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Old Notes RBI Guidelines: कटे-फटे और दाग लगे नोटों को लेकर आरबीआई का गाइडलाइन, पढ़ें पूरी खबर
Old Notes RBI Guidelines: कटे-फटे नोट दुकानदार देखते ही उसे लेने से साफ इनकार कर देते हैं। ऐसे में रिजर्व बैंक ने ऐसे नोटों के लिए भी गाइडलाइन जारी किया है।
Old Notes RBI Guidelines: भारतीय करेंसी को फाड़ना, जलाना, लिखना, कांट-छांट करना या किसी अन्य तरीके से उसका अपमान करना कानून में अपराध की श्रेणी में आता है। हमारे – आपके पास अक्सर कई बार इस तरह के नोट अनचाहे तरीके से आ जाते हैं। जिनकी हालत या तो काफी जर्जर होती है या वे दागदार होते हैं। दुकानदार देखते ही उसे लेने से साफ इनकार कर देते हैं। ऐसे में परेशान होने की जरूरत नहीं है कि रिजर्व बैंक ने ऐसे नोटों के लिए भी गाइडलाइन जारी किया है।
देश की सर्वोच्च बैंक यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया कहता है कि महात्मा गांधी (नई) सीरीज सहित सभी बैंकनोट, जिन पर कुछ लिखा हो अथवा रंग लगा हुआ हो तो वे वैध मुद्रा जारी करेंगे, बशर्ते कि उनपर लिखे नंबरों को पढ़ा जा सके। इस प्रकार के नोटों को किसी भी बैंक की शाखा में जमा किया जा सकता है या उन्हें बदला जा सकता है।
कहां जाकर बदल सकते हैं ऐसे नोट
कटे-फटे या दाग लगे नोटों को आप किसी भी बैंक की शाखा में जाकर बदल सकते हैं। आरबीआई समय – समय पर कटे – फटे नोटों को लेकर सर्कुलर जारी करता रहता है। ऐसे नोटों को आप रिजर्व बैंक के कार्यालयों में भी जाकर बदला सकते हैं। नोट को बदलवाने के लिए बैंक में किसी भी तरह का शुल्क नहीं लगता है। इस आप आसानी से बदलवा सकते हैं।
आरबीआई ने इसके लिए कुछ नियम तय किए हैं। नियम के मुताबिक, एक व्यक्ति एक बार में अधिक से अधिक 20 नोटों को ही एक्सचेंज करवा सकता है। साथ ही इन नोटों की कुल वैल्यू 5 हजार रूपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। वहीं, अगर नोट की हालत ज्यादा खराब है यानी वो बुरी तरह जले और टुकड़े-टुकड़े हो चुके हैं तो उसे रिजर्व बैंक के इश्यू ऑफिस में ही जमा कराया जा सकता है।
ऐसे नोट नहीं बदले जाएंगे
रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के अनुसार, यदि नोट पर राजनीतिक अथवा धार्मिक संदेश देने के मंशे से कोई अनावश्यक शब्द या चित्र नजर आते हैं, तो ऐसे नोट को बदला नहीं जा सकेगा। इसके अलावा किसी व्यक्ति या संस्था के हितों को पूरा करने में सहायक होने पर बैंक नोटों के संबंध में ऐसे दावे को भारतीय रिजर्व बैंक (नोट वापसी) नियमावली, 2009 के अनुसार निरस्त कर देगा।
बता दें कि भारतीय मुद्रा लेने से अगर कोई व्यक्ति या दुकानदार मना करता है तो उसके विरूद्ध भी एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है। करेंसी लेने से मना करना भारतीय मुद्रा अधिनियम का उल्लंधन है।