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Subrata Roy Struggle Days: एक चिट्ठी ने खत्म किया सहाराश्री का अरबों का बिजनेस, कभी 14 लाख लोगों को दिया था कारोबार
Subrata Roy Business Struggle Days: सुब्रत रॉय का बीते दिनों निधन हो गया है। वो बिजनेस जगत के एक ऐसे सितारे हैं जिन्होंने स्कूटर से अपना सफर शुरू किया था। लेकिन जिंदगी में की गई गलतियां उन्हें भारी पड़ गई।
Subrata Roy Business Struggle Days: बिहार के अररिया से निकलकर एक नॉर्मल सा लड़का और वह रुपए की कंपनी खड़ी कर देगा यह कभी किसी ने सोचा भी नहीं था। जिसके पास कभी खुद ₹2000 नहीं हुआ करते थे उसने लोगों को अमीर बनने का सपना दिखाया। स्कूटर से नमकीन और बिस्किट बेचने वाला शख्स देखते ही देखते 2 लाख करोड़ की कंपनी का मालिक बन गया। यह कहानी किसी और कि नहीं बल्कि सहारा के प्रमुख सुब्रत रॉय की है, जिनका मंगलवार देर रात निधन हो चुका है।
स्कूटर पर बेचते थे नमकीन
सुब्रत राय बिहार के अररिया से निकलकर कोलकाता और उसके बाद नागपुर पहुंचे और अपने दोस्तों के साथ मिलकर शहर नाम की चिटफंड कंपनी की शुरुआत की। उन्होंने अपनी इस कंपनी में ऐसी स्कीम निकाली जो गांव-गांव तक पहुंच गई और उसे समय ₹100 कमाने वाले लोग भी ₹20 बचाकर निवेश करने लगे। इस स्कीम ने उन्हें सहारा श्री बना दिया और धीरे-धीरे उन्होंने कंपनी का विस्तार किया। फाइनेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, एंटरटेनमेंट, मीडिया, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, हॉस्पिटैलिटी, हेल्थ केयर सभी जगह निवेश किया।
14 लाख कर्मचारी
सहारा का धीरे-धीरे इतना ज्यादा विस्तार हुआ कि वह रेलवे के बाद सबसे ज्यादा नौकरियां देने वाला ग्रुप बन गया और एक समय इसमें 14 लाख लोग काम करते थे। बढ़ते हुए कारोबार के साथ सहाराश्री की ताकत भी बढ़ती जा रही थी और बॉलीवुड से लेकर राजनीति तक सब जगह उनके पेठ देखने को मिलती थी। क्रिकेट से लेकर भारत की हॉकी टीम को भी सहारा ने लंबे समय तक स्पॉन्सरशिप किया। सहारा। सिटी, सहारा एस्टेट, सहारा होम्स तैयार किया और होटल से लेकर रेस्टोरेंट तक के बिजनेस खोले। के साथ विदेश में भी सहारा ने निवेश किया और 4400 करोड़ के दो होटल खरीदे।
एक चिट्ठी ने खोली पोल
जानकारी के मुताबिक शहर के लिए बुरे दिनों की शुरुआत उसे समय हुई जब उन्होंने शेयर बाजार में निवेश करने का मन बनाया। मैंने अपनी दो कंपनियों के लिए सेबी से आईपीओ लाने को कहा और इसके बाद जब दस्तावेज जमा किए गए तो सेबी को इसमें गड़बड़ियां मिली और कंपनियों पर 12000 करोड़ का जुर्माना लगाया गया। इसके बाद असली धमाका 4 जनवरी 2010 को हुआ जब रोशन लाल नामक एक शख्स ने नेशनल हाउसिंग बैंक को चिट्ठी लिखी। खुद को इंदौर का रहने वाला बताने वाले रोशन नामक इस शख्स ने यह कहा था कि सहारा की ओर से लोगों को बड़ी संख्या में कंपनी के बॉन्ड बेचे गए हैं। लेकिन यह सब कुछ नियमों के मुताबिक जारी नहीं हुआ है और इस एक चिट्ठी के बाद सहाराश्री की मुसीबतें बढ़ गई और उन्हें जेल भी जाना पड़ा। इसके बाद जांच पड़ताल दिखाई गई और कोर्ट ने सहारा पर लोगों से पैसा लेने पर रोक लगा दी। किसी के साथ कोर्ट ने शहर को निवेशकों के पैसे 15 फ़ीसदी ब्याज के साथ लौटने को भी कहा। इस आदेश के बावजूद भी सहारा निवेशकों का पैसा नहीं लौट सकी। इसके चलते सख्त एक्शन लिया गया और 2014 में सुब्रत रॉय को जेल भेज दिया गया।