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2030 तक भारत बन जाएगा तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था, 2026 में इतने फीसदी हो जाएगी GDP
Indian Economy: एसएंडपी का यह दृष्टिकोण भारत द्वारा सितंबर तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद में अनुमान से अधिक 7.6% की तेज वृद्धि दर का अनुभव करने के कुछ ही दिनों बाद आया है।
Indian Economy: ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने मंगलवार को अपनी एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि भारत वर्ष 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा। हालांकि अभी भारत विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था देश वाला है। भारत से पहले अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान है। इसके अलावा रेटिंग एजेंसी ने देश की जीडीपी में वृद्धि का भी पूर्वानुमान जारी है। एसएंडपी ग्लोबल ने कहा कि भारत की GDP 2023 में 6.4% से बढ़कर 2026 में 7 फीसदी होने की संभावना है।
ग्लोबल क्रेडिट आउटलुक 2024 रिपोर्ट में खुलासा
एसएंडपी ने कहा कि हम वित्त वर्ष 2026-27 में भारत को 7 प्रतिशत तक पहुंचते हुए देख रहे हैं। भारत 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है और हमें उम्मीद है कि यह अगले तीन वर्षों में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था होगी। इस बात खुलासा एसएंडपी ने अपनी ‘ग्लोबल क्रेडिट आउटलुक 2024’ की रिपोर्ट में किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत को वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाला उभरता बाजार होने का अनुमान है। हालांकि महत्वपूर्ण चुनौती यह निर्धारित करने में है कि क्या देश सफलतापूर्वक अगले प्रमुख वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित हो सकता है?
2026 में इस विकास दर पर रहेगा भारत
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत की वृद्धि 6.4% होने का अनुमान है, जो पिछले वित्तीय वर्ष में दर्ज 7.2% से गिरावट है। वहीं, भारत की विकास दर 2024-25 में 6.4% पर बनी रहने का अनुमान बताया गया है। इसके बाद अगले वर्ष 6.9% की वृद्धि होगी और 2026-27 में देश की विकास दर 7% तक पहुंच जाएगी।इसमें कहा गया ह कि एक मजबूत लॉजिस्टिक्स ढांचा भारत को सेवा-प्रधान अर्थव्यवस्था से विनिर्माण-प्रमुख अर्थव्यवस्था में बदलने में महत्वपूर्ण होगा।
रेटिंग एजेंसी भारत के वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरने के महत्व को रेखांकित करती है। भारत के आर्थिक परिदृश्य को सेवा-उन्मुख से विनिर्माण-प्रधान परिदृश्य में स्थानांतरित करने के लिए एक मजबूत लॉजिस्टिक्स ढांचे की स्थापना के महत्व पर जोर देता है।
श्रम बाजार की क्षमता को उजागर करने के लिए एसएंडपी श्रमिकों के कौशल को बढ़ाने और कार्यबल में महिला भागीदारी को बढ़ावा देने की सिफारिश करता है। एजेंसी की राय है कि इन क्षेत्रों में सफलता भारत को अपने जनसांख्यिकीय लाभांश का पूरी तरह से लाभ उठाने में सशक्त बनाएगी।
इन वजहों से बदला एसएंडपी दृष्टिकोण
एसएंडपी ने कहा कि भारत में संपन्न घरेलू डिजिटल बाजार में आने वाले दशक में विशेष रूप से वित्तीय और उपभोक्ता प्रौद्योगिकी में उच्च क्षमता वाले स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के विकास को बढ़ावा देने की क्षमता है। एसएंडपी का यह दृष्टिकोण भारत द्वारा सितंबर तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद में अनुमान से अधिक 7.6% की तेज वृद्धि दर का अनुभव करने के कुछ ही दिनों बाद आया है।