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मिलेगी बड़ी राहत: GST काउंसिल की बैठक आज, इन चीजों पर टैक्स हो सकता है कम

वस्तु एवं सेवा कर काउंसिल (GST Council) की शनिवार को बैठक होनी है। ये बैठक कई मायनों में अहम है। दरअसल, बैठक में कई वस्तुओं के सेल्ब्स में बदलाव की सम्भावना है।

Shivani Awasthi
Published on: 14 March 2020 3:33 AM GMT
मिलेगी बड़ी राहत: GST काउंसिल की बैठक आज, इन चीजों पर टैक्स हो सकता है कम
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दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर काउंसिल (GST Council) की शनिवार को बैठक होनी है। ये बैठक कई मायनों में अहम है। दरअसल, बैठक में कई वस्तुओं के सेल्ब्स में बदलाव की सम्भावना है। टैक्स स्ट्रक्चर की खामियों को दूर करने पर भी आज चर्चा होनी है। वहीं कई अहम उपयोगी चीजों जैसे मोबाइल, फुटवियर और टेक्स्टाइल आदि आइटम्स पर लगने वाला GST भी घट सकता है।

बैठक में कई आइटम्स पर लगा GST घट और बढ़ सकता है:

आज होने वाली जीएसटी बैठक में कई सौगाते मिल सकती है। कई आइटम्स पर टैक्स घटाने के साथ ही कुछ पर लगे सेस को बढ़ाया जा सकता है। इसमें कार, टोबैको और ऐरेटेड ड्रिंक्स पर लगने वाले सेस को बढ़ाये जाने की सम्भावना है। हालांकि, राज्यों की सहमति के बाद ही इस बढ़ोतरी की जा सकेगी। बता दें कि जीएसटी से राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सेस लगाये जाते हैं।

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इन मुद्दों पर होगी चर्चा:

GST काउंसिल की बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होनी है, इसमें कच्चे माल पर लगने वाले इनपुट टैक्स पर चर्चा होगी। उसके अलावा मोबाइल फोन्स, फुटवियर और रेडीमेड गार्मेंट्स के मामले में भी विचार होगा। इसमें बदलाव सम्बन्धी सुझावों पर चर्चा होगी।

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आज होने जा रही बैठक में मोबाइल फोन, उर्वरक, कृत्रिम धागे और कपड़ों पर अप्रत्यक्ष कर की दरें बढ़ाकर 18 प्रतिशत की जा सकती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जीएसटी दरें बढ़ाने से विनिर्माताओं के पास पूंजी की स्थिति में सुधार हो सकता है, लेकिन इससे तैयार माल की कीमतें बढ़ सकती हैं।

अभी कुछ तैयार माल पर पांच से 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है। हालांकि इनसे संबंधित सेवाओं तथा पूंजीगत वस्तुओं पर 18 प्रतिशत अथवा 28 प्रतिशत की दर से अपेक्षाकृत अधिक कर लगता है।

पिछले कुछ महीनों में कई राज्यों ने केंद्र सरकार से सही समय पर इस रकम के नहीं मिलने पर शिकायत भी की है। राज्य सरकारों को इस बात को भी समझना होगा कि ​GST नियमों के तहत सेस के जरिए जमा होने वाले रकम से ही उनके नुकसान की भरपाई होनी है। ऐसा नहीं होगा कि केंद्र सरकार नुकसान की भरपाई के लिए अलग फंड बनाए।

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Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

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