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सरकार वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में बॉन्ड जारी कर जुटाएगी 8.88 लाख Cr. रुपए, आखिर क्या है वजह?
Govt Plans to Borrow: केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में सरकारी बॉन्ड जारी कर बाजार से 8.88 लाख करोड़ रुपए जुटाएगी। सरकार ने बजट में पूरे वित्त वर्ष के दौरान कुल 15.43 लाख करोड़ रुपए उधार लेने का अनुमान जताया था।
Govt Plans to Borrow: केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में सरकारी बॉन्ड जारी कर बाजार से 8.88 लाख करोड़ रुपए जुटाएगी। सरकार ने बजट में पूरे वित्त वर्ष के दौरान कुल 15.43 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड उधार लेने का अनुमान जताया था। इस तरह, केंद्र सरकार पहली छमाही में कुल तय लक्ष्य का करीब 57.6 प्रतिशत रकम जुटाएगी।
वित्त मंत्रालय ने बुधवार (29 मार्च) को एक विज्ञप्ति में कहा है कि, केंद्र की 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों में बाजार से बांड के माध्यम से 8.88 लाख करोड़ रुपये उधार लेने की योजना है। केंद्र की उधारी 2019 के स्तर से दोगुनी से अधिक हो गई है। क्योंकि, मुफ्त भोजन और सब्सिडी पर सरकार का सामाजिक खर्च बड़े पैमाने पर बढ़ा है। कोरोना महामारी की वजह से ये रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।
RBI ऐसे जुटाती है रकम
भारत सरकार की तरफ से ये रकम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जुटाती है। इसके लिए आरबीआई हर शुक्रवार को नीलामी के जरिए बॉन्ड जारी करता है। केंद्रीय बजट में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अनुमानित 15.43 लाख करोड़ रुपए के सकल बाजार उधार में से 8.88 लाख करोड़ रुपये यानी 57.55 फीसदी पहली छमाही में जुटाने की योजना है। 31,000 से 39,000 करोड़ रुपए 26 साप्ताहिक चरणों में उधार लेने की योजना है।
ये उधार 3, 5, 7, 10, 14, 30 और 40 साल की प्रतिभूतियों के तहत लिया जाएगा। विभिन्न परिपक्वताओं के तहत उधार का हिस्सा होगा। जैसे 3 वर्ष (6.31%), 5 वर्ष (11.71%), 7 वर्ष (10.25%), 10 वर्ष (20.50%), 14 वर्ष (17.57%), 30 वर्ष (16.10%) ) और 40 वर्ष (17.57%) है। सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड (Sovereign Green Bonds) जारी करने की घोषणा वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी छमाही में की जाएगी। सरकार नीलामी अधिसूचना में इंगित प्रत्येक प्रतिभूतियों के लिए 2,000 करोड़ रुपए तक की अतिरिक्त सदस्यता बनाए रखने के लिए ग्रीन शू ऑप्शन का प्रयोग करना जारी रखेगी।
अप्रैल से सितंबर 2023 के दौरान साप्ताहिक नीलामी वाले सरकारी बॉन्ड का साइज 31 हजार करोड़ रुपए से लेकर 39 करोड़ रुपए तक है। 6.31 प्रतिशत उधारी 3 साल में मेच्योर होने वाले बॉन्ड के जरिए होगी। 17.57 फीसद उधारी 40 साल में मेच्योर होने वाले बॉन्ड के जरिये होगी।