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Haifa Port Deal: मुश्किलों में घिरे अडानी के लिए राहत, इजरायली पीएम नेतन्याहू ने कहा- हाफिया पोर्ट डील' मील का पत्थर है
Haifa Port Deal: इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने मुश्किलों में घिरे अडानी समूह के साथ 'हाइफा बंदरगाह डील' को 'मील का पत्थर' बताया। इन बातों से अडानी ग्रुप को जरूर राहत मिली होगी।
Haifa Port Deal: मुश्किलों में घिरे बिजनेसमैन गौतम अडानी के लिए एक अच्छी खबर आई है। मौजूदा वक्त में जहां हर तरफ अडानी से जुड़ी नकारात्मक ख़बरें चल रही है। इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Israeli PM Netanyahu) ने मंगलवार (31 जनवरी) को अडानी समूह के साथ 'हाइफा बंदरगाह डील' (Hafia Port Deal) को लेकर बड़ी बात कह दी। उन्होंने इस डील को 'मील का पत्थर' बताया। बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, 'यह पोर्ट कई मायनों में दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी में काफी सुधार करेगा।'
आपको बता दें, हाफिया बंदरगाह शिपिंग कंटेनरों के मामले में इजरायल में दूसरा सबसे बड़ा पोर्ट है। यहां पर्यटक क्रूज जहाजों का बड़ा बेड़ा लगता है। ऐसे समय जब हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह चारों ओर से आलोचनाओं का सामना कर रहे है उस बीच इजरायली प्रधानमंत्री का ये बयान उनके लिए राहत भरी खबर है।
नेतन्याहू ने अडानी से डील साइन किया
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Israeli PM Netanyahu) ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह डील बड़ा मील का पत्थर है..100 से अधिक साल पहले, और प्रथम विश्व विश्व के दौरान, बहादुर भारतीय सैनिकों ने हाइफ़ा शहर को आज़ाद कराने में मदद की थी। और आज, यह बहुत मजबूत भारतीय निवेशक हैं जो हाइफा के बंदरगाह को मुक्त करने में मदद कर रहे हैं।' नेतन्याहू ने अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी के साथ पोर्ट बुक पर हस्ताक्षर करने के बाद ये बातें कही।
नेतन्याहू ने किया पीएम मोदी का जिक्र
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने आगे कहा, 'उन्होंने अपने अच्छे दोस्त और भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के साथ हमारे देशों के बीच कई तरह से कनेक्टिविटी, परिवहन लाइनों और हवाई मार्गों और समुद्री मार्गों और यह आज जो हो रहा है, के इस दृष्टिकोण पर चर्चा की।'
नेतन्याहू ने बताया पोर्ट का महत्व
नेतन्याहू ने आगे कहा, 'आज जो हो रहा है उसका ऐतिहासिक महत्व है। क्योंकि हम जो देखते हैं वह शांति की दिशा में बढ़ावा है।' नेतन्याहू ने ये भी कहा, कि यह क्षेत्र बड़ी संख्या में सामानों के लिए एक प्रवेश बिंदु और निकास बिंदु बन जाएगा। जो तीन-चार बिंदुओं से गुजरे बिना अरब प्रायद्वीप के चारों ओर जाने के बिना सीधे भूमध्यसागरीय और यूरोप तक पहुंचता है।' उन्होंने कहा, वास्तव में इसकी सीधी अभिव्यक्ति करना एक बहुत अच्छा निवेश है।
आपको बता दें, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (APSEZ) और इजरायल के गैडोट ग्रुप के एक कंसोर्टियम ने पिछले साल जुलाई में हाइफा बंदरगाह के निजीकरण के लिए 1.18 बिलियन अमेरिकी डॉलर का टेंडर जीता था।