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Gold Silver Price: इस फेस्टिवल सीज़न ऐतिहासिक लेवल पर सोने की कीमतें, पड़ेगा जेब पर असर
Gold Silver Price: सोने की कीमतों में हालिया उछाल का कारण पश्चिम एशिया में चल रही लड़ाई के चलते सोने की बढ़ी डिमांड बताया जा रहा है।
Gold Silver Price: इजराइल और लेबनान के बीच बढ़ते संघर्ष में ईरान के सीधे तौर पर शामिल होने से सोने की कीमतें अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई हैं और सोना अब सर्वकालिक उच्च स्तर पर कारोबार कर रहा है। सितंबर 2024 की शुरुआत से ही गोल्ड की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजारों में 5.24 प्रतिशत और मुंबई के हाजिर बाजार में 4.5 प्रतिशत बढ़ी है। फिलहाल इस तेजी के धीमे पड़ने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं।
सोने की कीमतों में हालिया उछाल का कारण पश्चिम एशिया में चल रही लड़ाई के चलते सोने की बढ़ी डिमांड बताया जा रहा है। वैसे, सर्राफा व्यापारियों ने सोने-चांदी जैसी कीमती धातुओं की कीमतों में उछाल का श्रेय चल रहे 'नवरात्रि' त्योहार के कारण ज्वैलर्स और खुदरा विक्रेताओं द्वारा की गई खरीदारी को दिया है।
वायदा कारोबार
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर वायदा कारोबार में दिसंबर डिलीवरी के लिए सोने के कॉन्ट्रैक्ट 131 रुपये या 0.17 प्रतिशत बढ़कर 76,375 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गए हैं जो अब तक के उच्चतम स्तर के करीब है। कारोबार विश्लेषकों के अनुसार, भारत में त्योहारी सीजन की शुरुआत के कारण खुदरा बाजारों में देखी गई मजबूत हाजिर मांग के कारण प्रतिभागियों ने अपने दांव बढ़ाए हैं जिससे चांदी में स्थिर तेजी देखी गई है। एमसीएक्स पर दिसंबर डिलीवरी के लिए चांदी के कॉन्ट्रैक्ट 219 रुपये या 0.24 प्रतिशत बढ़कर 93,197 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए हैं। चांदी के वायदा कारोबार में अगले सप्ताह की शुरुआत में कीमतें मजबूत रहने का संकेत है।
ऑनलाइन बिक्री बढ़ी
अमेज़न इंडिया ने हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों की बिक्री में पिछले साल की तुलना में 84 प्रतिशत की वृद्धि देखी है और 27 सितंबर से शुरू हुए अमेज़न ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल इवेंट के पहले दो दिनों के दौरान मांग में 5 गुना बढ़ोतरी दर्ज की है। यह मांग मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स, पीएन गाडगिल ज्वैलर्स, जोयालुक्कास, पीसी चंद्रा और किसना जैसे ब्रांडों के लिए है।
निवेश का मौक़ा
वर्तमान माहौल को देखते हुए कई विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि अभी सोने में निवेश करने का सही समय हो सकता है। अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की नरम नीतियों, बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और मौसमी मांग के कॉम्बिनेशन से कीमतों में और वृद्धि हो सकती है।