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होली का कारोबार: खूब उड़े अबीर-गुलाल, जमकर खेली गई होली, 50 हज़ार करोड़ का हुआ व्यापार
| Holi 2024: पिछले साल की तरह इस बार भी होली में कारोबारी और खरीदारों ने चीनी सामानों का बहिष्कार किया। इसके चलते इस बार होली में बीते वर्ष की तुलना में 50 फीसदी कारोबार में इज़ाफ़ा हुआ।
Holi 2024: इस वर्ष होली के त्यौहार से दिल्ली सहित देश भर के व्यापारियों में एक नई उमंग और उत्साह का संचार हुआ तो व्यापार के भविष्य को लेकर एक बार फिर नई आशा जगी। यूपी के लखनऊ, कानपुर और दिल्ली सहित देशभर के बाजार में होली की खूब धूम दिखी। रंगों के त्योहार के चलते बीते दो दिनों बाजार में खूब रौनक रही। होलियारों ने खाने पीने के सामान से अबीर-गुलाल, रंगों और अतरंगी पिचकारियों की जमकर खरीदारी की। इस वजह फागुन के मौसम में भी बाज़ारों में झमाझम धन वर्षा हुई। पापड़ और मिठाई की दुकानों से लेकर रंग, खोया, पूजा सामग्री, कपड़ों की दुकानों सहित त्योहार से जुड़े हर दुकानों में जबरदस्त भीड़ दिखाई दी। त्योहारी खरीदारी को लेकर बाजार में आलम यह था कि लोगों का रैला उमड़ा रहा, जिस वजह से दुकानदारों के चेहरे खिले रहे। देश भर के बाजार में होली व्यापार 50 हज़ार करोड़ से ज़्यादा का रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 50 फ़ीसदी वृद्धि हुए।
लखनऊ दिल्ली में इतना का कारोबार
कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि इस होली लखनऊ सहित देश भर के बाज़ार में 50 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक काकारोबार हुआ। इसमें अकेले दिल्ली में पांच हज़ार करोड़ का कारोबार हुआ, लखनऊ में 2 हज़ार करोड़ के कारोबार होने का अनुमान लगया गया। कैट ने बातया कि पिछले वर्षों की तरह इस साल भी लोगों ने चीनी सामान का बहिष्कार किया। चीन को तगड़ा झटका लगा है। देश में होली से जुड़े सामान का हर साल 10 हज़ार करोड़ रुपए का आयात होता है, जो कि इस होली बिल्कुल नगण्य रहा।
चीनी सामानों का लोगों ने किया बहिष्कार
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की इस बार होली की त्यौहारी बिक्री में चीन का बने हुए सामान का व्यापारियों एवं ग्राहकों ने बहिष्कार किया। केवल भारत के ही बने निर्मित हर्बल रंग एवं गुलाल, पिचकारी, ग़ुब्बारे, चंदन , पूजा सामग्री, परिधान सहित अन्य सामानों की खरीदारी की। बाजार में मिठाइयां, ड्राई फ्रूट , गिफ्ट आइटम्स, फूल एवं फल, कपड़े, फ़र्निशिंग फैब्रिक, किराना, एफएमसीजी प्रोडक्ट, कंज्यूमर ड्युरेबल्स सहित अन्य अनेकों उत्पादों की भी ज़बरदस्त मांग रही।
पसंद आए हर्बल रंग और अबीर
खंडेलवाल ने बताया कि इस वर्ष देश भर में भर में बड़े पैमाने पर होली समारोह के आयोजन हुए। इस वजह से बैंक्वेट हाल, फार्म हाउस, होटलों, रेस्टोरेंट एवं सार्वजनिक पार्कों की जोरदार मांग रही। होली में थोक और खुदरा बाज़ार पूरी तरह सजे रहे। सभी बाजारों में दुकानों पर गुलाल और पिचकारी के साथ होली के अन्य सामानों की खरीदारी के लिए भीड़ दिखाई दी। मिठाई की दुकानों में गुजिया की भी खूब बिक्री हुई। उन्होंने कहा कि केमिकल युक्त गुलाल, रंग के बजाय हर्बल रंग, अबीर और गुलाल की सर्वाधिक माँग बाज़ारों में रही। ग़ुब्बारे और पिचकरियां भी खूब बिकीं। बाजारों में शनिवार और रविवार को रिकॉर्ड तोड़ तोड़ बिक्री हुई।
इन पिचकारियों की रही जबरदस्त मांग
खंडेलवाल ने कहा कि इस होली में बाज़ारो में अलग-अलग तरह की पिचकारी, गुब्बारे और अन्य आकर्षक आइटम आये। प्रेशर वाली पिचकारी 100 रुपये से 350 रुपये तक उपलब्ध रही। टैंक वाली पिचकारी की कीमत 100 रुपये से 400 रुपए तक रही। फैंसी पाइप की भी बाजार में धूम रही। वहीं, बच्चों में स्पाइडर मैन, छोटा भीम आदि पिचकारियों की खूब मांग रही। गुलाल वाले स्प्रे की भी जबरदस्त मांग रही। कुल मिलाकर इस होली में कारोबार की जमकर झोली भरी। शनिवार रविवार को बाजार पूरे दिन गुलजार रहा।