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Flipkart के साथ फाउंडर बिन्नी और सचिन पर लग सकता है 10,000 करोड़ का जुर्माना, जानें क्या है मामला
Flipkart: फ्लिपकार्ट (Flipkart) ने विदेशी निवेश कानून का उल्लंघन किया है। नोटिस में लिखा है कि अगर उन्होंने जवाब नहीं दिया तो 10,000 करोड़ का जुर्माना लग सकता है ।
Flipkart: ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट (Flipkart) और उनके फाउंडर बिन्नी बंसल और सचिन बंसल पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा विदेशी निवेश कानून के कथित उल्लंघन मामले में नोटिस जारी किया गया। नोटिस में लिखा है कि अगर उन्होंने जवाब नहीं दिया तो 10,000 करोड़ का जुर्माना लग सकता है ।
खबरों की माने तो फ्लिपकार्ट (Flipkart) ने विदेशी निवेश कानून का उल्लंघन किया है। खबर ये भी है कि भारत की फ्लिपकार्ट कंपनी को अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट ने खरीद लिया है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
फ्लिपकार्ट (Flipkart) और अमेज़न. कॉम (Amazon.Com) पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) कई सालों से जांच में जुटी हुई थी। प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी का कहना है कि फ्लिपकार्ट ने ही विदेशी निवेश को आकर्षित किया और वेबसाइट पर एक कंपनी WS Retail ने सामान बेचा, जिसे कानूनी तौर पर इजाजत नहीं।
कारण बताओं नोटिस जारी
जुलाई में प्रवर्तन निदेशालय की चेन्नई शाखा में बिन्नी बंसल और सचिन बंसल और निवेशक टाइगर ग्लोबल को 'कारण बताओं नोटिस' भेजा गया था। ये मामला 2009 से 2015 का बताया जा रहा है। इस नोटिस में पूछा गया था कि उनपर ये जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाए? जिसको लेकर फ्लिपकार्ट के एक प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी भारतीय कानूनों और नियमों का पूरी तरह से पालन कर रही हैं। वह अधिकारियों के साथ पूरी तरह से सहयोग करेंगे।
तीन साल में फ्लिपकार्ट की वैल्यू बढ़ी
जारी नोटिस का जवाब देने के लिए कंपनी के पास 90 दिनों का समय है। तीन साल के अंदर अंदर फ्लिपकार्ट (Flipkart) का स्तर काफी बढ़ गया। 2018 में वॉलमार्ट ने 16 अरब डोलर की हिस्सेदारी फ्लिपकार्ट में खरीदी। सचिन बंसल ने अपनी हिस्सेदारी बेच दी थी लकिन बिन्नी बंसल ने उस वक़्त अपना छोटा हिस्सा बचा कर रखा था। तीन साल में फ्लिपकार्ट की फंडिंग 3.6 बिलियन डॉलर के साथ मार्केट में वैल्यू बढ़ी।