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Mushroom Farming: लगाएं मशरूम, कमाए लागत का 10 गुना, जानिए कैसे होती है खेती
Mushroom Farming: मशरूम में कई पौष्टिक गुण पाये जाते हैं, इसलिए बाजार में इसकी मांग अधिक रहती है,क्योंकि लोग इसको अपने खान पान में शामिल करते हैं।
Mushroom Farming: एक समय था जब लोग खेती नहीं करना चाहते तो और गांव छोड़ बाहर कमाने के लिए चले जाते थे। ऐसा इसलिए होता था कि तब लोग खेती को लेकर ज्यादा शिक्षित नहीं होते थे और अधिकांश दो ही फसलों (गेहूं व धान) पर आधारित रहा करते थे। जैसे समय बदला केंद्र व राज्य सरकारों ने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए ध्यान देना शुरू किया तो उसका नतीजा यह रहा है कि कृषि विद्यालय खुले, फसलों पर शोध होना शुरू हुए, किसानों को घर बैठे खेती करने के तरीके और सीजन के हिसाब से फसलों के बोने की जानकारी मिलने लगी। इसका परिणाम यह रहा कि अब पहले की तुलना में खेती में अधिक आमदनी होने लगी।
अब तो पढ़े लिखे युवा व कई लोग लाखों की नौकरी छोड़कर खेती कर रहे हैं।। लगातार रिसर्च कर अपने ज्ञान के माध्यम से उन फसलों पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं, जिनकी बाजार में मांग अधिक रहती है और अन्य फसलों की तुलना में कीमत भी अधिक मिलता है. स्थिति यह है कि जितना वह नौकरी में नहीं कमा पाते थे, उससे कहीं अधिक अब वह खेती से कमा रहे हैं। वहीं, अगर मशरूम की खेती की बात करें तो इसके माध्यम से भी कई लोग लाखों रुपये सालाना कमा रहे हैं। तो आइये जानते हैं कि मशरूम की खेती कैसे करें और इसको करने से कितना लाभ कमा सकते हैं।
इसलिए रहती है मांग
मशरूम में कई पौष्टिक गुण पाये जाते हैं, इसलिए बाजार में इसकी मांग अधिक रहती है,क्योंकि लोग इसको अपने खान पान में शामिल करते हैं। सबसे अधिक बात यह है कि इसकी खेती करने के लिए ज्यादा जमीन की जरूरत नहीं होती है। अगर आप चाहें तो अपने घरों में भी उगा सकते हैं। भूमिहीन किसानों के लिए तो यह फसल वरदान साबित होती है।
लागत और कमाई
आपको बता दें कि मशरूम की खेती करने में ज्यादा धन की आवश्यकता नहीं होती है और यह कम लागत में अच्छा कमाई का साधन है। उदाहरण के लिए अगर आप मशरूम की खेती में 10 शुरू खर्च करते हैं 40 रुपये कमा सकते हैं। मशरूम करने वाले एक किसान का कहना है कि इसकी खेती करने में वैसे तो 50 से 60 हजार रुपये की लागत लगती है। अगर आप इतनी लागत लगाते हैं को एक साल में 3 से 4 लाख रुपये महीना कमा सकते हैं। यह फसल 2 से लेकर 3 महीने में तैयार हो जाती है।
इतने होते हैं प्रमुख मशरूम
जानकारों का कहना है कि मशरूम की कई हजार प्रजातियां दुनिया भर में पाई जाती हैं लेकिन इनमें से कुछ ही खाने योग्य होते हैं। जैसे कि बटन मशरूम, शिटाके मशरूम, ऑयस्टर मशरूम, मिल्की मशरूम, पुआल मशरूम, क्रेमिनि मशरूम, एनोकी मशरूम और पोर्सिनी मशरूम हैं।
ऐसे करें मशरूम की खेती
- इसको उगाने के लिए कंपोस्ट खाद चाहिए
- उसके बाद उसको धान की पुआल या गेहूं के भूसे लगा सकते हैं
- इसके लिए 22-25 सेंटीग्रेड तापमान और 80-85 प्रतिशत नहीं होना जरूरी है।
- यह रबी सीजन वाली फसल है तो इसको अक्टूबर से फरवरी के बीच उगाने का सबसे अच्छा समय माना गया है।
- अच्छी कम्पोस्ट खाद के लिए अमोनियम व नाइट्रोजन होना जरूरी है और इसकी मात्रा 1.5-2.5 फीसदी हो।
मिली है सब्सिडी
इतना ही नहीं, देश में मशरूम का उत्पादन अधिक हो, इसके लिए सरकार भी लोगों को आर्थिक सहायता व सब्सिडी मुहैया करा रही है। अगर व्यवसाय व रोजगार के लिए यह खेती करना चाहते हैं तो सरकार से सहायता प्राप्त कर सकते हैं। सरकार इस पर 40-50 फीसदी तक सब्सिडी प्रदान कर रही है। इसके लिए आप अपने जिले के कृषि विज्ञान केंद्र के अलावा पशुपालन विभाग से बातचीत कर सकते हैं।