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Adani Group LIC: अडानी में LIC के 3200 करोड़ रुपये के स्वाहा पर महुआ मोइत्रा ने केंद्र पर फिर निशाना साधा, शेयर अब इस स्थिति में
Adani Group LIC: एलआईसी ने अडानी समूह के शेयरों में निवेश पर अब तक 49,728 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ा है, जिसके बाद अब एलआईसी का मूल्य 33,242 करोड़ रुपये रह गया है।
Adani Group LIC: हिंडनबर्ग रिपोर्ट का असर अडानी ग्रुप के शेयरों पर तो पड़ा ही है, ऊपर से समूह में निवेश करने वाली कंपनियों की भी हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है। ग्रुप में कई सरकारी कंपनियों ने भारी भरकम निवेश कर रखा है। इसमें सबसे बड़ा निवेश देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का है। एलआईसी ने अडानी ग्रुप की कंपनियों पर 82,970 करोड़ रुपये का निवेश किया है। हिंडनबर्ग के आए भूचाल से अब एलआईसी का निवेश मात्र 33,242 करोड़ रुपये रह गया है। रिपोर्ट आने से पहले एलआईसी का निवेश मुनाफे में थे, लेकिन रिपोर्ट आने के बाद से लगातार अडानी ग्रुप के शेयरों में रही गिरावट एलआईसी को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। अडानी ग्रुप में LIC के निवेश करने से हो रहे घटे पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है, साथ ही उन्होंने बीमा नियामक संस्था पर भी सवाल पूछे हैं।
ट्विट कर कहीं यह बात
मोइत्रा ने शुक्रवार को एलआईसी के निवेश पर एक रिपोर्ट साझा की और बीमा नियामक आईआरडीएआई से पूछा कि वह अडानी में बीमाकर्ता के लेनदेन की जांच क्यों नहीं कर रहा है? "अब तक @LICIndiaForever के लिए अडानी के शेयरों में 3200 हजार करोड़ रुपये का घाटा। @nsitharaman #IRDAI पर भारतीय जनता की कीमत पर अडानी का समर्थन करने का क्या दबाव है? हमें जवाब चाहिए।"
रिपोर्ट आने के बाद से लगातार हमलावार हैं मोइत्रा
बता दें कि जब से हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आई है, मोइत्रा केंद्र सरकार और नियामकों पर हमला कर रहे हैं और सुझाव दे रहे हैं कि उन्होंने अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है, के पक्ष में नियमों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया। वह हिंडनबर्ग के आरोपों की जांच के लिए बाजार नियामक सेबी द्वारा जांच की मांग कर रही है कि अडानी स्टॉक हेरफेर और धोखाधड़ी में लिप्त है। मोइत्रा यह भी चाहती हैं कि एजेंसियां इस बात की जांच करें कि सरकार के स्वामित्व वाली बीमा कंपनी को अडानी में सार्वजनिक धन का निवेश करने की अनुमति क्यों दी गई?
एलआईसी के निवेश पर यह कहा था
इस महीने की शुरुआत में निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुहिन कांत पांडे ने कहा था कि अडानी समूह की कंपनियों में एलआईसी का निवेश बीमा नियामक और उसके जोखिम प्रबंधन ढांचे के भीतर था। उन्होंने यह भी कहा कि इक्विटी सहित बीमा दिग्गज के निवेश कंपनी के 'जोखिम प्रबंधन ढांचे' के बाद किए गए थे और ये निवेश सरकारी प्रतिभूतियों में जाते हैं, जिन्हें 'एकाग्रता जोखिम पोर्टफोलियो बेंचमार्क' के तहत प्रबंधित किया जाता है।
50 दिनों में एलआईसी को इतना लगा चुना
23 फरवरी को शेयर बाजार का कारोबार खत्म होने के बाद एलआईसी ने अडानी समूह के शेयरों में निवेश पर अब तक 49,728 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ा है, जिसके बाद अब एलआईसी का मूल्य 33,242 करोड़ रुपये रह गया है। 31 दिसंबर 2022 को एलआईसी का निवेश मूल्य 82,970 करोड़ रुपये था। दिग्गज बीमा कंपनी ने ग्रुप की सात कंपनियों ने निवेश किया हुआ है। इसमें अडानी एंटरप्राइजेज, अदानी ग्रीन एनर्जी, अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन, अदानी टोटल गैस, अदानी ट्रांसमिशन, अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी शमिल हैं।
सच साबित हो रहे लगे आरोप
हिंडनबर्ग की आरोपों से भरी रिपोर्ट आने के बाद से अब तक अडानी ग्रुप के शेयरों की हालत बद से बतर हो गई है। हिंडनबर्ग ने ग्रुप की सात कंपनियों के शेयरों को 85 फीसदी ओवरवैल्यूड बताया था। अब रिपोर्ट में कही यह बात सच साबित हो रही है। शुक्रवार तक अडानी ग्रुप के शेयरों में अडानी गैस रिपोर्ट के बाद से अब तक 80.68% टूटे चुके हैं। फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज 64.10% टूटे हैं। अडानी ट्रांसमिशन 74.21%, अडानी पावर 48.40%, Adani Wilmar, , Adani Ports, Ambuja Cements और ACC 28% से लेकर 40% तक टूटे चुके हैं। वहीं, मीडिया कंपनी NDTV 41.80% तक टूटे चुके हैं।
इन आरोपों से स्वाहा हुआ इतना बाजार पूंजीकरण
बता दें कि हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी, 2023 को अडानी ग्रुप के खिलाफ एक रिपोर्ट पेश की थी। इस रिपोर्ट पर हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर शेयरों में शार्ट सेलिंग और कंपनी के खातों हेराफेर की आरोप लगाया था। इस आरोप के बाद से लगातार ग्रुप के शेयरों में गिरावट जारी है। इससे ग्रुप का बाजार पूंजीकरण 12 लाख करोड़ रुपये कम होकर 100 अरब डॉलर के नीचे चल गया है।