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Modi Government Asset Monetisation: जानिए वित्त मंत्री का क्या है विनिवेश प्लान, कैसे 6 लाख करोड़ रुपये जुटाएगी सरकार
Modi Government Asset Monetisation: केंदीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन योजना की शुरुआत की।
Modi Government Asset Monetisation: केंदीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन योजना की शुरुआत की। केंद्र की मोदी सरकार की राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे रूट, स्टेडियम, वेयरहाउस, पावर ग्रिड पाइपलाइन जैसी सरकारी बुनियादी ढांचा संपत्तियों को निजी क्षेत्र को कमाई के लिए लीज पर देकर करीब 6 लाख करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बनाया इन संपत्तियों का मालिकाना हक सरकार के पास ही रहेगा। सिर्फ इन्हें कमाने के लिए ही पार्टियों को दिया जाएगा, जिसे वे कुछ साल के बाद वापस कर देंगी। नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन(NMP) सरकार का आने वाले 4 वर्षों में संपत्तियों से कमाई का एक प्रोग्राम है।
क्या है योजना
सरकार की इस योजना का नाम नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) है। सरकार का कहना है कि वह अपनी संपत्तियों से आने वाले चार साल यानी वित्त वर्ष 2022 से लेकर 2025 तक छह लाख करोड़ रुपये कमा सकती है। वित्त मंत्री की तरफ से 2021-22 के बजट भाषण में भी इसका जिक्र किया गया था।
सरकार कैसे करेगी कमाई
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया है कि सिर्फ ब्राउनफील्ड असेट्स के लिए NMP योजना है। जिन संपत्तियों में सरकार ने निवेश किया है और वह बेकार पड़ी हैं, उनसे कमाई नहीं हो रही है या उसका पूरा इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। सरकार उन्हीं संपत्तियों को निजी क्षेत्र को कमाई के लिए लीज पर देकर 6 लाख करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही है।
संपत्तियों को बेचेगी सरकार?
सरकार के इस एलान के बाद सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या सरकार संपत्तियों को बेच देग, तो जवाब नहीं। जी हां वित्त मंत्री निर्मण सीतारमण ने बताया है कि यह सिर्फ कमाई के लिए है। इन संपत्तियों पर मालिकाना हक सरकार का ही रहेगा। कंपनियां सरकार के साथ एक करार के तहत हिस्सेदारी करेंगी जिससे बेकार पड़ीं या कम इस्तेमाल में आ रहीं संपत्तियों से कमाई की जा सके।
योजना से जुड़े हैं ये मंत्रालय
केंद्र सरकार ने रेल, ऊर्जा, सड़क परिवहन और राजमार्ग,पाइपलाइन और प्राकृतिक गैस, जहाजरानी, बंदरगाह और जल मार्ग, नागरिक उड्डयन, दूरसंचार, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, खनन, कोयला, शहरी आवास जैसे मंत्रालयों को इस योजना से जोड़ा है।
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