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आईपीओ लिस्टिंग के बाद खिले LIC निवेशकों के चहेरे, पहली बार शेयर आया इस प्राइस पर, रखें या बेचें
LIC Share Price: बीमा कंपनी के शेयरों में पिछले एक महीने में 11% की वृद्धि देखी गई है, जबकि पिछले छह महीनों यह शेयर 43% से अधिक उछला है। इसके अलावा यह स्टॉक अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर 530 रुपए से 67% बढ़ गया है।
LIC Share Price: शेयर बाजार के बीएससी का सेंसेक्स सोमवार को पहली बार 73 हजार अंकों को छुआ। बाजार में इस तेजी का असर भारतीय जीवन बीमा निगम लिमिटेड (एलआईसी) के शेयरों में भी दिखाई दिया, जिससे निवेशकों के चहरे काफी दिनों बाद खिल गए हैं। मंगलवार को कारोबार के दौरान एलआईसी के शेयरों ने पहली बार अपनी लिस्टिंग के दिन की कीमत 867.2 रुपए को पार कर लिया है। इंट्राडे में एलआईसी का शेयर 895 तक पहुंचा गया था, जो कि इसका अब तक उच्चतम स्तर है। कंपनी का शेयर आज न केवल अपनी लिस्टिंग-दिन की कीमत को पार कर लिया, बल्कि उस कीमत को भी पार कर लिया जिस पर पॉलिसीधारकों को शेयर आवंटित किए गए थे।
52-सप्ताह के निचले स्तर से 67 फीसदी की आई तेजी
भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी के शेयरों में पिछले एक महीने में 11% की वृद्धि देखी गई है, जबकि पिछले छह महीनों यह शेयर 43% से अधिक उछला है। इसके अलावा यह स्टॉक अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर 530 रुपए से 67% बढ़ गया है। पिछले साल नवंबर में एलआईसी के शेयरों में 12% और दिसंबर में 22% की बढ़ोतरी हुई थी। तब चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती ने कहा कि वह वित्तीय वर्ष 2024 में नए बिजनेस प्रीमियम में दोहरे अंक की वृद्धि हासिल करने को लेकर आशावादी हैं। कंपनी के इस नया बिजनेस में जीवन बीमा अनुबंध के पहले वर्ष में पॉलिसी पर देय होता है या पॉलिसीधारक से एकमुश्त भुगतान होता है।
इसके अलावा एलआईसी भारत की सबसे बड़ी मूल्यवान पीएसयू बनने के करीब भी पहुंच गया है। वह भारतीय स्टेट बैंक को पिछाड़ने के करीब है। एलआईसी का वर्तमान बाजार पूंजीकरण 5.6 लाख करोड़ रुपए है, जबकि एसबीआई का 5.72 लाख करोड़ रुपये है। एसबीआई इस मार्केट कैप के साथ देश का सबसे बड़ा मूल्यवान पीएसयू कंपनी बनी हुई है।
सरकार ने बेची इतने फीसदी हिस्सेदारी
बता दें कि LIC बाजार में बहुत कम फ्लोट पर काम करती है। कंपनी देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक निर्गम है। बीते मई, 2022 में सरकार ने एलआईसी की 3.5 फीसदी हिस्सेदारी आईपीओ के माध्मय से बेची थी। अभी भी कंपनी में सरकार की 96 फीसदी हिस्सेदारी है।
एलआईसी था देश का सबसे बड़ा आईपीओ
पीटीएम के बाद एलआईसी ने देश का सबसे बड़ा आईपीओ लॉन्च किया था। बाजार से आईपीओ को तो शानदार रिस्पॉन्स मिला, लेकिन लिस्टिंग के दौरान निवशेकों को नुकसान उठाना पड़ा था। कंपनी का शेयर स्टॉक मार्केट में 9 फीसदी के डिस्काउंट के साथ लिस्ट हुआ था, जबकि इसके आईपीओ का प्राइस बैंड 902-949 रुपये तय किया गया था। लिस्टिंग के बाद से स्टॉक ने अपने खुदरा आईपीओ मूल्य या मूल आईपीओ मूल्य का दोबारा परीक्षण नहीं किया है।
लंबे समय तक चलेगा व्यापार
कैपिटलमाइंड के दीपक शेनॉय ने कहा, "एलआईसी अगले 2 वर्षों में भारत की शीर्ष आठ सबसे अधिक लाभदायक कंपनियों में से एक होने जा रही है और यह एक ऐसा व्यवसाय है जो लंबे समय तक चलने लायक है और जैसे-जैसे अधिक जानकारी उपलब्ध होने लगेगी, इसका पुनर्मूल्यांकन होगा।
जानिए शेयर के सुधार के बारे में
LIC ने अपनी लिस्टिंग के बाद से लगभग 40% सुधार के साथ बहुत कमजोर नोट पर अपनी यात्रा शुरू की। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में यह उच्च ऊंचाई और उच्च चढ़ाव के गठन के बाद अपने डाउनट्रेंड को बदलने में कामयाब रही। इसमें ₹750 के स्तर से ऊपर एक स्विंग ब्रेकआउट देखा गया, जिसने स्टॉक को 900 रुपए के स्तर तक पहुंचा दिया। अगली बाधा 920 पर रखी गई है, जो एक बार पार हो जाने और कायम रहने के बाद स्टॉक को ₹1,100 के स्तर तक ले जा सकती है।
आज शेयर 3 फीसदी से अधिक उछाल पर
बता दें कि आज कारोबार के दौरान एलआईसी के शेयर 3.8% बढ़कर 887.30 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे हैं।