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मोदी सरकार का एक फैसला...और दुनियाभर में महंगा हो गया गेहूं-चावल, जानें कीमतों में भारी उछाल की वजह
हाल के वैश्विक घटनाक्रम, रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच जारी जंग बीच दुनिया में 'खाने की समस्या' पैदा हो गई है। क्या आपको पता है कि, इस वैश्विक खाद्य समस्या के पीछे भारत का एक फैसला है?
Modi Government Wheat Export : हाल के वैश्विक घटनाक्रम तथा रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बीच जारी जंग बीच दुनिया में 'खाने की समस्या' पैदा हो गई है। क्या आपको पता है कि, इस वैश्विक खाद्य समस्या के पीछे भारत का एक फैसला है? दरअसल, भारत ने गेहूं निर्यात (Wheat Export) सहित कई अन्य आवश्यक सामान पर पाबंदियां लगा दी है। इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ रहा है। वहीं, वैश्विक बाजार पर इसका सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। भारत द्वारा निर्यात पर लगाई गई रोक के बाद विदेश में कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं।
बता दें, इस बारे में संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एजेंसी ने जानकारी दी। खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) मूल्य सूचकांक (Price Index) मई 2022 में औसतन 157.4 अंक रहा। जो अप्रैल से 0.6 प्रतिशत कम है। जबकि, पिछले साल यानी मई 2021 की तुलना में 22.8 प्रतिशत अधिक है। ज्ञात हो कि, FAO खाद्य वस्तुओं की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में मासिक बदलाव पर नजर रखता है।
मई में इंडेक्स ने क्या दिया इशारा?
खाद्य एवं कृषि संगठन या एफएओ (FAO) खाद्य मूल्य सूचकांक (Food Price Index) मई में औसतन 173.4 अंक रहा। यह इसी साल अप्रैल से 3.7 अंक यानी 2.2 प्रतिशत तथा मई 2021 के मूल्य से करीब 39.7 अंक या 29.7 फीसद अधिक रहा। इस बारे में एजेंसी का कहना है कि, 'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेहूं की कीमतों में लगातार चौथे महीने (मई) 5.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। यह पिछले वर्ष के मूल्य से औसतन 56.2 फीसद अधिक तथा मार्च 2008 में रिकॉर्ड बढ़ोतरी से केवल 11 फीसदी कम थी।'
गेहूं निर्यात पर रोक
FAO के चीनी मूल्य सूचकांक (Sugar Price Index) में अप्रैल के मुकाबले करीब 1.1 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। इसकी प्रमुख वजह भारत में भारी उत्पादन से वैश्विक स्तर पर उपलब्धता की संभावना बढ़ना है। गौरतलब है, कि भारत ने घरेलू स्तर पर बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के उपायों के तहत इसी साल 13 मई को गेहूं के निर्यात पर रोक लगाने का फैसला किया था।
मोटे अनाज की कीमतों में गिरावट
खाद्य एवं कृषि संगठन के अनुसार, 'कई प्रमुख निर्यातक देशों (exporting countries) में फसल की स्थिति पर चिंता तथा युद्ध के कारण यूक्रेन में उत्पादन कम होने की आशंका के बीच भारत के गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की वजह से गेहूं की कीमत तेजी से बढ़ रही है। वहीं इसके उलट, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोटे अनाज की कीमतों में मई में 2.1 प्रतिशत की गिरावट आई है। मगर, कीमतें एक साल पहले के उनके मूल्य की तुलना में 18.1 फीसदी अधिक रहीं।