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Online Gaming: सेकेंड्स में लग रही लाखों की चपत, डिप्रेशन में मासूम! ऑनलाइन खेलों की पढ़िये काली कहानी

Online Gaming: भारत में आयकर अधिनियम, 1961 के तहत ऑनलाइन गेमिंग कर योग्य है। आयकर अधिनियम 1961 की धारा 115BBJ में कहा गया है कि : किसी भी ऑनलाइन गेम से जीत पर 30 फीसदी की दर से कर लगाया जाएगा।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 20 Sep 2024 9:24 AM GMT (Updated on: 20 Sep 2024 9:45 AM GMT)
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Online Gaming  (photo: social media )

Online Gaming: भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग तेज़ी से बढ़ रहा है। सेल फ़ोन और लैपटॉप के व्यापक इस्तेमाल के चलते ऑनलाइन गेमिंग की लोकप्रियता बहुत तेजी से बढ़ी है। आज कोई भी व्यक्ति तरह तरह के गेमिंग पोर्टल तक पहुँच सकता है, जिससे नियमित रूप से ऑनलाइन गेम खेलना आसान हो जाता है। पैसे कमाने वाले गेमिंग ऐप की शुरुआत के साथ लोग जल्द ही इन खेलों में रम जाते हैं। जिस तरह गेमिंग में लोग लगे हुए हैं उससे सरकार की भी कमाई भी छलांग लगा रही है। सिर्फ ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी से सरकार को बीते 6 महीनों में 6909 करोड़ रुपए मिले हैं। जबकि इसके पहले के 6 महीनों में जीएसटी से सिर्फ 1349 करोड़ रुपये ही मिले थे। यानी करीब तीन गुना राजस्व बढ़ गया है। इसके विपरीत ऑनलाइन गेमिंग का एक स्याह पहलू भी है जिसमें आर्थिक बर्बादी, एडिक्शन, मनोवैज्ञानिक असर, सेहत पर असर वगैरह शामिल हैं।

ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्स

ऑनलाइन गेमिंग के लिए भारत के नियम अभी भी डेवलपमेंट के चरण तेज में हैं। इसमें टैक्स मुख्य रूप से दो चीजों के इर्द-गिर्द हैं : गेमिंग से जीत पर आयकर और गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म पर जीएसटी। जीत पर टैक्स आयकर एक्ट के तहत कर लगाया जाता है, जबकि गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म के राजस्व पर जीएसटी लगता है। इसके अलावा, कुछ राज्यों ने अपने नियम जोड़े हैं, जिनमें से कुछ ने ऑनलाइन गेमिंग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। असली भ्रम ‘’स्किल’’ के खेल और ‘’चांस’’ के खेल के बीच के अंतर से आता है। रम्मी और फ़ैंटेसी स्पोर्ट्स जैसे स्किल बेस्ड खेलों पर हल्का रेगुलेशन होता है, लेकिन लॉटरी और सट्टेबाजी जैसे चांस के खेल पर सख्त नियम और ऊंचे टैक्स लागू होते हैं।

भारत में आयकर अधिनियम, 1961 के तहत ऑनलाइन गेमिंग कर योग्य है। आयकर अधिनियम 1961 की धारा 115BBJ में कहा गया है कि : किसी भी ऑनलाइन गेम से जीत पर 30 फीसदी की दर से कर लगाया जाएगा। इसमें सेस और सरचार्ज शामिल नहीं होंगे। 1 अप्रैल 2023 से ऑनलाइन गेम से होने वाली कोई भी आय इस धारा के तहत कर योग्य होगी। पहले, कर कटौती की सीमा 10,000 रुपये थी। 1 अप्रैल 2023 को लागू हुए संशोधन में कहा गया है कि 100 रुपये से ज़्यादा की जीत की राशि कर योग्य होगी। कर की गणना उस राशि पर की जाएगी जो जीतने वाली राशि और जॉइनिंग के समय जमा की गई राशि के बीच के अंतर के बराबर होगी।


कर चोरी और मनी लांड्रिंग

गेमिंग इंडस्ट्री फल-फूल तो रही है लेकिन चूँकि इसमें तगड़ा पैसा जुड़ा हुआ है सो टैक्स चोरी और मनी लांड्रिंग जैसी चीजें भी इसमें जुड़ गईं हैं। इसी के चलते जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय ने ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म की अपनी जाँच तेज़ कर दी है। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, ऑनलाइन मनी गेमिंग उद्योग को "उच्च जोखिम" वाले क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया गया है। रिपोर्ट में इसे कर चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग, साइबर धोखाधड़ी, किशोर अपराध और अन्य सामाजिक-आर्थिक चिंताओं के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील बताया गया है। उद्योग को रेगुलेट करने की व्यापक पहल के हिस्से के रूप में, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने घरेलू स्तर पर संचालित कई गेमिंग संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई की है। जीएसटी खुफिया शाखा ने अब तक 34 ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिसमें अनिवार्य 28 फीसदी जीएसटी का भुगतान न करने के कारण कुल 1,10,531.9 करोड़ रुपये की कर देनदारी शामिल है। घरेलू कार्रवाइयों के अलावा, डीजीजीआई ने भारत में बिना उचित पंजीकरण या अनुपालन के संचालित 658 ऑफशोर ऑनलाइन गेमिंग संस्थाओं की पहचान की है।


