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HDFC ने बढ़ाई ब्याज दरें: अब होम लोन लेना होगा महंगा, RBI के फैसले का दिखने लगा असर
एचडीएफसी लिमिटेड ने हाउसिंग लोन पर रिटेल प्राइम लेंडिंग रेट में 0.30 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की है। कंपनी के इस फैसले से मौजूदा और नए ग्राहकों के लिए कर्ज अब महंगा हो जाएगा।
HDFC Hike Home Loan rates : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से रेपो रेट (Repo Rate) में की गई वृद्धि का असर लोन की दरों पर दिखने लगा है। इसी कड़ी में हाउसिंग लोन (Housing Loan) देने वाली देश की बड़ी कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC Ltd) ने अपने ग्राहकों को जोर का झटका दिया है। HDFC ने शनिवार को ब्याज दरों में इजाफा किया है। जिसके बाद अब होम लोन (Home Loan) लेना हो गया।
एचडीएफसी लिमिटेड ((HDFC Ltd) ने हाउसिंग लोन पर रिटेल प्राइम लेंडिंग रेट RPLR में 0.30 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की है। कंपनी के इस फैसले से मौजूदा और नए ग्राहकों के लिए कर्ज अब महंगा हो जाएगा।
RBI ने रेपो रेट 0.40 प्रतिशत बढ़ाई
गौरतलब है कि, HDFC ने ये कदम आरबीआई (RBI) की तरफ से रेपो रेट में की गई 0.40 प्रतिशत की वृद्धि के बाद उठाया है। एचडीएफसी से पहले आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) और बैंक ऑफ इंडिया (bank of india) सहित कई अन्य ऋणदाता संस्था अपनी दरों में वृद्धि कर चुके हैं।
30 बेसिस प्वाइंट्स की वृद्धि
एचडीएफसी लिमिटेड की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि, 'एचडीएफसी (HDFC) ने हाउसिंग लोन पर अपनी आरपीएलआर में 30 बेसिस प्वाइंट्स (Basis Points) की बढ़ोतरी की है। यह बढ़ी हुई दर 9 2022 मई से प्रभावी होगी।' बता दें कि, एचडीएफसी ने मई की शुरुआत में भी अपनी बेंचमार्क लैंडिंग रेट (Benchmark Lending Rate) में 0.05 प्रतिशत की वृद्धि की थी। जिसके बाद मौजूदा कर्जदारों की ईएमआई (EMI) महंगी हो गई थी।
क्या है नए कर्जदारों के लिए संशोधित दरें?
यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, नए कर्जदारों के लिए संशोधित दरें (Revised Rates) उनकी साख एवं ऋण राशि के आधार पर 7 प्रतिशत से 7.45 फीसद के बीच है। इसका मौजूदा दायरा 6.70 प्रतिशत से 7.15 फीसदी है। अगर, एचडीएफसी (HDFC) के मौजूदा ग्राहकों की बात करें, तो उनके लिए ब्याज दरों (Interest Rates) में 0.30 फीसद की बढ़ोतरी होगी।
ऐसे तय होगी रेट
ज्ञात हो कि, एचडीएफसी (HDFC) मौजूदा ग्राहकों को दिए गए कर्जों की नई कीमत तय करने के लिए तीन महीने के चक्र का पालन करता है। लिहाजा कर्जों के शुरुआती वितरण की तारीख के आधार पर बढ़ी हुई लेंडिंग रेट के आधार पर संशोधित किया जाएगा।