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How To Claim Insurance: अगर हेल्थ पॉलिसी कंपनी कैंसिल कर दे क्लेम... तो इस स्थिति में क्या करें, जानें यहां
How To Claim Insurance: ऐसे ही एक मामले में सूरत जिला उपभोक्ता निवारण आयोग ने पिछले महीने एक बीमा कंपनी को निर्देश जारी किया था।
Insurance Claim: अधिकांश देखने को मिलता है कि हेल्थ पॉलिसी होने के बाद जब कोई पॉलिसीकर्ता क्लेम लेता है तो बीमा कंपनियों किसी कारण का हवाला देते हुए बीमाकर्ता का क्लेम कैंसिल कर देती हैं। अगर क्लेम काफी बड़ा है तो इसको भरने के लिए बीमा कर्ता का संघर्ष करना पड़ता है। अब ऐसे सवाल उठता है कि, यदि कोई हेल्थ पॉलिसी कंपनी किसी की पॉलिसी का क्लेम रिजेक्ट कर दी है तो, उस स्थिति में पॉलिसीधारक को क्या करना चाहिए?
क्लेम कैंसिल होने के बाद रोहन ने उठाया यह कदम
रोहन मित्रा ने अपना और अपनी पत्नी के लिए साल 2016 में स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी खरीदी थी। उसने पिछले वर्ष तक समय पर प्रीमियम का भुगतान करके हर साल पॉलिसी का नवीनीकरण किया। दिसंबर 2022 में वह टाइफाइड से पीड़ित हो गया और सात दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहा। इलाज में उसका 2 रुपये लाख का खर्च आया। उसके बीमाकर्ता ने यह कहते हुए दावा अस्वीकार कर दिया कि उसकी स्थिति अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है। ऐसी स्थिति उत्पन्न होने में रोहन बीमा कंपनी से अपना दावा प्राप्त करने के क्या कदम उठा सकता है। रोहन की इस स्थिति पर बाजार विशेषज्ञ ने कुछ कदम उठाने की सलाह दी है।
बाजार विशेषज्ञ ने दी यह रोहन को सलाह
बाजार विशेषज्ञ ने कहा कि चूंकि आप अपने बीमाकर्ता द्वारा दिए गए जवाब से संतुष्ट नहीं हैं, इसलिए रोहन पास शिकायत दर्ज करने के लिए कई विकल्प हैं। वह अपनी शिकायत सीधे भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) के ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज कर सकते हैं, जिसे 'बीमा भरोसा सिस्टम' के नाम से जाना जाता है। आप अपनी शिकायत ईमेल के माध्यम से ईमेल के माध्यम से 155255 या 1800 4254 732 पर फिर दर्ज करा सकता है। इसके अलावा वह 155255 या 1800 4254 732 पर टोल-फ्री हेल्पलाइन का लाभ उठा सकते हैं। विशेषज्ञ ने कहा कि रोहन बीमा कंपनी द्वारा अस्वीकृति की तारीख से एक वर्ष के भीतर बीमा लोकपाल के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं। चूँकि घटना दिसंबर 2022 में हुई थी, इसलिए आपके पास अभी भी समय है।
उपभोक्ता न्यायालय में भी दर्ज करा सकते हैं शिकायत
आप अपनी शिकायत https://www.cioins.co.in पर ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं या आप अपने नजदीकी लोकपाल कार्यालय में जाकर ऑफ़लाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं। वैकल्पिक रूप से आप उपभोक्ता न्यायालय में शिकायत दर्ज कर सकते हैं। चूंकि दावे की राशि केवल 2 लाख रुपए है, इसलिए आप जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम में भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
जानिए फोरम कितना लेगा शुल्क
यहां पर आप शिकायत ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं या आप शिकायत लिख सकते हैं। सभी प्रासंगिक दस्तावेज संलग्न करते हुए ऑफलाइन भी यह शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए आपको कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल करना होगा कि आपके द्वारा प्रस्तुत सभी तथ्य और बयान सत्य और सही हैं। उपभोक्ता फोरम आपसे 100 रुपये से 5,000 रुपये तक का शुल्क ले सकता है।
जिला उपभोक्ता निवारण आयोग ने सुनाया था यह फैसला
ऐसे ही एक मामले में सूरत जिला उपभोक्ता निवारण आयोग ने पिछले महीने एक बीमा कंपनी को निर्देश जारी किया था। आयोग ने फैसला सुनाया कि अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता के संबंध में निर्णय केवल बीमा कंपनी द्वारा निर्धारित किए जाने के बजाय चिकित्सा पेशेवरों के विवेक पर सौंपा जाना चाहिए।