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Gautam Adani: गौतम अडानी फिर 100 बिलियन डॉलर के क्लब में, सुपर रईसों में 12वें स्थान पर पहुंचे
Gautam Adani: गौतम अडानी की कम्पनी, अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के शेयरों में पिछले सप्ताह की आय रिपोर्ट के बाद बुधवार को आठवें दिन वृद्धि हुई है।
Gautam Adani: गौतम अडानी फिर से 100 बिलियन डॉलर के क्लब में शामिल हो गए हैं। इसके साथ ही वह अब दुनिया के 12वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं, मुकेश अंबानी से सिर्फ एक स्थान पीछे। 2023 में किसी से भी अधिक संपत्ति खोने के बाद, अडानी ने सुपर-रिच के बीच सबसे बड़ी छलांग लगाते हुए इस साल 16.4 बिलियन डॉलर वापस हासिल कर लिए हैं।
गौतम अडानी को 100 अरब डॉलर से अधिक की संपत्ति वाले लोगों के विशिष्ट क्लब में लौटने में एक साल लग गया।
उनकी प्रमुख कम्पनी, अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के शेयरों में पिछले सप्ताह की आय रिपोर्ट के बाद बुधवार को आठवें दिन वृद्धि हुई है। कम्पनी के लाभ में 130 फीसदी की वृद्धि देखी गई है। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, वह अब दुनिया के 12वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं। इस महीने की शुरुआत में जहां अंबानी की संपत्ति रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई, वहीं अडानी की संपत्ति अभी भी 2022 के शिखर से करीब 50 अरब डॉलर नीचे है।
हिण्डनबर्ग रिपोर्ट का असर
हिण्डनबर्ग रिपोर्ट के बाद महीने में अडानी की संपत्ति में 80 अरब डॉलर से अधिक की गिरावट आई और यह 37.7 अरब डॉलर के निचले स्तर पर पहुंच गई थी। उनके ग्रुप ने एक समय बाजार मूल्य में 150 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान दर्ज किया था। ग्रुप को निवेशकों और ऋणदाताओं को लुभाने, कर्ज चुकाने और नियामक चिंताओं को दूर करने में महीनों लग गए लेकिन अब सब दुरुस्त है।
बड़ा निवेश
राजीव जैन के जीक्यूजी पार्टनर्स एलएलसी ने पिछले साल अडानी समूह की कंपनियों में लगभग 4 बिलियन डॉलर का निवेश किया था, जबकि कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी ने लगभग 500 मिलियन डॉलर का निवेश किया और टोटल एनर्जीज़ एसई ने अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के साथ एक संयुक्त उद्यम पर 300 मिलियन डॉलर का दांव लगाया था। इस सप्ताह की शुरुआत में, चर्चा थी कि अडानी ग्रीन हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अपने पहले विदेशी निर्गम में डॉलर बांड के माध्यम से लगभग 500 मिलियन डॉलर जुटाने के लिए बातचीत कर रही है।
दरअसल, वैश्विक निवेशक तेजी से देश पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिससे शेयरों को बढ़ावा देने में मदद मिल रही है। गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक और मॉर्गन स्टेनली उन बैंकों में से हैं जिन्होंने भारत को अगले दशक के लिए प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में समर्थन दिया है।