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WPI inflation: पहले खुदरा अब थोक महंगाई से लोगों को राहत, घटकर पहुंची 36 महीने के निचले स्तर पर
WPI inflation: बीते दिनों खुदरा महंगाई दर से लोगों को राहत मिलते हुए यह अपने 25 महीने के निचले स्तऱ पर आ गई तो अब जनता को थोक महंगाई दर से राहत मिली है। मई महीने में यह घटकर 36 महीने के नीचे पहुंच गई है।
WPI inflation: भारत के लिए बीते कुछ दिनों से आर्थिक मोर्च पर राहत की खबरें सामने आ रही हैं, जो कि इस बात की पुष्टि करती है कि देश की अर्थव्यवस्था कदम सही राह पर है। बीते दिनों खुदरा महंगाई दर से लोगों को राहत मिलते हुए यह अपने 25 महीने के निचले स्तऱ पर आ गई है तो अब जनता को थोक महंगाई दर से राहत मिली है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को मई, 20323 के थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (WPI) की आंकड़े जारी किए हैं। मई महीने में देश की WPI घटकर 3.48 प्रतिशत पर आ गई है। इससे पहले यह बीते अप्रैल महीन में -0.98 प्रतिशत पर थी।
थोक महंगाई दर 36 महीने के निचले स्तर पर
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बुधवार कहा कि मई में देश की थोक महंगाई दर में जोरदार गिरावट देखने को मिली है और यह घटकर 36 महीने के निचले स्तर पर आ गई है। मई में WPI 3.48 फीसदी रिकॉर्ड की गई। इससे पहले अप्रैल महीने में भी लोगों को इससे राहत मिली थी और तब थोक महंगाई में 0.98 फीसदी पर थी। मंत्रालय ने कहा कि खनिज तेल, मूल धातु, खाद्य उत्पाद, कपड़ा, गैर-खाद्य लेख, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, और रासायनिक और रासायनिक उत्पादों की कीमतों में आई गिरावट की वजह से मई माह में थोक महंगाई दर में जोरदार गिरावट आई है।
खाद्य मुद्रास्फीति में आई गिरावट
मंत्रालय ने बताया कि मई महीने में धान (7.33 प्रतिशत), अनाज (6.89 प्रतिशत), दूध (6.83 प्रतिशत), गेहूं (6.15 प्रतिशत) और दालें (5.76 प्रतिशत) जैसी वस्तुएं की WPI खाद्य मुद्रास्फीति रही। WPI खाद्य मुद्रास्फीति अप्रैल में 0.17 प्रतिशत से गिरकर मई में -1.59 प्रतिशत पर आ गई है। इसके अलावा अन्य खाद्य वस्तुओं में मुद्रास्फीति में संशोधन देखा गया है। इसमें सब्जियां (-20.71 प्रतिशत), आलू (-18.71 प्रतिशत), प्याज (-7.25 प्रतिशत) और फल (1.95 प्रतिशत) है।
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मंत्रालय ने कहा कि ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति यानी महंगाई दर मई में -9.17 प्रतिशत पर आ गई है। इससे पहले यह अप्रैल में 0.93 प्रतिशत पर थी। खाद्य तेल मुद्रास्फीति और विनिर्मित उत्पाद मुद्रास्फीति मई में क्रमशः -29.54 प्रतिशत और -2.97 प्रतिशत पर रही है।
खुदरा महंगाई दर 25 महीने के नीचे
हाल में ही, मई महीने के खुदरा महंगाई दर के आंकड़ें सामने आए थे। मई में खुदरा महंगाई दर गिरकर 25 महीने के निचले स्तर 4.25 प्रतिशत पहुंच गई। जो भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मध्यम अवधि के लक्ष्य 4 प्रतिशत के करीब है। सरकार ने केंद्रीय बैंक से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि खुदरा मुद्रास्फीति दोनों तरफ 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर बनी रहे।
केंद्रीय बैंक का महंगाई पर अनुमान
अपनी हालिया मौद्रिक नीति में RBI ने FY24 के लिए अपने मुद्रास्फीति अनुमान को 5.2 प्रतिशत से घटाकर 5.1 प्रतिशत कर दिया। आरबीआई एमपीसी ने पहली तिमाही में 4.6 फीसदी, दूसरी तिमाही में 5.2 फीसदी, तीसरी तिमाही में 5.4 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.2 फीसदी की दर का अनुमान लगाया था।