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GST Council Meet: जीएसटी काउंसिल में बड़ा फैसला, अब मोटे अनाजों से बने कई प्रोडक्ट्स होंगे सस्ते, वित्त मंत्री ने ये बताया
GST Council Meet 2023: केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद ने 'बाजरे के आटे' से बने भोजन के लिए जीएसटी दरों में पर्याप्त कटौती की घोषणा कर स्वस्थ भोजन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
GST Council Meet 2023 : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में शनिवार (07 अक्टूबर) को नई दिल्ली में जीएसटी काउंसिल की 52वीं बैठक हुई। बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों ने हिस्सा लिया। ये मीटिंग सुषमा स्वराज भवन में हुई। बैठक के बाद वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में विस्तार से जानकारी दी।
केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद ने 'बाजरे के आटे' से बने भोजन के लिए जीएसटी दरों (GST rates) में पर्याप्त कटौती की घोषणा कर स्वस्थ भोजन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने कहा, बाजरे का आटा, जो अपने पोषण मूल्य तथा स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है, ने भारत में स्वास्थ्य के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं के बीच लोकप्रियता हासिल की है।' आपको बता दें, भारत 2023 को मोटे अनाजों के साल यानी मिलेट ईयर (Millet Year) के रूप में मना रहा है।
पौष्टिक खाद्य को जनता के लिए सुलभ बनाना मकसद
दरअसल, बाजरे के आटे (Millet Flour) से बने खाद्य पदार्थों पर GST Rate कम कर सरकार का लक्ष्य इन पौष्टिक खाद्य पदार्थों को जनता के लिए और अधिक सुलभ बनाना है। ये कदम स्वस्थ जीवनशैली (Healthy Lifestyle) और 'आहार विकल्पों' को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों के अनुरूप है। केंद्र सरकार के इस फैसले से बाजरे के आटे के भोजन की खपत को बढ़ावा मिलने की संभावना जताई गई है। ऐसा करने से आबादी के समग्र स्वास्थ्य तथा कल्याण को लाभ मिलेगा।
GST काउंसिल की 52वीं बैठक
ज्ञात हो कि, माल एवं सेवा कर परिषद यानी GST Council जीएसटी के बारे में निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज हुई काउंसिल 52वीं बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी (Pankaj Chaudhary) के अलावा विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री तथा केंद्र सरकार व राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
बाजरे के आटे के प्रति लोग हों उत्साहित
जीएसटी परिषद का फैसला टिकाऊ और स्वस्थ भोजन विकल्पों को बढ़ावा देने के साथ-साथ आवश्यक खाद्य पदार्थों पर टैक्स के बोझ को कम करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है। ये अनुमान लगाया गया है कि यह कदम अधिक लोगों को अपने आहार में बाजरे के आटे पर आधारित खाद्य पदार्थों को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जो एक स्वस्थ भारत में योगदान देगा।'
मोटे अनाज की दर 18% से घटाकर 5% किया
जीएसटी काउंसिल मीटिंग के दौरान 'मिलेट फ्लोर फूड प्रिपरेशन' (Millet Flour Food Preparation) पर जीएसटी की दरों को मौजूदा 18 प्रतिशत से घटाकर 5 फीसद करने का निर्णय लिया गया है। ख़बरों में कहा जा रहा है कि, जीएसटी काउंसिल की 'फिटमेंट कमिटी' ने इससे पहले पावडर्ड मिलेट (Powdered Millet) के लिए छूट की सिफारिश की थी। मोटे अनाजों से तैयार प्रोडक्ट्स पर भी जीएसटी में छूट देकर इन्सेन्टिव देने की मांग चल रही थी, जिसे परिषद ने दरकिनार कर दिया।
मोदी सरकार दे रही है मोटे अनाजों को बढ़ावा
गौरतलब है कि, हाल के दिनों में मोटे अनाजों की खूब चर्चा हुई है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार मोटे अनाजों को लगातार प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए 2023 को मिलेट ईयर अर्थात 'मोटे अनाजों के साल' के रूप में मनाया जा रहा है। सरकार का प्रयास है कि, देश में मोटे अनाजों का उत्पादन और उपभोग दोनों तेज हों।
मोटे अनाज के कई फायदे
ऐसा कहा जाता है कि, मोटे अनाज न सिर्फ लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहतर है, बल्कि वो पर्यावरण के लिए भी अधिक अनुकूल है। क्योंकि, मोटे अनाजों में कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं। इससे लोगों का स्वास्थ्य बेहतर होता है। साथ ही, मोटे अनाज कम पानी में भी उगाए जा सकते हैं। इनकी पैदावार में रासायनिक उर्वरकों (Chemical Fertilizers) की आवश्यकता भी कम पड़ती है। इस तरह मोटे अनाजों को बढ़ावा देना पर्यावरण के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।