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India GDP Growth Rate: सुधरने लगी आर्थिक सेहत, जीडीपी में 20.1 फीसदी की ग्रोथ

India GDP Growth Rate: वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही यानी अप्रैल 2021 से जून 2021 में भारत की जीडीपी की ग्रोथ में 20.1 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Dharmendra Singh
Published on: 31 Aug 2021 10:40 PM IST (Updated on: 31 Aug 2021 10:41 PM IST)
India GDP Growth Rate
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जीडीपी (फोटो: सोशल मीडिया)

India GDP Growth Rate: कोरोना काल में बीमार पड़ी अर्थव्यवस्था अब चंगी होने लगी है। पिछले साल की तुलना में इस साल की पहली तिमाही में जीडीपी की शानदार ग्रोथ रेट संकेत दे रही है कि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से सुधर रही है। केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही यानी अप्रैल 2021 से जून 2021 में भारत की जीडीपी की ग्रोथ में 20.1 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है।

आंकड़ों के अनुसार 2021-22 की पहली तिमाही में जीडीपी 32.38 लाख करोड़ रुपये रही है, जबकि 2020-21 की पहली तिमाही में यह 26.95 लाख करोड़ रुपये थी। यानी साल दर साल के आधार पर जीडीपी में 20.1 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले साल 2020-21 की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट आई थी। इस हिसाब से देखें तो भारत की आर्थिक सेहत में बहुत पॉजिटिव बदलाव आया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने पहले ही अनुमान लगाया था कि पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था 21.4 फीसदी ग्रोथ दर दिखा सकती है।

लो बेस इफेक्ट
जीडीपी ग्रोथ में इज़ाफ़े की वजह लो बेस इफेक्ट बताया जा रहा है। दरअसल, पिछले साल कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से पूरे मुल्क में माली सरगर्मियां ठप पड़ गई थीं। लिहाजा जून 2020 तिमाही में जीडीपी के आंकड़े बहुत नकारात्मक रहे थे। महामारी का असर कुछ कम हुआ तो देश में कोविड पाबंदियों में ढील दी गई। नतीजतन, उत्पादन और निर्माण गतिविधियों ने दोबारा से रफ्तार पकड़ी। यही वजह रही कि वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में जीडीपी विकास दर वर्ष-दर-वर्ष के आधार पर 20.1 प्रतिशत तक बढ़ गई है। यानी पिछले साल की खराब स्थिति से तुलना में इस वर्ष जबर्दस्त ग्रोथ दिखी है।

अलग अलग सेक्टरों का हाल
सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी डेटा में अलग-अलग सेक्टरों में पिछले साल की पहली तिमाही की तुलना में ग्रोथ की स्थिति बताई गई है। फार्म सेक्टर में ग्रोथ 3.5 फीसदी से बढ़कर 4.5 फीसदी हो गई। खनन सेक्टर में ग्रोथ माइनस 17.2 फीसदी से बढ़कर 18.6 फीसदी, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ माइनस 36 फीसदी से बढ़कर 49.6 फीसदी, कंस्ट्रक्शन सेक्टर में ग्रोथ माइनस 49.5 फीसदी से बढ़कर 68.3 फीसदी, सर्विस सेक्टर में ग्रोथ माइनस 21.5 फीसदी से बढ़कर 11.4 फीसदी और इंडस्ट्रीज सेक्टर में ग्रोथ माइनस 35.8 फीसदी से बढ़कर 46.1 फीसदी हो गई।
आलोच्य तिमाही में बिजली, गैस, पानी सप्लाई और अन्य यूटिलिटी सेवाओं में 14.3 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली जबकि पिछले साल इसी अवधि में 9.9 फीसद का संकुचन दर्ज किया गया था। इसी तरह ट्रेड, होटल, ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन और ब्रॉडकास्टिंग से जड़ी सेवाओं में 34.3 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली। फाइनेंशियल, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सेवाओं में 3.7 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली।


क्या है जीडीपी
जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद एक नियत समय सीमा के भीतर किसी देश में उत्पादित सभी परिष्कृत वस्तुओं और सेवाओं का कुल मौद्रिक या बाजार मूल्य है। समग्र घरलू उत्पादन की एक व्यापक माप के रूप में यह देश की आर्थिक सेहत के एक व्यापक स्कोरकार्ड के रूप में काम करता है। वैसे तो जीडीपी की गणना आम तौर पर वार्षिक आधार पर की जाती है, लेकिन कभी-कभी इसकी गणना त्रैमासिक आधार पर भी की जाती है। इस रिपोर्ट में शामिल इंडीविजुअल डेटा सेट वास्तविक अर्थों में दिए जाते हैं, इसलिए डेटा को कीमत परिवर्तनों और शुद्ध मुद्रास्फीति के लिए समायोजित किया जाता है।




Dharmendra Singh

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