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Retail Inflation: अगस्त में खुदरा महंगाई दर 3.65 फीसदी, इन वस्तुओं की वजह से आई हल्की तेजी
Retail Inflation: फूड महंगाई दर की सीपीआई में आधी हिस्सेदारी रहती है। फूड इन्फ्लेशन पिछले महीने यह 13 महीने के निचले स्तर 5.42 प्रतिशत पर थी।
Retail Inflation: वित्त मंत्रालय के लेबर डिपॉर्टमेंट ने गुरुवार को अगस्त महीने के खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी कर दिए हैं। खुदरा महंगाई दर से लोगों को झटका मिला है। देश में अगस्त माह में खुदरा मुद्रास्फीति दर बढ़कर 3.65 फीसदी पर पहुंच गई है, जोकि जुलाई में दर्ज 3.54% से थोड़ी अधिक है। अगस्त माह में खुदरा महंगाई दर में वृद्धि का कारण खाद्य वस्तुओं की कीमतों में इजाफा होना बताया गया है। हालांकि राहत की बात यह रही कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मध्यम अवधि के लक्ष्य 2-6% के भीतर थी।
अगस्त में देखा मामूली इजाफा
फूड महंगाई दर की सीपीआई में आधी हिस्सेदारी रहती है। फूड इन्फ्लेशन पिछले महीने यह 13 महीने के निचले स्तर 5.42 प्रतिशत पर थी। अब अगस्त में इसमें मामूली इजाफा हुआ है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के आंकड़ों के अनुसार, जून में खाद्य मुद्रास्फीति 9.36%, मई में 8.69% और अप्रैल में 8.70% बढ़ी थी। कुछ अर्थशास्त्रियों ने कहा कि मुद्रास्फीति में गिरावट एक बार की हो सकती है।
2023 से बनी हुई 6 फीसदी से नीचे
भारत की खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर 2023 से 6% के निशान से नीचे रही है, जो लगातार 13 महीनों से केंद्रीय बैंक की 2-6% की सहनशीलता सीमा के भीतर बनी हुई है। अधिक अस्थिर खाद्य और ऊर्जा कीमतों को छोड़कर मुख्य मुद्रास्फीति, माल और सेवाएं, टोकरी का करीब 50% हिस्सा बनाती हैं।
खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि
खाद्य पदार्थों की कीमतें एक साल से अधिक समय से उच्च स्तर पर बनी हुई हैं और नवंबर 2023 से जून 2024 तक 7% से ऊपर बनी हुई हैं, जिसका मुख्य कारण पिछले साल की असमान और सामान्य से कम मानसूनी बारिश है।
अगस्त में इन चीजों के बढ़े दाम
अगस्त माह में अनाज, मांस, मछली, दूध उत्पाद, दालें, चीनी और कन्फेक्शनरी की कीमतों में क्रमिक रूप से गिरावट आई, जबकि महीने के दौरान अंडे, फल और सब्जियों की कीमतों में वृद्धि हुई। अगस्त के दौरान कपड़ों की कीमतों में क्रमिक रूप से गिरावट आई, जबकि महीने के दौरान जूतों की कीमतों में वृद्धि हुई।
कई राज्यों में महंगाई सबसे अधिक
मंत्रालय के मुताबिक, राज्यों में अगस्त की खुदरा महंगाई की बात करें तो तेलंगाना (2.02%), उत्तराखंड (2.37%), और दिल्ली (2.52%) सबसे धीमी खुदरा मुद्रास्फीति दर्ज की। हालांकि, असम, बिहार, हरियाणा, केरल, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में औसत से अधिक मुद्रास्फीति देखी गई, जो दर्शाता है कि कई राज्यों में खुदरा मुद्रास्फीति अभी भी काफी अधिक है।
मुद्रास्फीति और RBI
पिछले महीने, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बेंचमार्क रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखा, जिससे संकेत मिलता है कि ब्याज दरों में कटौती में कुछ समय लग सकता है। केंद्रीय बैंक को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 25 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि 7.2% और चालू वित्त वर्ष के लिए CPI मुद्रास्फीति 4.5% रहेगी। इसने पिछली बार फरवरी 2023 में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5% किया था।