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GIC Re: जीआईसी में सरकार बेच रही हिस्सेदारी, बिक्री ऑफर खुला
GIC Re share sale: ऑफर फ़ॉर सेल 4 सितंबर को गैर-खुदरा निवेशकों के लिए खुल चुका है। खुदरा निवेशक और जीआईसी के कर्मचारी 5 सितंबर को ओएफएस के लिए बोली लगा सकते हैं।
GIC Re share sale: केंद्र सरकार जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (जीआईसी) में ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के जरिए 6.78 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 4,700 करोड़ रुपये जुटाएगी।
सरकार 3.39 फीसदी इक्विटी और 3.39 फीसदी अतिरिक्त ग्रीन शू ऑप्शन के तौर पर बेचेगी। इस स्टॉक का फ्लोर प्राइस 395 रुपये तय किया गया है, जबकि इसका मूल्य आखिरी कारोबार के समय 421.25 रुपये था।
भारत के राष्ट्रपति ने वित्त मंत्रालय के माध्यम से तथा उसके प्रतिनिधित्व में, कंपनी के 5 रुपये अंकित मूल्य वाले 5,95,12,000 इक्विटी शेयरों के ओएफएस के संबंध में घोषणा के बारे में स्टॉक एक्सचेंजों को सूचित किया है।
ऑफर फ़ॉर सेल 4 सितंबर को गैर-खुदरा निवेशकों के लिए खुल चुका है। खुदरा निवेशक और जीआईसी के कर्मचारी 5 सितंबर को ओएफएस के लिए बोली लगा सकते हैं।
कुल शेयरों में से 10 फीसदी शेयर ऑफर
खुदरा निवेशकों को ऑफर किए जाने वाले कुल शेयरों में से 10 फीसदी शेयर ऑफर किए जाएंगे, जबकि 0.4 फीसदी शेयर कर्मचारियों को ऑफर किए जाएंगे। सरकार के पास फिलहाल इस कंपनी में 85.78 फीसदी हिस्सेदारी है।
जीआईसी की बिक्री की पेशकश चालू वित्त वर्ष में सरकार द्वारा विनिवेश का पहला बड़ा प्रयास है। सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में विनिवेश के जरिए 50,000 करोड़ रुपये जुटाने का बजट रखा है। पिछले साल सरकार को पीएसयू कंपनियों के शेयरों की बिक्री से सिर्फ 16,507 करोड़ रुपये ही मिल पाए थे। चालू वित्त वर्ष में सरकार तीन पीएसयू : आईडीबीआई बैंक, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड में विनिवेश की उम्मीद कर रही है। इन कंपनियों की रुचि पत्र (ईओआई) पहले से ही पाइपलाइन में हैं।
जीआईसी एकमात्र भारतीय पुनर्बीमाकर्ता है, जो भारत में प्रत्यक्ष बीमाकर्ताओं को सहायता प्रदान करता है तथा घरेलू सामान्य बीमाकर्ताओं से प्रत्येक पॉलिसी पर अनिवार्य रियायत प्राप्त करता है।
घरेलू बाजार में अपनी प्रमुख स्थिति का प्रदर्शन
इस साल की शुरुआत में वैश्विक रोड शो में, जीआईसी ने घरेलू बाजार में अपनी प्रमुख स्थिति का प्रदर्शन किया। बाजार में जीआईसी की हिस्सेदारी 67 फीसदी है और वित्त वर्ष 2023 में इसके पास सकल पुनर्बीमा प्रीमियम 4.4 बिलियन डॉलर का था। शेष शेयर विदेशी पुनर्बीमा शाखाओं के पास हैं।
भारत के सामान्य बीमा बाजार में 2021-2026 के दौरान 9.9 फीसदी की चक्रवृद्धि वार्षिक दर से वृद्धि होने का अनुमान है। निवेशकों की प्रस्तुतियों के अनुसार, भारत में पुनर्बीमा प्रीमियम 2025 तक 12 बिलियन डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है।