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Budget Session 2024: मोदी 2.0 का 1 फरवरी को पेश होगा आखिरी बजट, किसानों-महिलाओं के लिए सरकार खुल सकती पिटारा
Parliament Budget Session 2024: इस बजट में पीएम किसान सम्मान निधि की राशि में बढ़ोतरी के अलावा सरकार के पास एजेंडे में कोई बड़ा विधायी कार्य नहीं है।
Parliament Budget Session 2024: संसद के बजट सत्र की तारीख का आधिकारिक ऐलान गुरुवार हो गया है। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी, 2024 से शुरू होने जा रहा है। केंद्र की मोदी सरकार अपना अंतरिम बजट पेश करने जा रही है। 1 फरवरी, 2024 को सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का आखिरी एव अतंरिम बजट-2024 पेश करेगी। सूत्रों की मानें तो इस दौरान मोदी सरकार लोकसभा चुनाव को देखते हुए किसानों और महिलाओं को साधने के लिए कुछ घोषणाएं कर सकती हैं। हालांकि सरकार की ओर इस बजट में कोई बड़ी घोषणाएं होने की संभावनाएं नहीं है, जिसके बारे में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही विभिन्न मंचों से बात चुकी हैं।
31 जनवरी को दोनों संदनों को करेंगी राष्ट्रपति संबोधित
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी शुरु हो रहा है। यह 9 फरवरी तक चलेगा। बजट की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद लोकसभा व राज्यसभा दोनों सदनों को संबोधन करने के साथ शुरू हो जाएगी। राषट्रपति 31 जनवरी को बजट सत्र के दोनों को संबोधित करेंगी। उसके बाद 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी एवं अंतरिम बजट पेश करेंगी।
सरकार बढ़ा सकती है किसान सम्मान निधि
सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार इस अंतरिम बजट में लोकसभा चुनाव को देखते हुए देश भर में किसानों और महिलाओं को अपने पक्ष में लाने के लिए कुछ घोषणाएं करने की संभावनाएं हैं। इसमें सरकार सबसे बड़ी घोषणा यह कर सकती है, वह पीएम किसान सम्मान निधि की राशि में इजाफा कर सकती है। सरकार महिलाओं के लिए किसान सम्मान निधि राशि 12 हजार रुपये करने का इरादा किया है। हालांकि सरकार की ओर से अभी तक इसको लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। ऐसी संभावनाएं लगाई जा रही हैं। अभी तक मोदी सरकार पीएम किसान सम्मान निधि के जरिये लाभार्थियों को सालाना 6 हजार रुपये प्रदान करती है।
कोई बड़ा विधायी कार्य नहीं
इस बजट में पीएम किसान सम्मान निधि की राशि में बढ़ोतरी के अलावा सरकार के पास एजेंडे में कोई बड़ा विधायी कार्य नहीं है।
शीतकालीन सत्र चढ़ा हंगामे की भेंट
इससे पहले बीते साल चार दिसंबर को शुरू हुए संसद का शीतकालानी सत्र अपने तय समय से पहले खत्म हुआ था। केंद्र सरकार का आखिरी शीतकालीन सत्र काफी हंगामे से भरा रहा। संसद सुरक्षा चूक के मामले में संसद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान देने की मांग को लेकर पूरे सत्र में विपक्षीय दलों के सांसदों द्वारा खूब हंगामा काटा, जिसके चलते विरोध दलों के 100 से अधिक सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया, जो अपने आप में एक सत्र में इतनी भारी संख्या में सांसदों के निलंबन का रिकॉर्ड दर्ज हो गया। वहीं, सरकार के लिहाज से आखिरी शीतकालीन सत्र काफी महत्वपूर्ण रहा। भारी हंगामें के बीच भी सरकार ने कई महत्वपूर्ण बिल पास कराए। इसमें अपराधर व न्याय से जुड़े बिल शामिल थे।
जानिए पिछले बजट सत्र में कितना हुआ था काम
थिंक टैंक पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल बजट सत्र के दूसरे हिस्से में उत्पादकता 5.3 फीसदी रही थी, जबकि पहले हिस्से में 83.8% फीसदी उत्पादकता थी। हालांकि बाकी सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। लोकसभा में 34% और राज्यसभा में 24% कामकाज हुआ। लोकसभा ने 133.6 घंटे के तय समय के मुकाबले करीब 45 घंटे तक कार्य किया, जबकि राज्यसभा ने 130 में से करीब 31 घंटे से अधिक कार्य हुआ।