कितने तरह की ऑनलाइन गेमिंग

स्किल के खेल और भाग्य या चांस के खेल के बीच अंतर को समझना सिर्फ़ शब्दार्थ का मामला नहीं है बल्कि यह जानना जरूरी है कि उन पर कैसे टैक्स लगाया जाता है।

स्किल के खेल : ये ऐसे खेल हैं जहाँ गेमर की सफलता उसके ज्ञान, रणनीति और स्किल पर निर्भर करती है। जैसे कि शतरंज, फ़ैंटेसी स्पोर्ट्स, पोकर, रम्मी वगैरह। भारत में सुप्रीम कोर्ट ने इन प्रकार के खेलों को मंज़ूरी दे दी है, उन्हें वैध घोषित कर दिया है। इन पर आयकर और जीएसटी के तहत टैक्स लगाया जाता है, लेकिन इन टैक्स की दरें ‘’भाग्य’’ के खेलों की तुलना में कम होती हैं।

भाग्य या चांस के खेल : ऐसे गेम स्किल की बजाय खिलाड़ी के भाग्य पर निर्भर करते हैं। ऐसे गेमों में लॉटरी, सट्टेबाजी, कैसीनो गेम, रूलेट, स्लॉट मशीन जैसे गेम शामिल हैं। चांस के खेल पर ज्यादा टैक्स लगता है और सख्त नियम लागू होते हैं क्योंकि उन्हें जुए के समान माना जाता है।


अन्य देशों में क्या है?

जब ऑनलाइन गेमिंग पर कर लगाने की बात आती है, तो विभिन्न देशों के अपने-अपने नज़रिए चलते हैं। जैसे कि अमेरिका में आप ऑनलाइन गेमिंग से पैसे जीतते हैं, तो उस पर फ़ेडरल करों का भुगतान करना होगा। ठीक उसी तरह जिस तरह किसी दूसरी कमाई पर टैक्स देना होता है। लेकिन एक पेंच भी है। अमेरिका में हर राज्य अपने अलग टैक्स भी लगा सकता है। यानी एक तरह से दोहरी मार है, जिसमें संघीय और राज्य दोनों टैक्स लागू होते हैं। यूनाइटेड किंगडम में "रिमोट गेमिंग ड्यूटी" लगती है। इसका मतलब है कि ऑनलाइन गेमिंग ऑपरेटर अपने कुल गेमिंग राजस्व के आधार पर टैक्स का भुगतान करते हैं। जर्मनी में ऑनलाइन गेमिंग टैक्स नियम काफी सख्त हैं। वहां गेमिंग सेवाओं पर वैट लगता है, खासकर ‘चांस’ के खेल के लिए।


यह पहलू भी जानें

ऑनलाइन गेमिंग का एक स्याह पहलू भी है जिसमें आर्थिक बर्बादी, एडिक्शन, मनोवैज्ञानिक असर, सेहत पर असर वगैरह शामिल हैं। बच्चों और युवाओं में इन्हीं दुष्प्रभावों के चलते चीन में कई तरह के प्रतिबन्ध लगाये गए हैं – गेम खेलने पर और गेमिंग कंपनियों पर।

उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ऑनलाइन गेम खेलने की लत जिसे गेमिंग डिसऑर्डर नाम दिया गया है, को मानसिक बीमारी के रूप में पहचाना है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार ऑनलाइन गेमिंग ‘कोकीन’ और ‘जुए’ की तरह ही लत पैदा कर सकती है। कोरोना के दौर में बच्चों की ऑनलाइन गेमिंग में भागीदारी 41 प्रतिशत बढ़ गई ।

गेमिंग के दुष्प्रभाव को इसी से समझ लें कि एक केस में बॉम्बे हाईकोर्ट ने ऑनलाइन गेमिंग डिसऑर्डर से पीड़ित एक छात्र को दोबारा परीक्षा में बैठने की अनुमति दी है, यह इस बात का एक उदाहरण है कि कैसे यह लत धीरे-धीरे भारत में मानसिक स्वास्थ्य संकट का कारण बन रही है। कक्षा 12 के एक छात्र ने कोर्ट में याचिका दी थी कि वह इंटरनेट गेमिंग डिसऑर्डर (आईजीडी) नामक मानसिक स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित है। जस्टिस एएस चंदुरकर और राजेश पाटिल की खंडपीठ ने 4 जुलाई के अपने आदेश में कहा कि 19 वर्षीय छात्र को "न्याय के हित में" एक अवसर दिया जाना चाहिए।


कई अध्ययनों से पता चलता है कि ऑनलाइन गेमिंग की लत का बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर कितना ज्यादा नेगेटिव असर पड़ रहा है। बता दें कि 2017 में रूस में 130 से ज्यादा बच्चों की मौत ऑनलाइन गेम की वजह से हुई थी। अनुमान है कि भारत में वर्तमान में करीब तीस करोड़ लोग ऑनलाइन गेम खेलते हैं और 2028 तक यह संख्या बढ़कर 55 करोड़ हो जाने की संभावना है। कुछ अनुमानों के मुताबिक देश में ऑनलाइन गेमिंग का बाजार 7,000 से 10,000 करोड़ रुपये के बीच है और जल्द ही इसके 29,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। फिक्की की एक रिपोर्ट के मुताबिक, "लेन-देन आधारित" गेम में 26 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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