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Rahul Bajaj: निडर उद्यमी के रूप में याद किये जाते हैं राहुल बजाज, पैदाइशी थे इस्टैब्लिशमेंट विरोधी

Rahul Bajaj Wiki In Hindi: राहुल बजाज को हमेशा से ही स्पष्टवादी माना जाता रहा और उनके दोस्त उन्हें निडर कहते थे।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shreya
Published on: 12 Feb 2022 5:17 PM IST
Rahul Bajaj: निडर उद्यमी के रूप में याद किये जाते हैं राहुल बजाज, पैदाइशी थे इस्टैब्लिशमेंट विरोधी
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राहुल बजाज (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Rahul Bajaj Wiki In Hindi: बजाज ग्रुप के चेयरमैन राहुल बजाज को कॉरपोरेट हलकों में एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जाना जाता है, जो राष्ट्रीय हित के किसी भी मामले में या कॉरपोरेट भारत के संकटों के बारे में अपनी राय को को खुले शब्दों में जाहिर करने में कभी पीछे नहीं रहते थे। मुंबई में एक एक समारोह में राहुल बजाज ने कहा भी था कि वह पैदाइशी इस्टैब्लिशमेंट विरोधी हैं।

राहुल बजाज को हमेशा से ही स्पष्टवादी माना जाता रहा और उनके दोस्त उन्हें निडर कहते थे। 1970 के दशक में, जब इटली के पियाजियो ने बजाज के लाइसेंस को नवीनीकृत नहीं किया, तो उन्होंने चेतक और सुपर जैसे नामों के साथ अपने खुद के स्कूटर का निर्माण शुरू किया था।

लाइसेंस राज का करते थे विरोध

इंदिरा गांधी के शासनकाल में सरकार लाइसेंस राज के तहत उत्पादन को नियंत्रित करती थी। प्रतिबंधों के कारण खरीदारों को स्कूटर खरीदने के लिए बुकिंग और वर्षों तक इंतजार करना पड़ता था। राहुल बजाज हमेशा से लाइसेंस राज का विरोध करते आये थे। एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें किसी ऐसी वस्तु के उत्पादन के लिए जेल जाना पड़ा, जिसकी अधिकांश भारतीयों को जरूरत थी, तो उन्हें कोई गुरेज नहीं होगा। वर्ष 2020 में उन्होंने ट्विटर पर लिखा था कि देश में डर का माहौल है और लोग सरकार की आलोचना करने से डरते हैं।

राहुल बजाज ने कहा था कि - जब यूपीए 2 सत्ता में थी तब हम किसी की भी आलोचना कर सकते थे लेकिन अब डर का माहौल है। उन्होंने मॉब लिंचिंग के खिलाफ एनडीए सरकार द्वारा एक्शन की कमी और गोडसे पर भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर की टिप्पणी का उल्लेख किया था।

राहुल बजाज और बजाज परिवार की दौलत

राहुल बजाज के पास बजाज ऑटो में 10 फीसदी, बजाज फिनसर्व में 10 फीसदी और बजाज होल्डिंग्स एंड इन्वेस्टमेंट में 24 फीसदी हिस्सेदारी थी। बजाज फाइनेंस में उनकी 2 फीसदी हिस्सेदारी और बजाज उपकरण में 14 फीसदी हिस्सेदारी थी। उनकी कुल संपत्ति 4.4 अरब डॉलर आंकी गई है। 2019 की सूची में फोर्ब्स इंडिया के 100 सबसे अमीर लोगों के अनुसार, बजाज परिवार की कुल संपत्ति 9.2 बिलियन डॉलर थी और यह भारत का 11 वां सबसे अमीर परिवार माना गया था।

कोलकाता में जन्मे थे बजाज

राहुल बजाज का जन्म 30 जून 1938 को कोलकाता में हुआ था। राहुल के दादा जमनालाल बजाज ने 1926 में बजाज समूह की स्थापना की थी। राहुल के पिता कमलनयन बजाज ने 1942 में कमान संभाली और तीन साल के भीतर उन्होंने सीमेंट, बिजली के उपकरण और स्कूटर सहित नए व्यवसायों में विस्तार किया।

राहुल बजाज ने 1958 में दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और बॉम्बे विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री भी हासिल की। फिर उन्होंने अमेरिका के हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए किया और 1968 में बजाज ऑटो के सीईओ बने।

राहुल बजाज (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया)

एक उद्यमी के रूप में सफर

राहुल बजाज उप महाप्रबंधक के रूप में अपने पिता के समूह का हिस्सा बने। वह कंपनी में मार्केटिंग, अकाउंट्स, परचेज और ऑडिट जैसे प्रमुख विभागों के प्रभारी थे। बजाज ऑटो के सीईओ नवल के फिरोदिया के मार्गदर्शन में, राहुल ने व्यवसाय की बारीकियां सीखीं। बाद में फिरोदिया और बजाज के रास्ते अलग हो गए। 1972 में अपने पिता के निधन के बाद, राहुल को बजाज ऑटो का प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया। उनके नेतृत्व में कंपनी ने जबरदस्त विकास देखा। राहुल बजाज ने 1970 और 80 के दशक में कम्पनी को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया। यह उनकी पहल थी कि चेतक और बजाज सुपर मॉडल भारतीय बाजार में प्रमुखता से उभरे। मूल रूप से इतालवी वेस्पा स्प्रिंट पर आधारित, चेतक दशकों से लाखों भारतीयों के लिए परिवहन का एक किफायती साधन था और इसे 'हमारा बजाज' के रूप में याद किया जाता है।

बाजार उदारीकरण के बाद बजाज की बिक्री 2001 के आसपास कम हो गई जब होंडा, यामाहा और सुजुकी जैसे जापानी प्रतियोगियों ने बाजार में नई मोटरसाइकिलें पेश कीं और भारत के बाजार की गतिशीलता को बदल दिया। लेकिन बजाज ऑटों जल्द ही प्रभावी मार्केटिंग और प्रचार के चलते नुकसान से उबर गया। बजाज ऑटो ने खुद को नया रूप दिया और बजाज पल्सर मोटरसाइकिल के साथ बाजार में खुद को स्थापित किया। राहुल बजाज भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के अध्यक्ष रह चुके हैं।

पुरस्कार

राहुल बजाज को 1986 में इंडियन एयरलाइंस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था और 2001 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। जून 2006 में, राहुल बजाज महाराष्ट्र से राज्यसभा के लिए चुने गए। 2005 में उन्होंने अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया और उनके बेटे राजीव समूह के प्रबंध निदेशक बने। बजाज घराना बालवाड़ी, व्यावसायिक और तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान जैसे स्कूल चलाता है, जिसमें आईटीआई भी शामिल है।

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Shreya

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