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Lahsun ka Bhaav: लहसुन के भाव से लोगों का चकरा रहा माथा, खाली हो रही जेब; बाजार में है ये दाम
Garlic Price: पिछले कुछ हफ्तों से देश में लहसुन के दाम में भारी बढ़ोतरी हुई है। इस वजह से क्या आम क्या खास सारे लोगों का मंथली बजट बिगड़ गया है। लहसुन का खुदरा बाजार भाव 300 से 400 रुपये किलो पहुंच गया है।
Garlic Price: पूरे साल में ऐसी कोई सब्जी नहीं होती है, जिसके दाम लोगों को परेशान न करते हों। बीते जुलाई और सितंबर महीने में लोगों टमाटर भाव की आग से झुलस चुके हैं। इस दौरान दमाटर के भाव इस प्रकार बढ़े की लोगों ने अपने माथा पड़क लिया था। दाम की वृद्धि को रोकने के लिए सरकार तक को हस्ताक्षेप करना पड़ा। टमाटर इस अवधि में 250 से 300 रुपये किलो तक पहुंच गया था। इसे राहत मिली तो कुछ अन्य सब्जियां महंगी हो गईं। मुलाकर बीते जुलाई से 2023 साल खत्म होने वाला है। लेकिन लोगों सब्जियों पर अधिक जेब ढीली करनी पड़ रही है। साल के आखिरी महीने दिसंबर में अब लोगों को सब्जी स्वाद का तगड़का मारने वाला लहसुन सातवें आसमान पर बात कर रहा है। मतबल इसके भाव जोरदार बढ़ हुए हैं।
400 रुपए किलो तक पहुंच गया लहसुन
दरअसल, पिछले कुछ हफ्तों से देश में लहसुन के दाम में भारी बढ़ोतरी हुई है। इस वजह से क्या आम क्या खास सारे लोगों का मंथली बजट बिगड़ गया है। लहसुन का खुदरा बाजार भाव 300 से 400 रुपये किलो पहुंच गया है, जबकि थोक बाजार भाव 150 से लेकर 250 रुपये प्रतिकिलो पर चल रहा है। फिलहाल आने वाले दिनों लोगों को लहसुन के भाव से राहत मिली नहीं नजर आ रही है। अभी लोगों को इसको लेने के लिए अधिक दाम और खर्च करने पड़ेंगे।
इस वजह से बढ़ रहे लहसुन के दाम
किसानों को कहना है कि बेमौसम बारिश से महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में लहसुन बोने वाले खेतों में मिट्टी की गुणवत्ता को प्रभावित किया है। इससे फसल कटाई में देरी हुई है। अब इसका प्रभाव दाम बढ़ोतरी के रूप में देखने को मिल रहा है। किसानों ने कहा कि लहसुन के दाम में बढ़ोतरी की वजह बेमौसम बारिश से खराब हुई फसलों के साथ फसल की कटाई में देरी है। जब तक बाजार में लहसुन की नई फसल नही आ जाती है, तब तक इसके भाव कम नहीं होने वाले हैं। अगली जनवरी तक इसी प्रकार लहसुन के भाव बने रहेंगे।
दो सीजनों में पैदा होता है भारत में लहसुन
व्यापारियों का कहना है कि जनवरी के अंत तक खुदरा कीमतें 250-350 रुपये प्रति किलो पर रह सकती हैं। अगर आपूर्ति जल्द पूरी नहीं होती है तो ये कीमत मार्च तक ऐसे ही रह सकती हैं। बता दें कि भारत में लहसुन की पैदावार दो मौसमों में किया जाता है। यह पैदावार खरीफ और रबी के मौसम में होता है। देश में खरीफ सीजन में लहसुन छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और राजस्थान उत्पादन होता है, जबकि रबी सीजन में बिहार, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल लहसुन फसल की पैदावारी की जाती है।