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चुनाव खत्म...महंगाई के दिन शुरू, एक्सप्रेसवे पर सफर करना हुआ महंगा, बढ़ा गया टोल
NHAI Hiked Toll: NHAI ने सोमवार से पूरे देश में टोल राशि में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इस बढ़ोतरी के बाद से एक्सप्रेसवे का उपयोग करने वाले वाहनों को आज से अधिक राशि का भुगतान करना होगा।
NHAI Hiked Toll: केंद्र की सत्ता में नई सरकार आने से पहले आम जनता को महंगाई का डबल डोज नए महीने के तीसरे दिन मिला है। अब लोगों को अपनी जेब अधिक ढीली करने की पड़ेगी, क्योंकि नए महीने, जून के पहले सोमवार को दूध और टोल के दाम बढ़ गए हैं। अमूल इंडिया और मदर डेयरी ने सोमवार को दूध की पैकटों में 2 से 3 रुपए की वृद्धि की है तो वहीं भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने भी पूरे देश में टोल की कीमतों में इजाफा कर दिया है। इसकी बढ़ी हुई नई कीमतें सोमवार से ही लागू हो गई हैं। सोमवार को देश की जनता को महंगाई की दोहरी मार पड़ी है। इससे उन्हें अब अपने महीने की बजट में और पैसे जोड़ने होंगे, ताकि इसका लाभ ले सकें।
पूरे देश में 5 फीसदी बढ़ी टोल राशि
NHAI ने सोमवार से पूरे देश में टोल राशि में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इस बढ़ोतरी के बाद से एक्सप्रेसवे का उपयोग करने वाले वाहनों को आज से अधिक राशि का भुगतान करना होगा। NHAI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को बताया कि था कि 3.06.2024 से देश भर में टोल राशि में 5 फीसदी की वृद्धि हो जाएगी। टोल शुल्क में बदलाव उन दरों को संशोधित करने की वार्षिक कवायद का हिस्सा है, जो थोक मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति में बदलाव से जुड़ी हैं।
अप्रैल से लागू होनी थी नई वृद्धि
राष्ट्रीय स्तर पर टोल राशि में 5 फीसदी की वृद्धि पहले एक अप्रैल से होनी थी, लेकिन इसको देश में लोकसभा चुनाव को देखते टाल दिया गया था। 1 जून को सात चरणों का लोकसभा चुनाव खत्म हो गया है। 04 जून को चुनाव के परिणाम आने हैं, लेकिन उससे पहले 3 जून, 2024 को NHAI ने टोल कीमतों में वृद्धि करते हुए वाहन चालकों को बढ़ा झटका दिया है। राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क पर लगभग 855 उपयोगकर्ता शुल्क प्लाजा हैं, जिन पर राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों और संग्रह का निर्धारण) नियम, 2008 के अनुसार उपयोगकर्ता शुल्क लगाया जाता है। इनमें से लगभग 675 सार्वजनिक वित्त पोषित शुल्क प्लाजा हैं और 180 रियायतकर्ताओं द्वारा संचालित हैं।
50 हजार करोड़ पहुंचा टोल संग्रह
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, टोल वाली सड़कों में तेज वृद्धि और नए फास्टैग उपयोगकर्ताओं को जोड़ने के कारण वित्तीय वर्ष 2023-24 में टोल संग्रह 50,000 करोड़ रुपये (नवंबर 2023 तक) को पार कर गया। 2018-19 में टोल संग्रह 25,154.76 करोड़ रुपये, 2019-20 में 27,637.64 करोड़ रुपये, 2020-21 में 27,923.80 करोड़ रुपये, 2021-22 में 33,907.72 करोड़ रुपये और 2022-23 में 48,028.22 करोड़ रुपये रहा। देश में कुल टोल लंबाई वित्त वर्ष 19 में 25,996 किलोमीटर से बढ़कर वित्त वर्ष 24 के नवंबर-अंत तक 45,428 किलोमीटर हो गई है। भारत में लगभग 66.71 लाख किलोमीटर सड़क नेटवर्क है, जो दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा है।
7 करोड़ से अधिक फास्टैग यूजर्स
देश में 30 नवंबर, 2023 तक 7.98 करोड़ से अधिक फास्टैग यूजर्स हैं। फरवरी 2021 में राष्ट्रीय राजमार्गों पर शुल्क प्लाजा की सभी लेन को फास्टैग लेन घोषित करने के बाद फास्टैग के माध्यम से टोल संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। आंकड़ों के अनुसार, एनएच शुल्क प्लाजा पर फास्टैग के माध्यम से औसत दैनिक संग्रह 147.31 करोड़ रुपये है और वित्त वर्ष 23-24 (नवंबर 2023 तक) में एनएच शुल्क प्लाजा पर औसत दैनिक ईटीसी लेनदेन की संख्या 86.61 लाख रुपये है।