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नोएडा: गारमेंट कारोबार को 9000 करोड़ की चपत, निर्यातकों का ऑर्डर बांग्लादेश व वियतनाम शिफ्ट

यूएस और यूरोप के खरीदारों ने नोएडा के गारमेंट कारोबार के निर्यातकों का ऑर्डर बांग्लादेश व वियतनाम में शिफ्ट कर दिया है।

Deepankar Jain
Reporter Deepankar JainPublished By Chitra Singh
Published on: 24 May 2021 5:21 PM GMT
नोएडा: गारमेंट कारोबार को 9000 करोड़ की चपत, निर्यातकों का ऑर्डर बांग्लादेश व वियतनाम शिफ्ट
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नोएडा गारमेंट्स इंडस्ट्री (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

नोएडा: इन दिनों नोएडा गारमेंट्स इंडस्ट्री (Garments Industry) के कारोबार पर संकट के बादल मंडराने रहे है, क्योंकि यूएस (US) और यूरोप (Europe) के खरीदारों ने नोएडा के निर्यातकों का 35 फीसदी ऑर्डर बांग्लादेश (Bangladesh) व वियतनाम (Vietnam) में शिफ्ट कर दिया हैं। ऐसे में वित्तीय वर्ष 2021-22 में निर्यातकों को करीब नौ हजार करोड़ रुपये की सीधी चपत लग गई है। खरीदारों ने ऑर्डर शिफ्ट करने का कारण दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार को बताया है।

हवाला दिया है कि निर्यातकों के लिए इन हालात में ऑर्डर सप्लाई कर पाना संभव नहीं होगा। खरीदारों के इस फैसले ने नोएडा ही नहीं, बल्कि दिल्ली-एनसीआर के निर्यातकों के लिए संकट खड़ा कर दिया है। हालांकि नोएडा अपैरल एक्सपोर्ट क्लस्टर की ओर से पूरा आरोप विदेशी मीडिया पर मढ़ा जा रहा है, जिनकी वजह से भारत की छवि खराब हो रही है। इस कारण से ऑर्डर शिफ्ट हुए हैं।

बता दें कि नोएडा में प्रति वर्ष करीब 25 हजार करोड़ रुपये का गारमेंट्स निर्यात है। इसमें से 80 फीसदी ऑर्डर अप्रैल व मई में यूएस व यूरोप की ओर से दिया जाता है, जिसकी सप्लाई जुलाई अंतिम सप्ताह से सितंबर मध्य तक होती है, चूंकि यह ऑर्डर क्रिसमस से संबंधित होता है, जिसके लिए यूएस व यूरोप में खरीदारी होती है, लेकिन पिछले दो माह से नोएडा समेत एनसीआर में कोरोना का जिस प्रकार से प्रकोप है, एनसीआर के शहरों में लगातार कोरोना से मौत का आंकड़ा बढ़ा है। इससे भयभीत कामगारों का नोएडा सहित पूरे एनसीआर से पलायन हो गया है। ऐसे में नोएडा में गारमेंट्स की संचालित 3000 इकाइयों का पूरा उत्पादन 30 फीसदी कामगारों पर टिका हुआ है। इससे निर्यातकों को काफी दिक्कत हो रही है। हालांकि कामगारों की समस्याओं का निदान करने के लिए खुद नोएडा अपैरल एक्सपोर्ट क्लस्टर प्रयासरत है, कामगारों का पलायन रोकने को हर संभव प्रयास कर रहा है। सरकार से वैक्सीनेशन में तेजी लाने व कामगारों को बुलाने के लिए कहा जा रहा है।

गारमेंट्स इंडस्ट्री (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

कामगारों के पलायन और महंगाई से बढ़ी समस्या

कोरोना संक्रमण काल में वैसे ही औद्योगिक इकाइयों कामगारों की समस्याओं से जूझ रही है। होली व पंचायत चुनाव में अपने अपने गृह जनपद गए कामगार वापस नहीं लौटे हैं। कोरोना संक्रमण में कामगारों को सुरक्षा का भय सता रहा है। अस्पतालों में इलाज मिल नहीं रहा है, ऊपर से महंगाई ने कमर तोड़ रखी है। इकाइयों में तैनात कामगार लगातार वेतन बढ़ाने का दबाव बना रहे है, लेकिन उन्हें इन हालात में बढ़ा वेतन देने में असमर्थता जताई जा रही है, इसलिए उन्हें रोक पाना मुश्किल हो रहा है।

गारमेंट्स कारोबार की नोएडा में स्थिति

कुल कारोबार- 30 हजार करोड़ रुपये

निर्यातक- 1200 यूनिट

गारमेंट्स इंडस्ट्री- 3000 यूनिट

गारमेंट्स निर्यात- 25 हजार करोड़ रुपये

घरेलू गारमेंट्स- 5 हजार करोड़ रुपय

कामगारों के बिना ऑर्डर को पूरा कर पाना संभव नहीं है। वैसे ही 30 फीसदी मैन पावर पर इकाइयों का संचालन हो रहा है। ऊपर से कामगार इन हालात में काम पर आने को तैयार नहीं है।

Chitra Singh

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