भी मिलेगी।

ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organization) ने 2014 में मासिक पेंशन योग्य मूल वेतन को 15,000 रुपये तक सीमित करने के लिए योजना में संशोधन किया था। 15,000 रुपये की सीमा केवल सेवा में शामिल होने के समय लागू होती है। औपचारिक क्षेत्र में मूल्य वृद्धि और वेतन संशोधन के मद्देनजर इसे 1 सितंबर 2014 से 6,500 रुपये से ऊपर संशोधित किया गया था। बाद में मासिक मूल वेतन की सीमा को बढ़ाकर 25,000 रुपये करने की मांग और विचार-विमर्श किया गया, लेकिन प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी गई।

उद्योग के अनुमानों के अनुसार पेंशन योग्य वेतन बढ़ाने से औपचारिक क्षेत्र के 50 लाख और कर्मचारी ईपीएस-95 के दायरे में आ सकते हैं। उन लोगों के लिए एक नए पेंशन उत्पाद की आवश्यकता है जो या तो कम योगदान करने के लिए मजबूर हैं या जो इस योजना की सदस्यता नहीं ले सके क्योंकि सेवा में शामिल होने के समय उनकी मासिक मूल मजदूरी 15,000 रुपये से अधिक थी।

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Deepak Kumar

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