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Union Budget 2025: टीडीएस में बड़े बदलाव और राहतें
Union Budget 2025: सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि बदलावों से टीडीएस के लिए जिम्मेदार लेन-देन की संख्या कम हो जाएगी, जिससे छोटे करदाताओं को छोटे भुगतान प्राप्त करने में लाभ होगा।
टीडीएस में बड़े बदलाव और राहतें (photo: social media )
Union Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के बजट में स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की, जिससे वरिष्ठ नागरिकों और किराये से आय अर्जित करने वालों के लिए टैक्स अनुपालन आसान हो जाएगा।
सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि बदलावों से टीडीएस के लिए जिम्मेदार लेन-देन की संख्या कम हो जाएगी, जिससे छोटे करदाताओं को छोटे भुगतान प्राप्त करने में लाभ होगा। उन्होंने दरों की संख्या कम करके और सीमा राशि बढ़ाकर टीडीएस ढांचे को सरल बनाने की योजनाओं की रूपरेखा भी बताई। उन्होंने कहा कि दरों और सीमा की संख्या को कम करके टीडीएस को युक्तिसंगत बनाया जाएगा।
टीडीएस में प्रमुख बदलाव
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए कर-मुक्त ब्याज आय सीमा को 50,000 से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है।
- किराये की आय पर वार्षिक टीडीएस छूट सीमा 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दी गई है।
- उदारीकृत रेमिटेंस योजना (एलआरएस) के तहत रेमिटेंस के लिए टीसीएस सीमा को 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है। बता दें कि रेमिटेंस का मतलब धन बाहर भेजना है।
- ऊंचे टीडीएस का प्रावधान केवल तभी लागू होगा जब करदाता के पास स्थायी खाता संख्या (पैन) न हो।
- सरकार ने शिक्षा ऋण के लिए रेमिटेंस पर टीसीएस भी हटा दिया है, इस कदम से छात्रों और अभिभावकों को लाभ होने की उम्मीद है।
- माल के लेन-देन पर टीसीएस की आवश्यकता को भी वापस ले लिया गया है, और बेहतर स्पष्टता के लिए टीडीएस दरों को संशोधित किया गया है।