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Interim Budget 2024: रेलवे में तीन नए 'इकोनॉमिक कॉरिडोर', 40 हजार सामान्य बोगियां वंदे भारत स्टैंडर्ड में होंगी कंवर्ट
Interim Budget 2024: वित्त मंत्री सीतारमण ने बजटीय भाषण में कहा, 'तीन रेल कॉरिडोर शुरू किए जाएंगे। यात्री ट्रेनों के परिचालन में भी सुधार होगा। पीएम गति शक्ति योजना के तहत काम तेज किया जाएगा।'
Interim Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार (01 फ़रवरी) को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट पेश किया। आगामी महीनों में लोकसभा चुनाव होने हैं इसलिए आज अंतरिम बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री की तरफ से रेलवे को शानदार तोहफा मिला है। वित्त मंत्री ने लोकसभा में बजट पेश करते हुए बताया कि, 'आने वाले वर्षों में 3 नए रेलवे इकोनॉमिक कॉरिडोर (Railway Economic Corridor) बनेंगे। ये कॉरिडोर ऊर्जा, मिनरल और सीमेंट के लिए होंगे।
उन्होंने बताया, पीएम गति शक्ति (PM Gati Shakti) योजना के तहत प्रोजेक्ट की पहचान कर ली गई है। इससे पैसेंजर ट्रेनों के ऑपरेशन में सुधार होगा। ट्रेन में यात्रा करना सुरक्षित होगा। साथ ही, 40 हजार सामान्य रेल बोगियों को वंदे भारत स्टैंडर्ड (Vande Bharat Standard) में कन्वर्ट किया जाएगा।
3 नए रेल कॉरिडोर शुरू होंगे
वित्त मंत्री सीतारमण ने बजटीय भाषण में कहा कि, 'तीन रेल कॉरिडोर शुरू किए जाएंगे। यात्री ट्रेनों के परिचालन में भी सुधार होगा। पीएम गति शक्ति ((PM Gati Shakti) योजना के तहत काम तेज किया जाएगा। माला-भाड़ा परियोजना को भी विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा, 40 हजार साधारण रेल डिब्बों को वंदे भारत में बदला जाएगा।'
पिछले साल रेलवे की रही थी बड़ी हिस्सेदारी
आपको बता दें, पिछले वर्ष के बजट में मोदी सरकार ने रेलवे पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया था। साल 2023 के 45 लाख करोड़ रुपए के कुल बजट में रेलवे की हिस्सेदारी 2.4 लाख करोड़ रुपए की थी। मोदी सरकार के कार्यकाल में रेलवे के बजट में आवंटन लगातार बढ़ता गया है।
इस तरह से बढ़ता गया है रेलवे का बजट
पिछले आंकड़ों पर गौर करें तो 5 साल पहले अर्थात 2019 के बजट में रेलवे को 69,967 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। उसके बाद वर्ष 2020 में रेलवे को 70,250 करोड़ रुपए दिए गए थे। साल 2021 में पहली बार रेलवे का बजट 1 लाख करोड़ रुपए के पार चला गया था। जबकि, 2023 में रेलवे का बजट आवंटन पहली बार 2 लाख करोड़ रुपए के पार गया था।
2017 से आम बजट का बना हिस्सा
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से पहले रेलवे के लिए अलग से बजट पेश किया जाता था। मोदी सरकार ने 2017 में इस परंपरा को बदल दिया। उस वर्ष तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट पेश किया था। रेलवे का बजट उसी का हिस्सा था। उससे पहले तक रेल मंत्री द्वारा अलग से रेल बजट पेश किया जाता रहा था।