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एन चंद्रशेखरन फिर बने टाटा संस के चेयरमैन, रतन टाटा ने की नाम की सिफारिश
Tata Sons Executive Chairman: चंद्रशेखरन साल 2017 में पहली बार टाटा संस के चेयरमैन बनाए गए थे, ऐसे में इस साल 20 फरवरी को उनका कार्यकाल खत्म होने वाला था।
Tata Sons Executive Chairman: एन चंद्रशेखर के पिछले पांच साल के कार्यकाल की समीक्षा करते हुए टाटा संस (Tata Sons) बोर्ड ने शुक्रवार को उनका कार्यकाल 5 साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। एन चंद्रशेखर एक बार फिर से टाटा संस (Tata Sons) के चेयरमैन पद की बागडोर संभालेंगे। दरअसल, चंद्रशेखरन साल 2017 में पहली बार टाटा संस के चेयरमैन बनाए गए थे, ऐसे में इस साल 20 फरवरी को उनका कार्यकाल खत्म होने वाला था। लेकिन उनके कार्य की समीक्षा करते हुए उन्हें दोबारा चेयरमैन पद का कार्यभार सौंपा गया है।
रतन टाटा चंद्रशेखरन के काम से हैं संतुष्ट
कंपनी की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि एन चंद्रशेखरन के काम से टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) संतुष्ट हैं। बयान के मुताबिक, टाटा संस के बोर्ड मीटिंग में रतन टाटा भी मौजूद थे और उन्होंने एन चंद्रशेखरन के नेतृत्व में टाटा ग्रुप की प्रगति और प्रदर्शन पर संतोष जताया है। इसके साथ ही उन्होंने सिफारिश की कि उनके कार्यकाल को और पांच साल तक बढ़ा दिया जाए।
एक अधिकारी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि रतन टाटा ने टाटा संस के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन के रूप में एन चंद्रशेखरन का कार्यकाल पांच साल के लिए बढ़ाने की सिफारिश की। साथ ही मीटिंग में मौजूद बोर्ड के सदस्यों ने भी उनके काम की तारीफ करते हुए अगले 5 साल के लिए उनकी नियुक्ति के फैसले पर सर्वसम्मति से मुहर लगा दी है।
एन चंद्रशेखरन के सामने थीं कई चुनौतियां
आपको बता दें कि टाटा संस के चेयरमैन का पद बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि वह टाटा ग्रुप की कंपनियों का भी हेड होता है। वहीं, जब एन चंद्रशेखरन पहली बार टाटा संस के चेयरमैन बनाए गए थे, तब यह ग्रुप लीडरशिप क्राइसिस से गुजर रहा था। ऐसे में चंद्रशेखर के सामने ग्रुप को संकट से उबारने और टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टीसीएस जैसी कंपनियों को आगे बढ़ाने की भी चुनौती थी। चंद्रशेखरन को टाटा ग्रुप में 34 साल का एक्सपीरियंस है। 2017 में टाटा संस के चेयरमैन बनाए जाने के समय वह टीसीएस के प्रमुख थे।